PULWAMA ATTACK : चार साल बाद भी फरार हैं पुलवामा हमले के चार कसूरवार आतंकी
Pulwama attack anniversary: चार साल पहले जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने एक फिदाइन हमले में भारतीय सुरक्षा बल के 44 जवानों को शहीद कर दिया था। उस आतंकी हमले में 19 आतंकी शामिल थे जिनमें से आठ लोग तो मौत के घाट उतारे जा चुके हैं, जबकि सात आतंकी काल क
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Pulwama attack anniversary: चार साल पहले, 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले का शिकार CRPF का पूरा कारवां हुआ था। उस हमले में एक बड़े धमाके के साथ CRPF की गाड़ी के चिथड़े उड़ गए थे। उस गाड़ी पर सीआरपीएफ के 44 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। खुलासा ये भी हुआ था कि ये धमाका एक कार को ट्रक से भिड़ा कर किया गया था। और इस हमले ने भारत के 40 से ज़्यादा जांबाज सिपाहियों को शहीद कर दिया था।
पुलवामा हमले की चौथी बरसी के मौके पर जम्मू कश्मीर से जो सच सामने आया, उसने एक तरह से लोगों के जख्मों को कुरेदा है जिन्होंने अपने बहादुर जांबाज सिपाहियों के शहीद होने पर आंसू बहाए थे। खबर है कि जिन आतंकियों ने सबसे खतरनाक आतंकी हमला किया था और 40 से ज़्यादा सिपाहियों को शहीद कर दिया उनकी गिनती करीब 19 बताई जा रही है। जिनमें से 8 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है और 7 आतंकी पकड़े भी जा चुके हैं। लेकिन उस खौफनाक वारदात के चार साल बाद भी चार आतंकी अब भी हिन्दुस्तान की फौज और पुलिस की पकड़ से दूर आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। ये जानकारी खुद ADGP ने पुलवामा की बरसी के मौके पर मीडिया के सामने दी।
पुलवामा की बरसी के मौके पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्वीट किया जिस पर लिखा है कि हम जवानों की कुर्बानी भूलेंगे नहीं।
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उधर ADGP विजय कुमार ने कहा है कि उस आतंकी हमले
के बाद सुरक्षा बल की तरफ से चलाए गए कई ऑपरेशन में जैश ए मोहम्मद के कई आतंकियों को खासतौर पर टॉप कमांडरों को मार गिराया गया। लेकिन अभी तक वो चार आतंकी पकड़ में नहीं आए जो पुलवामा के उस आतंकी हमले में शामिल थे।
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ADGP विजय कुमार के मुताबिक जैश ए मोहम्मद के पास अब केवल 7 से 8 लोकल और 5 से 6 पाकिस्तानी आतंकी ही बचे हैं जो एक्टिव भी हैं। इन्हीं आतंकियों में एक आतंकी है जिसका नाम है मूसा सुलेमानी। ये मोस्ट वांटेड आतंकी है।
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ADGP के मुताबिक जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल ने मिलकर न केवल आतंकवाद की कमर तोड़ दी बल्कि आतंकवादियों के कई मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर रही है। इसके साथ साथ अब पुलिस नार्को टेररिज्म और आतंकी फंडिंग पर हमला कर रही है। इसके अलावा आतंकी हरकतों में शामिल ओजीडब्लूय (OGW) यानी ओवर ग्राउंड वर्कर के खिलाफ दर्ज कई मामलों को निपटाया भी जा चुका है। पिछले साल ऐसे केस की संख्या 1600 से ज़्यादा थी जो अब घटकर 950 के आस पास रह गए हैं। इनमें से 13 लोगों को आतंकवादी हरकतों में शामिल होने की वजह से सज़ा भी हो चुकी है, जबकि स्थानीय तौर पर अब केवल 37 के आस पास आतंकी सक्रिय नज़र आ रहे हैं। उन आतंकियों में से दो ऐसे आतंकी है जिन्हें सुरक्षा बल फौरन पकड़ने की फिराक में है उनके नाम है फारुक नल्ली और रियाज छतरी। ये दो पुराने आतंकी बताए जा रहे हैं, जिन्होंने बाकायदा पाकिस्तान के आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग ली है।
ADGP विजय कुमार के मुताबिक जम्मू कश्मीर के पुलवामा के अवंतीपुरा इलाके में 14 फरवरी 2019 को गोरीपुरा गांव के पास CRPFके काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में आत्मघाती हमलावरों ने विस्फोटक से लदी गाड़ी को CRPF के जवानों को ले जा रही बस से टकरा कर उसे धमाके के साथ उड़ा दिया था। बाद में उस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन ने ली थी। जांच में ये बात भी सामने आई थी कि आतंकियों ने इस फिदाइन हमले को अंजाम देने के लिए 350 किलो IED का इस्तेमाल किया था।
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