संसद की सुरक्षा में सेंध: साजिशकर्ता ललित झा ने जानबूझकर फोन जलाए थे, टुकड़े मिले, अब ये नई धारा जुड़ेगी केस में
Delhi News : संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के चार दिन बाद दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के नागौर से टूटे और जले हुए कुछ मोबाइल फोन के टुकड़े बरामद किये हैं।
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Delhi Parliament Security (PTI News) : संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के चार दिन बाद दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के नागौर से टूटे और जले हुए कुछ मोबाइल फोन के टुकड़े बरामद किये हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी में सबूत मिटाने से जुड़ी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं जोड़ दी हैं। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि ललित झा की निशानदेही पर शनिवार को मोबाइल फोन के कुछ टुकड़े बरामद किए गए हैं, जो मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह लोगों में से एक है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम शनिवार को झा को राजस्थान के नागौर ले गई जहां वह आरोपी महेश कुमावत की मदद से ठहरा था। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 13 दिसंबर को दर्ज प्राथमिकी में धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना/साक्ष्य गायब करना) सहित आईपीसी की और धाराएं जोड़ने का फैसला किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़े गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के आरोप दर्ज किए हैं।
सबूत हटाने के लिए जानबूझ कर नष्ट किए फोन
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि झा और कुमावत ने मामले से संबंधित तकनीकी सबूत छिपाने के लिए जानबूझकर मोबाइल फोन नष्ट कर दिए। दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में कथित संलिप्तता के लिए अब तक छह लोगों-सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है। आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की जिसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था।
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लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘केन’ से रंगीन धुआं फैलाते हुए ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए थे। गेट के बाहर मौजूद झा ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था। इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर अपने दोस्तों के साथ शेयर करने के बाद वह राजस्थान के नागौर चला गया। कुमावत और आरोपी कैलाश ने कथित तौर पर वहां उसके ठहरने की व्यवस्था की थी, ये दोनों चचेरे भाई हैं। बाद में झा और कुमावत ने दिल्ली आकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
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