Atiq Ahmad Case: क्या है उमेश पाल अपहरण केस? क्यों और कब हुआ जानिए।
UP Crime News: दरअसल 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी।
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Atiq Ahmad Latest Update: उमेश पाल अपहरण केस में स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट के जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल आज 28 मार्च को फैसला सुनायेंगे। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 17 मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
दरअसल 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी।राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण हुआ था।अतीक अहमद ने धूमनगंज थाना क्षेत्र के फांसी इमली के पास लैंड क्रूजर गाड़ी से उमेश पाल को अगवा कराया था। उसे अपने चकिया कार्यालय में रखकर मारा पीटा और करंट लगाया।
अतीत के वकील खान सौलत हनीफ ने एक लिखित बयान का पर्चा अतिक को दिया जिसे अतीक ने उमेश पाल को देते हुए कहा इसे याद कर लो यही बयान देना वरना तुम्हारी बोटी बोटी कर कुत्ते को खिला देंगे।उमेश पाल से अपने पक्ष में लिखित और अगले दिन 1 मार्च 2006 को कोर्ट बयान दिलवाया था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और वह किसी तरह की गवाही नहीं देना चाहता
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2007 में सूबे में बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया।Fir बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद, भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, समेत अज्ञात पर केस दर्ज कराया।इस मामले में पुलिस ने नामजद आरोपी अतीक अहमद, अशरफ दिनेश पासी, अंसार अहमद, सौलत हनीफ के अलावा जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर को भी आरोपी बनाया था।
इसमें से एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो चुकी है।अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में है। बाकी आरोपी जमानत पर बाहर हैं लेकिन आज कोर्ट का फैसला सुनाए जाते वक्त सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होना होगा। आज उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद अशरफ समेत सभी 10 आरोपी कोर्ट में पेश होंगे।2009 में आरोपियों पर कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया और मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ
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2016 में इस केस में उमेश पाल को पीछे हटने के लिए कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से उमेश पाल को फेंकने की कोशिश की गई थी। पीएसी बुलाने पर उमेश पाल की जान बच सकी थी। इस मामले में कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज है।
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आरोपियों की तरफ से मुकदमे का ट्रायल रोके जाने के लिए तरह तरह की अर्जी डाली गई, कभी उमेश पाल के cross examination के लिए तो कभी गवाहों की क्रॉस examine करने के लिए अर्जी डाली गई।उमेश पाल ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द केस का निपटारा करने की मांग की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया।मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए बचाव पक्ष की तरफ से 50 गवाह पेश किए गएइसी केस की पैरवी से लौटने के बाद 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई।
उमेश पाल अपहरण केस में धूमनगंज थाने में आईपीसी की धारा 147,148, 149,364 ए,341, 342,504,506, 120बी और 7 सी एलएएक्ट में एफआईआर दर्ज है। उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है तो यह किसी पहले मामले में सजा होगी।
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