Russia Ukraine War One Year: पुतिन के 105 मिनट के भाषण में छुपे कई राज़? पांच Keywords से डिकोड हो सकता है रूसी राष्ट्रपति का प्लान
Russia Ukraine War One Year: एक साल से जारी जंग के दौरान रूस को बहुत नुकसान हुआ है। ये बात अभी तक दुनिया कह रही थी लेकिन कोई इसे मानने को ही राजी नहीं था लेकिन अब ये बात खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कही है। जंग को एक साल पूरा होने पर पु
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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। अमेरिका लगातार यूक्रेन के हक में खड़े होकर रूस को चुनौती देने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देता। कुछ रोज पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन की पांच घंटे की यात्रा करके एक तरह से इस जंग की आग में घी डालने का ही काम किया है। और इस बात को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद उखड़े हुएहैं। State of The Nation Address में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी बात से चिढ़े नज़र आए। अपने पूरे 105 मिनट के भाषण के दौरान पुतिन ने जो कहा, वो बेहद अहम हो जाता है, क्योंकि इस युद्ध की धूरी में खुद वही खड़े हैं। और इस भाषण में पुतिन ने शायद पहली बार दुनिया के सामने इस बात को माना है कि इस जंग ने उनका और उनके देश का बहुत नुकसान भी किया है..
अगर उनके पूरे भाषण को सही ढंग से डिकोड किया जाए तो उसमें पांच Keywords सुनाई पड़ जाएंगे। पहला है पश्चिमी देश, दूसरा है अमेरिका, तीसरा है यूक्रेन, चौथा है हथियार और पांचवां है युद्ध।
सबसे गौर करने वाला पहलू ये है कि जिस समय रूसी राष्ट्रपति रूस की संसद में खड़े होकर इस भाषण को पढ़ रहे थे। या यूं कहें कि अपनी रूसी जनता को संबोधित कर रहे थे। उस समय मॉस्को (Moscow) समेत दुनिया के तमाम बड़े शहरों की बड़ी स्क्रीन पर उनका भाषण सुना और देखा जा रहा था। एक तरह से ये भी कहा जा सकता है कि उतनी देर के लिए यानी 105 मिनट के लिए दुनिया भर में लोग ठिठक कर पुतिन को सुन रहे थे।
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अपने संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ये आरोप लगाया कि पश्चिमी देश इस युद्ध को समाप्त नहीं होने देना चाहते। और दूसरी बात ये कि इस समय जो हालात हैं, वो असल में पुतिन बनाम बाकी दुनिया यानी Rest of The World की है। यानी ये युद्ध पतिन बनाम बाकी दुनिया की लड़ाई बन गया है। जिसमें एक तरफ़ पश्चिम के बड़े बड़े देश हैं। और दूसरी तरफ़ रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अकेले हैं। यहां समझने वाली एक और बात ये है कि, इस भाषण में पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर ज़ेलेन्स्कीVolodymyr Zelenskyy का एक बार भी नाम नहीं लिया। जिससे ये पता चलता है कि, पुतिन... ज़ेलेंस्की को पश्चिमी देशों की कठ-पुतली मानते हैं। और ज़ेलेंस्की उनके लिए बिल्कुल भी महत्व नहीं रखते।
असल में 70 साल के पुतिन जानते हैं कि उनकी असली लड़ाई पश्चिमी देशों से है। और इसीलिए आज उन्होंने पश्चिमी देशों को लेकर तीन बड़ी बातें कही हैं।दूसरी बात- अमेरिका ने जिस तरह अपने फायदे के लिए इराक, सीरिया और लीबिया में युद्ध को भड़काया, ठीक वही काम उसने यूक्रेन में किया। और ऐसा करने के पीछे अमेरिका और पश्चिमी देशों का एक ही मकसद था.. हथियारों को बेचना।
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पुतिन ने आरोप लगाया कि.. पिछले एक साल में अमेरिका और पश्चिमी देशों ने 150 Billion Dollars यानी 12 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपये के हथियार बेचे हैं।
और तीसरी बात- उन्होंने ये कही कि.. पश्चिमी देश युद्धभूमि में रूस को नहीं हरा सकते इसलिए अब वो उसके ख़िलाफ़ सूचना युद्ध यानी Information War लड़ रहे हैं। हालांकि राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार ये माना है कि.. इसकी वजह से उनके देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और आज उन्होंने अमेरिका के साथ हुए रूस के एक Nuclear Warhead के समझौते से खुद को अलग कर लिया है। ये समझौता वर्ष 2011 में लागू हुआ था, जिसके तहत अमेरिका और रूस ने इस बात पर सहमति जताई थी कि, वो अपने परमाणु हथियारों की संख्या में और वृद्धि नहीं करेंगे। और इसे सीमित रखेंगे। लेकिन पुतिन के इस भाषण का मतलब निकाला जाए तो कहा जा सकता है कि रूस आने वाले दिनों में अपने Nuclear Warhead बढ़ा सकता है।
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