Log Off Note लिखकर 14वीं मंजिल से कूदा 16 साल का लड़का, पन्नों पर Multiplayer Combat Game का Strategy Map

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Log Off Note लिखकर 14वीं मंजिल से कूदा 16 साल का लड़का, पन्नों पर Multiplayer Combat Game का Strategy Map
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सुसाइड नोट की जगह लड़के ने लिखा लॉग ऑफ नोट

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लैपटॉप पर लगा है लॉक, एक्सपर्ट से ली जा रही मदद

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माता पिता की अपील ऐसी वेबसाइट पर बैन लगे

Pune, Maharashtra: पुणे में एक 16 साल के बच्चे की खुदकुशी ने न सिर्फ उसके परिवार बल्कि उसके पूरे शहर और शहर से बाहर पूरे सूबे समेत देश भर को झकझोर कर रख दिया। 16 साल के उस बच्चे ने अपनी सोसाइटी की बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। लेकिन जान देने से पहले उस बच्चे ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था जिसे उसने 'लॉग ऑफ नोट' लिखा।

लॉग ऑफ नोट

लॉग ऑफ यानी जब आप कहीं किसी सिस्टम में काम करने के लिए अपने कंप्यूटर या लैपटॉप को ऑन करते हैं तो उसे लॉग ऑन कहते हैं लेकिन जब आप काम खत्म करने के बाद उसे बंद करते हैं तो 'लॉग ऑफ' कहा जाता है। आमतौर पर कंप्यूटर की जुबान में ऐसा ही किया जाता है। ऐसे में उस बच्चे के उस लॉग ऑफ नोट ने परिवार के लोगों के साथ साथ पुलिस के माथे पर भी सिलवटें पैदा कर दी हैं। क्योंकि उस बच्चे ने ये खतरनाक कदम उस वक्त उठाया जब वो ऑन लाइन गेम खेल रहा था।

Pune Suicide Case
14वीं मंजिल से कूदकर जान देने वाले बच्चे की कॉपी में मिले नक्शे और प्लान

कॉपी पर खींची लकीरों से बढ़ी उलझन

आत्महत्या का खौफनाक कदम उठाने से पहले उस बच्चे ने अपनी कॉपी पर कुछ लकीरे उकेरी थीं, वो लकीरें अब पुलिस की पेशानी पर सिलवटें पैदा कर रही हैं। उस बच्चे ने अपनी नोटबुक पर जो स्केच और नक्शे खींचे उससे सिर्फ अभी तक पुलिस यही अंदाजा लगा सकी है कि एक मल्टीप्लेयर कॉम्बैट गेम का स्ट्रैटेजी मैप बना हुआ है। पुलिस को उसकी नोटबुक से भी कई स्केच और मैप मिले हैं। पुलिस का मानना है कि वह ऑनलाइन गेम का आदी था। लड़के के लैपटॉप के पासवर्ड का पता नहीं चल पाया है। ऐसे में लैपटॉप के पासवर्ड को क्रैक करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

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गेम के जरिए आत्महत्या का टास्क

लड़के की मां ने बताया कि पिछले छह महीनों से उसके बेटे का रवैया काफी बदल गया था। उसकी हरकतें घरवालों को चौंकाती भी थीं और हैरान भी करती थीं। वो दिनों दिन चिड़चिड़ा होता जा रहा था और पहले से कहीं ज्यादा गुस्सैल और कहीं ज्यादा बेखौफ हो गया था। घरवाले तो उस वक़्त डर गए थे जब उसे आग से खेलते हुए देखा और अक्सर चाकू लेकर कुछ न कुछ किया करता था। जो भी उसके सामने इस गेम में शामिल था उसने शायद गेम के जरिए ही उसे आत्महत्या का टास्क दिया होगा।

खतरनाक वेबसाइट बंद हों

14वीं मंजिल से कूदने के बाद क्या होगा, ये बात 16 साल के लड़के को नहीं पता थी। घरवालों और खासतौर पर मरने वाले बच्चे की मां का कहना है कि ये सब कुछ उन वेबसाइटों तक आसान पहुँच की वजह से ही हो रहा है जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए नुकसानदायक हैं। उन्होंने कहा कि खुले नेटवर्क के माध्यम से कोई भी आपके बच्चों तक पहुंच सकता है. वहां कई चीजें हैं, इसमें एनीमेशन सीरीज हैं जो बीपीएन पर देखी जाती हैं। जो मेरे बेटे के साथ हुआ, वह दूसरे बच्चों के साथ न होने दें, मेरी सरकार से बस इतनी विनती है। 

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लैपटॉप के पैरेंटल लॉक को बायपास किया

मृतक बच्चे के पिता का कहना है कि लैपटॉप में पैरेंटल लॉक था, जिसे लड़का बायपास कर देता था। उन्होंने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन उसने अपने लैपटॉप की हिस्ट्री मिटाकर और कई ईमेल अकाउंट इस्तेमाल करके अपनी ऑनलाइन एक्टिविटी छिपानी शुरू कर दी थी। पिता ने यह भी कहा कि उसकी नोटबुक में कुछ चित्र बने थे, जिससे पता चलता है कि वह एक टीम गेम में शामिल था। यह ब्लू व्हेल गेम जैसा ही है।

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चाकू और आग से खेल करता था

लड़के के पिता का कहना है कि पिछले छह महीनों में नाबालिग बच्चे में काफी बदलाव देखने को मिला था। वह चाकू से तरबूज को बहुत बारीक काटता था और आग के साथ खिलवाड़ करता रहता था।  उसके स्कूल और वहां की गतिविधियों में भी काफी बदलाव हुआ था। हैरानी की बात ये है कि वो खुद सुनने के मूड में नहीं था। ये जानकारी खुद लड़के के मामा ने पुलिस को दी। 

आठ साल पहले ब्लू व्हेल का आतंक

ब्लू व्हेल गेम 2016 के आसपास सामने आया था, जो सोशल मीडिया पर खेला जाता था। कहा जाता है कि यह गेम रूस से शुरू हुआ था। इसमें 50 दिनों तक खिलाड़ियों को कई टास्क दिए जाते थे और आखिरी टास्क आत्महत्या करना होता था। यह गेम किशोरों और युवाओं को निशाना बनाता था और मनोवैज्ञानिक तरीकों से उनका ब्रेनवॉश करता था। पुलिस साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से मामले की जांच कर रही है। वे ऑनलाइन गेम और लड़के पर इसके प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। 

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