गैंगरेप से परेशान ननद और भाभी की खुदकुशी का मामला, वारदात और क्राइम तक की खबर का बड़ा असर, डीएसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों पर सख़्त एक्शन, परिवार को दस लाख की मदद

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हरनेक सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Rajasthan Ganganagar News: श्री गंगानगर से बड़ी खबर आयी है। ये खबर भी है और क्राइम तक का असर भी है। ननद-भाभी आत्महत्या मामले में सख़्त एक्शन हुआ है। क्राइम तक में खबर लिखे जाने के बाद श्री गंगानगर जिला प्रशासन में  हड़कंप मच गया था। खबर लिखे जाने के बाद प्रशासन ने पीड़ित परिवार की सभी शर्ते मान ली हैं। इसी कड़ी में सूरतगढ़ DSP प्रतीक मील DSP के रीडर सहित 3 युवकों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रशासन के आश्वासन के बाद परिवार ने धरना समाप्त कर दिया है। पीड़ित परिवार को सहायता के तौर पर एक बार 10 लाख की मदद की गई है।

श्रीगंगानगर जिले में तीन युवकों द्वारा गैंगरेप किए जाने के कारण परेशान होकर ननद और भाभी ने खुदकुशी कर ली। इस मामले को लेकर अब बवाल हो गया है। भाभी ने 3 महीने पहले आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी जबकि बीती रात नंनद ने भी फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है। यानी तीन महीनों के अंदर आरोपियों से परेशान होकर दो महिलाओं ने खुदकुशी कर ली।

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मामला सूरतगढ़ के राजियासर थाना इलाके के गांव सांवलसर का है, जहां बीती रात एक युवती ने घर में ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका के भाई ने बताया कि गांव के तीन युवक पिछले कई समय से उसकी पत्नी को परेशान कर रहे थे और उन्होंने उसकी पत्नी के आपत्तिजनक फोटो वीडियो बना लिए और उसे वायरल करने की धमकी देकर देह शोषण करने लगे।

एक आरोपी नेता का बेटा! 

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इसके बाद इन तीन युवकों ने उसकी पत्नी से ननंद से भी बात करवाने के लिए कहा। बात नहीं करवाने पर फोटो और वीडियो को वायरल करने की धमकी दी। ऐसे में समाज में बदनामी के डर से उसकी पत्नी ने अपनी ननद की बात भी इन तीन युवकों से करवाई। इन तीन युवकों ने उसकी ननंद को डरा धमका कर उसका भी देह शोषण करना शुरू कर दिया। इसी बीच दिसंबर महीने में उसकी पत्नी ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। स्वाति की 23 फरवरी को मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस में इन तीन युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने सिर्फ मुकदमा दर्ज कर खानापूर्ति की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने दबाव बनाया और सिर्फ झूठे आश्वासन दिए।

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ऐसा शुरू हुआ था मामला, तीन महीने पहले महिला ने की थी खुदकुशी

पूरे मामले की शुरुआत आज से एक साल पहले शुरू होती है, जब आभा की भाभी स्वाति कॉलेज पढ़ने के लिए जाती है। उसके साथ ही गांव के तीन लड़के भी उसके साथ कॉलेज पढ़ने के लिए जाते हैं और वह किसी न किसी तरह से स्वाति का मोबाइल नंबर हासिल कर लेते हैं। आभा की भाभी स्वाति की बात इन तीनों लड़कों के साथ होना शुरू हो जाती है। उसके बाद यह लड़के एक दिन आभा की भाभी को किसी सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करते हैं और वीडियो क्लिप बना लेते हैं और उसे वीडियो क्लिप बना लेने के बाद यह आभा की भाभी स्वाति के साथ लगातार दुष्कर्म करते रहते हैं।

