मां-बाप के पास कोई रास्ता ही नहीं था इसलिए दफ्न कर दी ज़िंदा बेटी

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मां-बाप के पास कोई रास्ता ही नहीं था इसलिए दफ्न कर दी ज़िंदा बेटी
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श्मशान के कर्मचारियों ने उनसे बच्ची का शव दिखाने के लिए कहा। जब परिवार ने बच्ची की लाश दिखाई तो लाश देखकर श्मशान के कर्मचारी थोड़ा परेशान हो गए। बच्ची का जन्म नौ महीने से पहले ही हो गया था।

देखकर लगता था कि वो करीब पांच महीने में ही पैदा हो गई है । आमतौर पर ऐसे बच्चों को pre mature baby कहा जाता है। साथ ही कर्मचारियों का ऐसा भी लगा कि बच्ची के जिस्म में अभी भी जान बाकी है।

लिहाजा उन्होंने बच्चों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। बच्ची का परिवार वहां से निकल गया। इसी बीच श्मशान के कर्मचारियों ने इसकी इत्तिला पुलिस को दे दी। बच्ची को जिंदा दफ्न करने की सूचना मिलते ही पुलिस भी हरकत में आ गई।

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पुलिस को लग रहा था क्योंकि पैदा होने वाली संतान एक बच्ची है लिहाजा मां-बाप उससे अपना पीछा छुड़ाना चाह रहे हों जिसकी वजह से वो उसे जिंदा दफ्न कर रहे हों।

पुलिस ने अब विशाखापट्टनम के दूसरे श्मशानों में संपर्क करना शुरु किया कि कहीं बच्ची को किसी और श्मशान में तो नहीं दफ्न किया गया। तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि पांच महीने की उस बच्ची को करासा श्मशान में दफ्न किया गया है।

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दफ्न करने वाले लोगों ने श्मशान के रजिस्टर में अपना पता भी दिया था । पुलिस ने पता लिया और उसके बाद बच्ची के मां-बाप तक भी पहुंच गई। बच्ची के मां-बाप ने जो कहानी बताई उसकी तस्दीक करने के लिए अब पुलिस विशाखापट्टनम के ही एक अस्पताल पहुंची।

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इस अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि विशाखापट्टनम के ही माधवधारा इलाके के रहने वाली एक महिला उनके पास इलाज के लिए आई थी। वो पांच महीने की गर्भवती थी। कोख में पल रहे बच्चे के बारे में जानने के लिए डॉक्टर कई टेस्ट करते हैं ।

एक ऐसे ही टेस्ट में डॉक्टरों को पता चला कि महिला के कोख में पल रही बच्ची down syndrome से पीड़ित है। जिसके बाद बच्ची के मां-बाप की रजामंदी के बाद 4 अगस्त 2021 को महिला का ऑपरेशन कर बच्ची को बाहर निकाला गया। दो दिन तक बच्ची को अस्पताल में ही रखा गया । डॉक्टरों के मुताबिक 6 अगस्त को बच्ची की मौत हो गई थी जिसके बाद अस्पताल ने बच्ची को उसके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया था।

मां-बाप ने बच्ची का अंतिम संस्कार किया । इसी दौरान जननापुरम श्मशान ने बच्ची के जिंदा होने की खबर पुलिस को दी थी जिसके बाद पुलिस को इस केस को लेकर खासी मशक्कत करनी पड़ी

क्या होता है Down syndrome

डाउन सिन्ड्रोम एक तरह का डिसऑर्डर है जो क्रोमोजोम 21 की वजह से होता है। इसकी वजह से बच्चा अपंग पैदा होता है। उसके दिमाग का विकास भी नहीं हो पाता जिसकी वजह से वो पढ़ लिख नहीं सकता, चल फिर नहीं सकता कुल मिलाकर ऐसे बच्चे अपने जीवन में कुछ कर नहीं सकते। डाउन सिन्ड्रोम के साथ पैदा हुए बच्चे ताउम्र विकलांग रहते हैं।

जैसे-जैसे विज्ञान ने तरक्की की है। प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर कई टेस्ट करते हैं जिससे कोख में बच्चे के विकास की हर जानकारी मिल जाती है। ऐसा ही एक टेस्ट डाउन सिन्ड्रोम का भी परीक्षण करता है। इस टेस्ट में अगर बच्चा डाउन सिन्ड्रोम से पीड़ित आता है तो डॉक्टर माता-पिता को अबॉर्शन की सलाह देते हैं।

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