Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों ने ली थी ऑटोमैटिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग?

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Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों ने ली थी ऑटोमैटिक हथियार चलाने की ट्र...
जांच में जुटी पुलिस
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Atiq Ashraf Murder Case: माफिया सरगना अतीक और अशरफ के कत्ल की साजिश पर रहस्य अब भी बरकरार है। साजिश के पीछे की पूरी कहानी को समझने के लिए पुलिस ने तीनों को चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है, ताकि उनसे पूछताछ कर इस शूटआउट के पीछे के सच को समझा जा सके। लेकिन जिस बात ने धाकड और पुराने पुलिस ऑफिसर्स से लेकर शूटिंग एक्सपर्ट्स तक को हैरान कर दिया है, वो है इन शूटर्स की बॉडी लैंग्वेज और पूरी वारदात को अंजाम देने का उनका तौर-तरीका।

सीधे और साफ लफ्जों में कहें तो एक्सपर्ट्स को लगता है कि इन तीन लड़कों ने इस दुस्साहसिक काम को महज चंद दिनों की तैयारी और पहली बार गोली चला कर अंजाम नहीं दिया होगा, बल्कि इसके लिए उन्होंने लंबी तैयारी की होगी और कम से सैकडों राउंड की फायरिंग पैक्टिस के बाद ही इस वारदात को अंजाम दिया होगा। अब सवाल ये है कि आखिर एक्सपर्ट्स को इस वारदात को देख कर ऐसा क्यों लगता है? 

अतीक और अशरफ पर हमला करनेवाले तीन लडके यानी लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य को ये पता था कि उनके दोनों टारगेट पुलिसवालों से घिरे हैं और यहां तक कि पुलिसवालों के भी खतरनाक हथियार मौजूद हैं। इसके बावजूद जिस तरह से घात लगा कर उन्होंने अचानक इस वारदात को अंजाम दिया, उसे देख कर लगता है कि उन्होंने ना सिर्फ हमला करने से पहले पूरी और लंबी तैयारी की, बल्कि मानसिक तौर पर भी खुद को काफी मजबूत किया होगा।

वारदात को अंजाम देने के दौरान शूटर्स की पोजिशन भी काफी अहमियत रखती है। और जिस तरह तीनों ने मौका-ए-वारदात पर अपनी पोजिशन ली और तीन तरफ से घेर कर दोनों भाइयों को निशाना बनाया, वो भी उनकी तैयारी की तरफ इशारा करता है। खास बात ये रही कि कोई कॉस फायरिंग ना हो और गोली टारगेट के अलावा किसी दूसरे को ना लगे, शूटर्स ने इस बात का भी पूरा ख्याल रखा।

 

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अतीक-अशरफ की फाइल फोटो

 



वारदात की तस्वीरों से साफ है कि शूटर्स लगातार एक हाथ से गोली चला रहे थे। ऐसा आम तौर पर तभी होता है, जब उन्हें शूटिंग का अच्छा-खासा तजुर्बा हो। वरना फायरिंग के झटके से निशाना चूकने का खतरा रहता है और इसीलिए अक्सर शूटर्स को दोनों हाथों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। लेकिन लगातार एक हाथ से गोली चलाना उनके पोफेशनल होने का सबूत है। फिर शूटिंग के दौरान उनके सिर का बिल्कुल अपने कंधे के सीध में होना, बाहों का बिल्कुल लंबा होना और कमर का झुका होना भी इस बात की तरफ इशारा करता है कि उन्होंने शूटिंग के लिए किसी एक्सपर्ट से टैनिंग जरूर ली होगी या फिर उसे फॉलो किया होगा।

शूटर्स ने ना सिर्फ बिल्कुल प्वाइंट ब्लैंक रेज से अपने टार्गेट यानी अतीक और अशरफ को हिट किया, बल्कि इस दौरान उन्होंने बगैर देर किए दोनों के वाइटल बॉली पार्ट्स को निशाना बनाया, ताकि दोनों के बचने की कोई गुंजाइश ही ना रहे। एक शूटर ने जहां अतीक के सिर पर पिस्टल सटा कर गोली चलाई, वहीं दूसरे शूटर ने अशरफ को ऐसी जगह पर हिट किया, जिससे गोली बिल्कुल उसके दिल और गर्दन में लगी। और इन तीनों से किसी एक जगह पर लगनेवाली गोली भी आसानी से किसी की मौत की वजह बन सकती है। जाहिर है शूटर्स को इसकी भी अच्छी समझ थी।

एक्सपर्ट्स की मानें तो इन शूटर्स का फायरिंग पैटर्न भी बिल्कुल पेशेवराना था। उन्होंने अपने टार्गेट यानी अतीक और अशरफ के नीचे जमीन पर गिर जाने के बावजूद तब तक फायरिंग की, जब तक वो इस बात से कनविंस नहीं हो गए कि अब उनके बचने की कोई गुंजाइश नहीं है। और इसके लिए उन्होंने महज 18 से 20 सेकंड का वक्त लिया, जो अपने-आप में शूटर्स के काफी एक्सपर्ट होने की तरफ इशारा करता है।

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अतीक-अशरफ की फाइल फोटो

 

तीनों की किमिनल हिस्ट्री बताती है कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले भी तीनों का जुर्म की दुनिया से पुराना वास्ता रहा है। लेकिन इनमें एक मोहित उर्फ सन्नी को छोड दें और कोई हिस्ट्रीशीटर नहीं है। यानी उन पर बहुत ज्यादा मुकदमे दर्ज नहीं हैं। लेकिन वारदात की तस्वीरें बताती हैं कि एक हिस्ट्रीशीटर होने के अपने टैक रिकॉर्ड के मुताबिक ही सन्नी ने ना सिर्फ दायें बल्कि बायें हाथ से भी गोली चलाई। जो अपने-आप में अनोखी बात है।

जाहिर है पुलिस को इस बात का शक पहले दिन से है कि इस वारदात के पीछे सिर्फ इन तीनों का नहीं, बल्कि किसी और हैंडलर या मास्टरमाइंड का भी हाथ है। शूटिंग के तौर तरीके से अलावा पूरी वारदात को अंजाम देने के उनके अंदाज और उनके पास मौजूद अस्लहों से भी इस बात का इशारा मिलता है। ऐसे में पुलिस को इन सारी कडियों को जोड कर इसकी साजिश का खुलासा करना है।

 

अतीक-अशरफ हत्या के आरोपी

 

इस बीच तफ्तीश में तीनों शूटर्स को लेकर तरह-तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं। बांदा के रहनेवाले शूटर लवलेश तिवारी के बारे में पता चला है कि इससे पहले उस पर छेडछाड, फायरिंग, मारपीट समेत कुछ गुनाहों के चार मुकदमे दर्ज रहे हैं और उसकी आदतों की वजह से घरवाले उससे दूरी बनाते रहे हैं। घरवाले बताते हैं कि इस वारदात से करीब 15 दिन पहले से वो नौकरी की तलाश कर रहा था। इसके लिए उसने मोहल्ले के ही एक जूते की दुकान के मालिक से बात भी की थी। लेकिन काम ना मिलने पर वो करीब हफ्ते भर पहले काम की तलाश में घर से निकल गया और अचानक ही घरवालों के साथ-साथ मोहल्ले के तमाम लोगों ने उसे टीवी पर अतीक और अशरफ पर गोलियां चलाते हुए देखा। जाहिर है लवलेश इतने दिनों तक कहां रहा, इससे पहले वो किस-किस के संपर्क में रहा, कैसे उसने अपने बाकी साथियों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की, इन सारे सवालों का जवाब सामने आना अभी बाकी है।

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