30 मिनट के भाषण में 7 बार भारत की तारीफ़ की इमरान ख़ान ने, मीठी बातों में छुपी कोई साज़िश तो नहीं?

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30 मिनट के भाषण में 7 बार भारत की तारीफ़ की इमरान ख़ान ने, मीठी बातों में छुपी कोई साज़िश तो नहीं?
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ये क्या हो गया है पाकिस्तान में

LATEST NEWS PAKISTAN: पाकिस्तान में सत्ता का संघर्ष अपने चरम पर है। अभी तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मौजूद इमरान ख़ान सियासी संकट में बुरी तरह से घिरे हुए हैं। हालात ये है कि उन्हें कभी भी कुर्सी से बेदखल होना पड़ सकता है।

इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से करारी चपत लगने के बाद पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान ने 8 अप्रैल की रात अपनी आवाम को संबोधित किया। ये संबोधन तो पाकिस्तान के लोगों के लिए था, और वहां के सियासी हालात पर इमरान ख़ान अपनी फ़िक्र ज़ाहिर कर रहे थे। लेकिन उनके मुंह से बार बार भारत का नाम छलक रहा था।

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लेकिन इस बार मामला ज़रा उलटा था। आमतौर पर पाकिस्तान का कोई हुक्मरान जब भी अपनी आवाम से मुख़ातिब होता है, तो उनके ज़ज़्बातों को उबाल देने के लिए और उन ज़ज़्बातों की आड़ में अपने लिए लोगों की राय को बदलवाने की कोशिश करता है। आमतौर पर ऐसे हथकंडों से बिगड़ी बाज़ी पलट भी जाती है।

क्यों बह रही है पाकिस्तान में उल्टी गंगा

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NEWS PAKISTAN IN HINDI:लेकिन इमरान ख़ान ने 8 अप्रैल की रात 10 बजे के बाद जो किया, उसने अपने देश के लोगों के साथ साथ हिन्दुस्तान के लोगों को भी बेहद चौंकाया। अपने 30 मिनट के भाषण में इमरान ख़ान ने क़रीब सात मौकों पर भारत का ज़िक्र किया। और उस ज़िक्र में हर बार भारत की तारीफ़ की।

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ये तारीफ़ भारत की सियासत की थी। ये तारीफ़ भारत की विदेश नीति की थी। ये तारीफ़ भारत के सियासत करने वाले लोगों की थी। ये तारीफ़ भारत की रक्षा मामलों में उसकी तैयारी की थी। और सबसे बड़ी बात ये तारीफ पाकिस्तान के मुकाबले खुद को दुनिया के नक्शें पर भारत के चमकदार होने की थी।

भारत की तारीफ़ ने तो हिन्दुस्तानियों को चौंकाया ही, लेकिन जिस तरह से अपने भाषण में इमरान ख़ान ने अपने ही मुल्क़ के टुकड़े होने का डर ज़ाहिर किया तो पाकिस्तान के साथ साथ भारत के लोग भी सुनकर चौंक उठे। इमरान ख़ान ने अपने भाषण में साफ साफ कहा कि पाकिस्तान के तीन टुकड़े होने का डर अब तलवार बनकर सिर पर लटक रहा है।

भारत की इतनी तारीफ़ तो पाकिस्तान ने पहले कभी नहीं की

NEWS UPDATE PAKISTAN: इमरान ख़ान ने अपने देश में खतरे में पड़े लोकतंत्र को लेकर बहुत कुछ कहा, लेकिन जब उन्होंने ये कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों ही एक साथ आज़ाद हुए। लेकिन आज भारत कहीं आगे निकल चुका है। जबकि पाकिस्तान में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और नेताओं की चोरी ने देश को बर्बाद कर दिया है।

पाकिस्तान के नेताओं को डाकू करार देते हुए इमरान ख़ान ने कहा था कि अल्लामा इक़बाल ने जब हिन्दुस्तान से अलग होकर तमाम मुसलमानों के लिए इस मुल्क़ का तसव्वुर किया था तो उनका ख्वाब दीगर था। वो चाहते थे कि ये दुनिया का सबसे आला तरीन मुल्क़ बने। यहां कुदरत का दिया सबकुछ है। मगर हमारे मुल्क़ की खूबसूरती और दौलत को इन सियासी डाकुओं ने लूट लिया।

भारत की विदेश नीति के मुरीद क्यों हैं इमरान ख़ान?

