Paris Olympics 2024: ओलंपिक के अखाड़े में विनेश फोगाट जीतीं, भारत में बृजभूषण शरण सिंह हो गए चारों खाने चित
Paris Olympics 2024 के दंगल में विनेश फोगाट ने न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि अपनी एक एक बात को सही साबित करते हुए समूचे हिन्दुस्तान को फख्र से ये कहने को मजबूर कर दिया कि क्या म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के...मंगलवार की शाम विनेश फोगाट ने उसे पटखनी दी जिसे अब तक कोई नहीं हरा पाया था। चार बार की वर्ल्ड चैंपियन और टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट जापान की यूई सुसाकी को धूल चटाकर विनेश फोगाट सोशल मीडिया पर छा गईं थी और साथ में छा गए थे बृजभूषण शरण सिंह। देश भूला नहीं है जब यही पहलवान बेटियां देश की राजधानी में जंतर मंतर पर इंसाफ के लिए आंसू बहा रही थीं।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
विनेश फोगाट की जीत छा गई सोशल मीडिया पर
बृजभूषण शरण सिंह हो रहे हैं जमकर ट्रोल
बृजभूषण शरण सिंह पर साजिश रचने का आरोप
Paris Olympics 2024: ओलंपिक के अखाड़े में कुश्ती का मुकाबला नहीं मानों खुद को साबित करने की जिद की नुमाइश हो रही थी। कहने को विनेश फोगाट ने एक के बाद एक क्यूबा की गुजमैन और जापान की सुसाकी को पटखनी देते हुए न सिर्फ अपना मेडल पक्का किया लेकिन हकीकत में ऐसा लग रहा था मानों विनेश फोगाट की हाथों की उस पकड़ में मेडल जीतने की सिर्फ जिद नहीं थी बल्कि अपनी जिल्लत, अपने दर्द और अपने बहते हुए एक एक आंसू का बदला लेने का जुनून था। जीत की खुशी जाहिर करने के लिए वो मैट पर लेटी तो उनके चेहरे पर पिछले साल अप्रैल 23 का वो दर्द, यौन शोषण के खिलाफ निकला आंसू शायद शरारा बनकर पेरिस से ले कर दिल्ली तक बरस रहा था।
फिल्म का डायलॉग फिट हो गया
हमारी छोरी किसी छोरे से कम हैं के...बेशक ये फिल्म का डायलॉग है मगर पेरिस ओलंपिक में एकदम फिट हो रहा है। अब तो खासतौर पर जबसे पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में विनेश फोगाट पहुँची तब से तो ये डायलॉग एकदम से चिपक सा गया है।
विनेश फोगाट के साथ सोशल मीडिया पर छाए बृजभूषण शरण सिंह
देखते ही देखते बीती रात जैसे ही हरियाणा की छोरी विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में पहुँची है बस तभी से सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट के साथ साथ जो एक नाम ट्रेंड कर रहा है वो है बृजभूषण सिंह शरण का। इसी साल 24 मार्च को विनेश फोगाट ने बृजभूषण सिंह शरण पर एक संगीन इल्जाम लगाया था। इल्जाम था कि बृजभूषण सिंह शरण नहीं चाहते कि विनेश फोगाट ओलंपिक में जाए और मेडल जीते।
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बृजभूषण शरण सिंह पर साजिश रचने का आरोप
विनेश ने ये इल्जाम इसलिए लगाया था क्योंकि उस समय ओलंपिक में जाने के लिए कुश्ती के पहलवानों के डोप टेस्ट हो रहे थे। लेकिन विनेश फोगाट दो बार डोप टेस्ट देने पहुँची मगर दोनों बार उसका टेस्ट नहीं हुआ। पहली बार 53 किलो वर्ग में उसे ये कहकर टरका दिया गया कि 53 किलो वर्ग का कोई डोप टेस्ट नहीं होगा, जब 50 किलोवर्ग में वो डोप टेस्ट देने पहुँची तो कमेटी के सदस्य ही देर से आए और उनसे बहस करने पर विनेश पर हंगामा करने का इल्जाम लगा दिया गया।
कोई नहीं भूला है जंतर मंतर
उसी वक्त विनेश फोगाट ने इल्जाम लगाया था कि बृजभूषण शरण सिंह नहीं चाहते है कि उनके खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला पहलवानों में से कोई भी पेरिस ओलंपिक में जाकर मेडल जीत सके लिहाजा उनके ही इशारे पर ये सारी हरकत की गई थी। क्या अजीब इत्तेफाक है कि बृजभूषण शरण सिंह जब भारतीय कुश्ती संघ यानी WFI के अध्यक्ष थे तब ही उन पर यौन शोषण के आरोप लगे थे और इस बात को लेकर कितना बवाल हुआ था। जंतर मंतर की वो तस्वीरें शायद ही कोई हिन्दुस्तानी भूल सका हो जब विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के साथ सरेआम बदसलूकी हुई थी और पुलिस ने उन्हें कूड़े कचरे की तरह सड़क पर घसीटकर तमाशा खड़ा कर दिया था।
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बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप पत्र
जब ये बवाल बहुत बढ़ गया था तो बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित हुई थी। 21 जनवरी को गठित की गई 2 जांच कमेटियों को अपनी जांच रिपोर्ट महज 4 हफ्ते में पेश करनी थी लेकिन कई महीनों तक उस रिपोर्ट का कुछ अता पता नहीं चला था। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर (हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किए थे।
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कोर्ट में आरोप तय
21 मई को कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए। उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया और मुकदमे की मांग की. अदालत ने 10 मई को उनके खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था। अदालत ने 10 मई को पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा नेता बृज भूषण सिंह और तोमर के खिलाफ कई महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर 'आरोप तय' करने का आदेश दिया था।
कट गया था चुनाव में टिकट
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 10 जून को सांसद बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जुलाई में स्थानीय अदालत से बृजभूषण को जमानत मिल गई थी, फिलहाल वे जमानत पर ही हैं। उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद बृज भूषण को उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया था। मई के महीने के दूसरे पखवाड़े में में दिल्ली की अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए। बृज भूषण ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) प्रियंका राजपूत के सामने खुद को बेकसूर बताया और सुनवाई की मांग की।
1599 पन्नों की चार्जशीट
इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयान और सीआरपीसी 164 के तहत छह बयान दर्ज किए गए। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताई गई घटनाओं के वक्त क्लिक की गई तस्वीर समेत कई तस्वीरें भी इकट्ठा की हैं। दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि छह शीर्ष पहलवानों की शिकायतों पर "अब तक की जांच" के आधार पर, बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के "अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है।
बृज भूषण ने कहा गलती नहीं की
बृज भूषण ने कहा, ‘‘इसका कोई सवाल ही नहीं, गलती किए ही नहीं।’’ अदालत ने मामले में सह आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया। इस मामले में विनोद तोमर ने भी आरोपों से इनकार करते हुए खुद को बेकसूर बताया है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि न ही उन्होंने कभी किसी पहलवान को धमकाया न ही घर बुलाया।
हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण को छठे पहलवान की तरफ से लगाए गए आरोप से बरी कर दिया था।
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