कुर्सी बचाने के लिए इमरान ने मुसलमानों की ग़ैरत को ललकारा, OIC में फिर अलापा कश्मीर का राग

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कुर्सी बचाने के लिए इमरान ने मुसलमानों की ग़ैरत को ललकारा, OIC में फिर अलापा कश्मीर का राग
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इमरान के लिए दुखती रग है कश्मीर का राग

Imran in OIC: असल में ये इमरान की ही नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान की कमजोरी है। ज़रा की कोई बात हो बस कश्मीर लेकर खड़े हो जाते हैं। और ये बात जानते हैं कि इस राग के अलापने से उनका कोई भला नहीं होने वाला मगर उन्हें ये भी मालूम है कि इस राग के छेड़ने पर उनके अपने मुल्क़ के लोग थोड़ा ज़ज़्बाती हो जाते हैं, और पिछले किए कराए पर पानी फेरने को भी तैयार हो जाते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि पाकिस्तान के लिए और वहां की किसी ऊंची कुर्सी के लिए कश्मीर संजीवनी बूटी से कम नहीं है।

जब भी कोई पाकिस्तानी किसी भी मोर्चे पर हारने लगता है तो कश्मीर की आड़ लेकर ज़ज़्बात का खेल खेलने लगता है। कश्मीर पाकिस्तान के लिए वो दुखती रग है, जिसे छूते हैं वहां के लोगों के जज़्बात छलकने लगते हैं। इमरान ख़ान इन दिनों सियासी लड़ाई में क़रीब क़रीब क्लीन बोल्ड होने वाले हैं, ऐसे में इमरान एक बार फिर कश्मीर को अपने आखिरी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना नहीं भूले।

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OIC की पिच पर इमरान की रिवर्स स्विंग

Imran muslim card: इमरान पाकिस्तान की सत्ता की बिसात में बुरी तरह से फंस चुके हैं। उनके तमाम मोहरे या तो पिट गए या फिर बिसात में ऐसी जगह जाकर फिट हो गए हैं जहां से वो इमरान ख़ान को फायदा तो नहीं पहुँचा सकते, मगर उनका रास्ता ज़रूर रोक सकते हैं।

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चूंकि इमरान ख़ान क्रिकेट बहुत अच्छा खेलते रहे हैं। लिहाजा उन्हें एक एक गेंद की क़ीमत का अच्छी तरह से अंदाज़ा है। तभी तो जैसे ही उन्हें आखिरी फुलटॉस मिली, उन्होंने उस पर अपना और अपने मुल्क़ का सबसे ज़ज्बाती शॉट खेला। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस्लामिक देशों के संगठन यानी OIC के मंच से कश्मीर का राग अलापा।

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कश्मीर के नाम पर आंसू बहाए

Imran on Kashmir:हालांकि दुनिया भर में कोई भी मंच हो, और पाकिस्तान का कोई भी नेता या बड़ा पदाधिकारी क्यों न हो, वो कश्मीर के नाम पर जब तक दो आंसू न बहा ले उसका काम नहीं चलता। उसी तर्ज पर इमरान ने इस्लामिक देशों के संगठन के मंच का इस्तेमाल किया। और वैसे भी उनके लिए तो ये एक तरह से अब ऐसे किसी मंच पर आंसू बहाने का ये आखिरी मौका भी है।

क्योंकि पाकिस्तान आते ही हो सकता है कि इमरान ख़ान को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ जाए। या सेना उनकी कुर्सी खींच ले। लिहाजा इमरान ख़ान ने कश्मीर के बहाने अपनी परेशानी से दुनिया को रू ब रू करवाया। पाकिस्तान में अपनी सियासी पारी का आखिरी ओवर खेल रहे इमरान ख़ान ने OIC की मिली मोहलत के दौरान क़रीब क़रीब बिलखते हुए कहा कि कश्मीर पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है। वो हमें गंभीरता से भी नहीं लेते हैं।

इसके बाद उनकी बोली तेजी से स्विंग लेती है और भारत को निशाने पर लेते हुए इमरान ने अपना दर्द कह ही दिया कि कश्मीर के लोगों को अपने बारे में फैसला करने का अधिकार भी नहीं दिया जा रहा है। सीधे तौर पर भारत पर निशाना ताककर उन्होंने एक तेज थ्रो मारा, कि भारत ने अवैध तरीक़े से कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म कर दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ।

चीन के सामने बड़बोलापन

Imran on Kashmir: इस इस्लामिक देशों के संगठन के सम्मेलन में अंपायर के तौर पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद थे। इमरान को पता है कि भारत के ख़िलाफ़ चीन को भड़काने का इससे अच्छा मौका क्या हो सकता है, लिहाजा इमरान ने बोलना जारी रखा, और कहा कि भारत इतना बेलगाम हो गया है कि वो कश्मीर के मामले में कोई दबाव महसूस भी नहीं करता है।

इसके बाद बड़े ही शातिर अंदाज़ में इमरान ख़ान ने शराफत का नकाब ओढ़ते हुए कहा कि विदेश नीति के बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि हरेक देश की विदेश नीति अलग होती है, मगर कश्मीर के मामले में हमें एक संयुक्त मोर्चा बनाने की जरूरत है, नहीं तो कश्मीर और फिलस्तीन में ज़ुल्म ओ सितम का सिलसिला यूं ही कायम रहेगा।

सूप तो सूप चलनी का बोले जामे बहत्तर छेद वाली कहावत को सही साबित करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इमरान की लगाई आग में थोड़ा और घी डालाा। एक कदम आगे बढ़ते हुए शाह महमूद ने फिलस्तीन की तुलना कश्मीर से कर डाली और जो कहा वो तो कमाल था, अपनी आस्तीन में आतंक का अजगर पालने वाले शाह महमूद कुरैशी बोले कि विदेशी दखल की वजह से मुस्लिम देशों में आतंकवाद बढ़ रहा है। अब उन्हें कौन समझाए कि जो वो बोल रहे हैं वो उन्हें भी सुनाई देता है या नहीं।

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