संसद सुरक्षा चूक मामला: उच्च न्यायालय ने पुलिस हिरासत के खिलाफ आरोपी नीलम आजाद की याचिका खारिज की
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार आरोपी नीलम आजाद की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपनी पुलिस हिरासत को अवैध बताकर रिहाई का अनुरोध किया था।
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Parliament Security Lapse : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार आरोपी नीलम आजाद को झटका लगा है। उसकी उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपनी पुलिस हिरासत को अवैध बताकर रिहाई का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने पहले ही निचली अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर कर दी है। वर्तमान याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’
आजाद के वकील ने दलील दी कि पुलिस हिरासत संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है क्योंकि उन्हें निचली अदालत की कार्यवाही के दौरान अपने बचाव के लिए अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं दी गई।
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सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा कि आरोपी के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का ऐसा कोई आधार नहीं बनता है।
आजाद ने ‘‘उसे रिहा करने’’ का आदेश देने के साथ साथ उच्च न्यायालय के समक्ष पेशी के निर्देश संबंधी बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट याचिका का अनुरोध करते हुए अपनी अपील में कहा था कि उसे अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं देना संविधान के तहत मिले उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। अत: उसकी हिरासत का आदेश गैरकानूनी है।
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पीटीआई के मुताबिक, निचली अदालत ने उसे पांच जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
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