पिंकू, मोहर और बबलू को ढूंढने से हल हो जाएंगी देश की तमाम मुश्किलें? जानिए कौन हैं ये?
सुरक्षा में तैनात पुलिस को मिली अजीब जिम्मेदारी, काम छोड़ गधे ढूंढेगी स्पेशल टीम, Do read क्राइम स्टोरी crime news in Hindi (क्राइम न्यूज़) and crime stories, photos and viral videos on Crime Tak.
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राजस्थान की जयपुर पुलिस पिंकू, मोहर और बबलू जैसे 70 और की तलाश कर रही है, ऐसा माना जा रहा है कि इनके मिल जाने से देश की तमाम मुश्किलें हल हो जाएंगी। लेकिन आप तब अपना सिर पकड़ लेंगे जब आपको ये पता चलेगा कि ये पिंकू, मोहर और बबलू जैसे 70 और नाम किसी आतंकी, घोटालेबाज़ या अपराधियों के नहीं बल्कि राजस्थान के गधों के हैं। जी ये गधे हैं, और जयपुर पुलिस की स्पेशल टीम इन गधों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। लेकिन क्यों?
पुलिस का काम आमतौर पर जनता को सुरक्षा देना और अपराध को कम करने का होता है। लेकिन पुलिस गधों को क्यों खोज रही है? तो आपको बता दें कि सूबे में पुलिस अपराधों से निपटने की वजह गधे खोजने में लगी हुई है और इसके लिए बाकायदा एक स्पेशल टीम भी बनाई गई है, जो गायब हुए 70 गधे की खोज कर रही है।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में ये स्पेशल टीम एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व पर काम कर रही हैं। स्पेशल टीम आस-पास के गांवों में देवासर गांव से गायब हुए गधों के बारे में लोगों से पूछताछ कर रही है। साथ ही पुलिसकर्मी गांवो के लोगों को अपने पशुओं की देखभाल करने की सलाह भी दे रहे हैं और इनमें भी खासकर गधों को लेकर सतर्क रहने की बात कह रहे है।
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आपको बता दे गांव के पशुपालकों ने थाने के बाहर गधों के गायब हो जाने का विरोध किया और पुलिस ने भी करीब 15 से 17 गधों की बरामदगी कर पशुपालकों के सामने लाया। लेकिन पशुपालकों ने उन गधों को लेने से इंकार कर दिया। गुमशुदा गधों की तलाश करने की मांग को लेकर पशुपालकों ने थाने का घेराव किया था। हालांकि जब पुलिस ने पशुपालको से 15 दिन में गायब गधों को खोजने की बात कही तब लोगों ने धरना खत्म कर दिया था।
पुलिस का कहना है कि देवासर गांव के पशुपालकों ने शिकायत की थी कि पिछले 7-8 दिनों से उनके गधे चोरी हो रहे हैं। लोगों की शिकायत पर पुलिस ने करीब 15-17 गधों को बरामद भी किए थे। तब शिकायतकर्ताओं से अपने-अपने गधों की पहचान करने के लिए कहा गया। उन लोगों ने गधों को पिंकू, बबलू और मोहर जैसे नामों से पुकारा, लेकिन जब गधों ने उनकी बातों का जवाब नहीं दिया तो शिकायतकर्ताओं ने गधों को लेने से इनकार कर दिया।
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