Spray Case in Parliament: सबूत मिटाकर मोबाइल बर्बाद करके पुलिस के सामने पहुंचा फरार ललित झा

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Spray Case in Parliament: सबूत मिटाकर मोबाइल बर्बाद करके पुलिस के सामने पहुंचा फरार ललित झा
संसद का स्प्रे कांड का मुख्य आरोपी ललित झा को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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Spray Case in Parliament: 13 दिसंबर 2023 की दोपहर 1.30 बजे के बाद से शायद ही कोई पल ऐसा गुजरा हो जब संसद भवन की सुरक्षा में लगी सेंध और लोकसभा के भीतर हुए स्प्रे कांड का जिक्र न हुआ हो। हर वक़्त हर कोई इस केस के बारे में कोई न कोई बात तो कर ही रहा है। इसी बीच इस कांड का मुख्य आरोपी जिसकी तलाश में पुलिस पूरे 24 घंटे तक भटकती रही, 14 तारीख की रात को सैकड़ों किलोमीटर का चक्कर लगाने के बाद राजस्थान से दिल्ली पहुँचा और सीधा थाने में जाकर उसने सरेंडर कर दिया। 

सरेंडर से पैदा हुआ शक

मगर खुद को पुलिस के हवाले करने से पहले इस आरोपी ललित झा ने उन चारों लोगों के मोबाइल को या तो तबाह और बर्बाद करके पूरी तरह से नष्ट कर दिया या फिर उन्हें ऐसी जगह छुपा दिया जिसका राज सिर्फ वो जानता है।  जाहिर है उसका इस तरह वारदात के बाद मौके से लापता होना और 24 घंटे बीतने के बाद यूं सामने आकर खुद को थाने में जाकर पुलिस के हवाले करना, शक तो पैदा कर ही देता है, सो वो हो रहा है। 

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मोबाइल में छुपी साजिश की कड़ियां

सबसे पहला शक तो उन मोबाइल के लिए हो रहा है जो उसने चारो आरोपियों से लेकर उन्हें गायब कर दिया। पुलिस के मन में इस बात का शक गहराने लगा है कि क्या उन मोबाइल के जरिए इस गहरी साजिश की तमाम बिखरी कड़ियों को जोड़ा भी जा सकता है, इसी वजह से मोबाइल बर्बाद किए। उन मोबाइल में उन तमाम सबूतों के निशान हैं जिससे इस गहरी साजिश को पूरी तरह से बेनकाब किया जा सकता है। यानी सीधा सीधा शक ये कि मोबाइल फोन को इस तरह से नष्ट करना भी उनकी साजिश का हिस्सा तो नहीं। 

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आरोपियों के मोबाइल लेकर हुआ था फरार

अब तक की तफ्तीश में ये बात तो साफ हो गई है कि संसद भवन की सुरक्षा में सुराख करने के बाद ललित झा की वो वाहिद शख्स है जो संसद के भीतर और बाहर अपना प्रदर्शन करने वाले तमाम लोगों यानी चारों आरोपियों के मोबाइल लेकर मौके से भागा था। लेकिन जब उसने दिल्ली के थाने में जाकर सरेंडर किया तब उसके पास किसी का कोई मोबाइल नहीं था। मतलब साफ है कि उसने सरेंडर करने से पहले उन सबूतों को नष्ट कर दिया जिससे उसकी चालों और साजिशों का पता पुलिसको उसके सरेंडर करते ही मिल जाए। 

राजस्थान के कुचामन चला गया था

ऐसा पता चला है कि दिल्ली से भागने के बाद ललित झा राजस्थान के कुचामन चला गया था जहां वो अपने एक दोस्त महेश से मिला। महेश ने ही उसे वहां एक कमरा दिलाया और वहीं ललित ने चारों मोबाइल और अपने पास मौजूद तमाम सबूतों को पहले नष्ट किया और फिर अगले रोज दिल्ली आकर उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।  ऐसे में पुलिस अभी पूरी तरह से ललित की बातों को नहीं मान रही है। लिहाजा पुलिस ने अपनी तफ्तीश को हरेक एंगल से जांच करने का सिलसिला आगे बढ़ाया है। 

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संसद भवन में सांसदों की सीट पर उछलता हुआ घुसपैठिया

घुसपैठियों की मनमानी

ये सभी ने देखा कि जिस समय शीतकालीन सत्र के दौरान दोपहर के वक्त लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी तभी दो लोग स्मॉग कैन लेकर लोकसभा की दर्शक दीर्घा से नीचे कूदे और मनमानी करते हुए माननीय सांसदों की डेस्क पर कूदते हुए भागने के बाद कैन से रंगीन धुआं फैला दिया था। और उन दो लोगों की इस हरकत के बाद से ही पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया। हर तरफ संसद कीसुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर सवाल उठने लगे हैं। 

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अब पुलिस लेगी ललित की रिमांड

फिलहाल पुलिस की यही कोशिश है कि वो किसी भी तरह तमाम आरोपियों को फोन हासिल कर ले। और इसके लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल महेश और ललित को कोर्ट में पेश करके उनकी रिमांड लेगी और फिर पूछताछ करके ये पता लगाना चाहेगी कि जिन फोन को उसने नष्ट किया उन्हें पुलिस कैसे हासिल कर सकती है। बाकी आरोपियों की सात दिन की रिमांड पुलिस पहले ही हासिल कर चुकी है। यानी अगले सात दिनों तक इन सभी आरोपियों के साथ पूछताछ करके पुलिस पूरी साजिश का पता लगाना चाहती है। 

भटकाने की कोशिश

हालांकि पुलिस जानती है कि जो लोग इतने शातिर हैं कि खुद को कानून के हवाले करने से पहले अपने खिलाफ तमाम सबूतों को नष्ट करना याद रहा वो पुलिस की जांच को भटकाने के लिए झूठ का सहारा भी ले सकते हैं।  लेकिन पुलिस तो पुलिस है। उसे ऐसे लोगों से निपटने के सारे हथकंडे पता है। तभी तो पुलिस ने महेश के चचेरे भाई को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। 

ललित ने भेजा वीडियो

खुलासा तो यही है कि कि संसद के भीतर जाने से पहले और प्रदर्शन से पहले चारों आरोपियों मनोरंजन, सागर, नीलम और अमोल अपना फोन ललित झा के पास छोड़ गए थे। ललित झा बाहर भीड़ में शामिल होकर उन सबके वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था। पुलिस ने स्मॉग कांड के बाद जैसे ही आरोपियों को गिरफ्तार किया तो ललित सभी के मोबाइल फोन के साथ वहां से फरार हो गया था।  पुलिस को शक है कि उसने एक वीडियो अपने उस एनजीओ के मालिक को भी भेजा है जिसके लिए ललित काम करता था। 

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