'कुतुब मीनार एक स्मारक, यहां किसी भी धर्म को पूजा-पाठ की इजाजत नहीं'
ASI on Qutub Minar: 'कुतुब मीनार एक स्मारक, यहां किसी भी धर्म को पूजा-पाठ की इजाजत नहीं' do read more and latest crime stories at crime tak website.
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अनीषा माथुर/संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
ASI on Qutub Minar : 'कुतुब मीनार एक स्मारक, यहां किसी भी धर्म को पूजा-पाठ की इजाजत नहीं', ये कहना है ASI। ASI ने कहा, कुतुब मीनार को 1914 से संरक्षित स्मारक का दर्जा मिला था। इसकी पहचान बदली नहीं जा सकती। दरअसल, आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने कुतुब मीनार में पूजा की मांग को लेकर दायर हिंदू पक्ष की याचिका का विरोध किया है।
दरअसल, दिल्ली की साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली और पूजा के अधिकार की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं।
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याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने दावा किया कि करीब 27 मंदिरों के 100 से ज्यादा अवशेष कुतुब मीनार में बिखरे पड़े है। एएसआई ने कहा है कि ये पुरातात्विक महत्व का स्मारक है। लिहाजा यहां किसी को पूजा पाठ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। पुरातात्विक संरक्षण अधिनियम 1958 के मुताबिक, संरक्षित स्मारक में सिर्फ पर्यटन की इजाजत है। किसी भी धर्म के पूजा पाठ को नहीं।
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