तीन महीनों में दो महिलाओं ने की खुदकुशी 

उसके बाद यह आभा की भाभी को आभा के साथ बातचीत करवाने के लिए प्रेशर डालते हैं। ये सारी बात स्वाति आभा को बताती है। इसके बाद आभा भी युवकों से बात करना शुरू कर देती है। आभा जब इन तीनों युवकों के साथ बात करना शुरू कर देती है तो इसी दौरान यह लोग आभा के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। उसके साथ भी बलात्कार करते हैं। यह सिलसिला लगातार चलता रहता है।  

…जब पुलिस ने ही दी धमकी

एक दिन आभा और आभा की भाभी स्वाति खेत में होती हैं और आरोपी वहां पर पहुंच जाते हैं और बारी-बारी से दोनों के साथ लगातार बलात्कार करते हैं। इससे परेशान होकर आभा की भाभी स्वाति ने खुदकुशी कर ली। ये वाक्या तीन महीने पहले हुआ था, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। आरोप है कि पुलिस आरोपियों के साथ मिल गई। 

पुलिस पर लगाए संगीन इल्जाम, पुलिस बोली - आरोपी एक, सारे थोड़ी, DSP सूरतगढ़ पर आरोप

आरोपियों का दुस्साहस देखिए, वो उसकी मौत के बाद भी लगातार आभा को परेशान कर रहे थे। जब आभा ने सारी बातें अपने घर वालों को बताई, उसके बाद मामला राजिया सर थाने तक पहुंचा। DSP सूरतगढ़ ने आभा की बातें सुनी। आरोप है कि मदद करने के बजाय पुलिस लगातार आभा को परेशान करती रही और धमकाती रही। यहां तक कि उलटे उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी तक दे डाली। आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता को कहा कि वो एक आरोपी का नाम लें, सभी का नहीं। आरोप है कि डीएसपी ने पीड़िता आभा से उलटे सवाल पूछे। 

एसपी ने नहीं की कार्रवाई, यहां तक कि पुलिसवालों ने आभा को जेल भेजने तक की धमकी दी

थकहार कर वो एसपी से मिलने पहुंची। इस बात को लेकर आभा श्रीगंगानगर एसपी के सामने भी पेश हुई और आप बीती गंगानगर एसपी  गौरव यादव को बताई। आभा ने कहा, 'तीन लड़कों ने मेरे पूरे परिवार को बर्बाद कर रख दिया है, पहले तो इन लड़कों ने मेरी भाभी की जिंदगी को खराब किया और बाद में इन्होंने भाभी की मदद लेकर मेरे जिंदगी को बर्बाद किया।' 

राजस्थान पुलिस पर बड़ा सवाल 

लेकिन शायद आभा को पुलिस के आश्रवासनों पर यकीन नहीं हुआ और जिंदगी से हताश आभा ने भी देर रात खुदकुशी कर ली। आभा के भाई गोपी राम ने कहा, ‘मेरी पत्नी इन लड़कों के साथ पढ़ती थी और वहीं से इन लड़कों ने मेरी पत्नी के नंबर लेकर उसके साथ बातचीत की और उसके साथ दुष्कर्म किया और उसको ब्लैकमेल करने के साथ-साथ इन्होंने मेरी बहन को भी ब्लैकमेल किया। यहां तक कि पुलिसवालों ने आभा को जेल भेजने तक की धमकी दी।’ आरोपियों के नाम है शिवचंद, लालचंद और अशोक हैं। 

क्यों आभा की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की?

बताया जा रहा है कि स्वाति के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। पुलिस ने 304 b का मुकदमा दर्ज हुआ है और 2 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, जब कि तीसरा फरार है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल राजस्थान पुलिस पर खड़ो हा गया है कि आखिरकार उन्होंने न्याय क्यों नहीं किया? 

क्यों सारे आरोपी इस केस में गिरफ्तार नहीं हुए?

आभा की शिकायत पर अगर पुलिस कार्रवाई करती तो शायद वो जिंदा होती, लेकिन अफसोस राजस्थान पुलिस की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी, जिसने समय रहते इंसाफ नहीं किया और अब तक नहीं कर रही है। 

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