NEWS OF IMRAN KHAN: भारत की विदेश नीति की तारीफ़ करते हुए इमरान ने कहा कि हम दोनों साथ साथ आज़ाद हुए लेकिन आज उनकी विदेश नीति का पूरी दुनिया में इक़बाल है। शीतयुद्ध के दौर में भारत निरगुट था। उस वक़्त भारत सोवियत संघ से भी बात कर रहा था। उनके साथ कारोबार कर रहा था और अमेरिका के साथ भी उसके रिश्ते अच्छे चल निकले। हिन्दुस्तान की विदेश नीति की वजह से पूरी दुनिया में उनकी क्या इज़्ज़त है और पाकिस्तान की क्या इज़्ज़त है आप खुद ही देख सकते हैं।

इमरान ख़ान का इस तरह भारत की तारीफ़ करना इस लिए भी हिन्दुस्तान के लोगों को चौंका रहा है क्योंकि इससे पहले यही इमरान ख़ान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पॉलिसी को लेकर खुलकर बुरा भला कहते रहते थे। यहां तक की इमरान ख़ान ने ये भी इल्ज़ाम लगाया था कि नरेंद्र मोदी छुप छुपकर नवाज शरीफ़ से मिलते रहते हैं।

इमरान ख़ान ने तारीफ़ की, मरियम को मिर्ची लगी

LATEST NEWS PAKISTAN: लेकिन बीते कुछ अरसों में खासतौर पर जबसे उनके सामने सियासी संकट खड़ा हुआ है तभी से इमरान ख़ान भारत की तारीफ़ करने लगे। जिसको लेकर पाकिस्तान के सियासी लोगों में काफी बेचैनी देखी जा सकती है।

क्योंकि इमरान ख़ान के भारत की तारीफ़ करने वाले भाषण को आड़े हाथों लेती हुई मियां नवाज़ शरीफ की बेटी और पाकिस्तान की विपक्षी नेता मरियम नवाज़ ने इमरान ख़ान को जमकर कोसा। बल्कि उन्होंने तो इमरान ख़ान को ये नसीहत तक कर डाली कि वो पाकिस्तान को छोड़कर हिन्दुस्तान में ही क्यों नहीं बस जाते।

सवाल यही उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इमरान ख़ान भारत के पाले में आकर भारत का सुर अलापने लगे। इस मंच से इमरान ख़ान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ़ में यहां तक कह दिया कि ये उनकी ताक़त ही है कि अमेरिका से प्रतिबंध लगने के बावजूद भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदा।

बाजवा के नरम रुख के पीछे का राज़

LATEST NEWS PAKISTAN: हालांकि एक बात तो ज़रूर क़ाबिले गौर है कि इन दिनों पाकिस्तान में सत्ता पर पकड़ बनाए रखने वाले या फिर सत्ता में ऊंची हैसियत रखने वाले ज़्यादातर लोगों का भारत के प्रति रवैया नरम ही बना हुआ है। फिर चाहें वो इमरान ख़ान हों या फिर वहां के सेना प्रमुख जनरल जावेद क़मर बाजवा। कुछ अरसा पहले ही जनरल बाजवा ने ये बात कहकर सभई को चौंका दिया था कि अगर भारत चाहता है तो कश्मीर समेत तमाम ऐसे मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है जिनका असर दोनों देशों की तरक्की के रास्ते में रुकावट के तौर पर पड़ रहा है।

ये बात भी ग़ौर करने वाली है कि साल 2016 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते के दरवाजे क़रीब क़रीब पूरी तरह से बंद हैं। दोनों के बीच न तो बातचीत हो रही और न ही कोई व्यापारिक लेन देन। साल 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद से भारत के कड़े रुख के बाद पाकिस्तान ने भी अपने तेवर न झुकने वाले कर रखे थे। लेकिन साल 2019 में जब भारत ने कश्मीर के लिए धारा 370 और 35 A को संशोधित करने का फैसला किया उसके बाद से तो पाकिस्तान बुरी तरह से बेचैन है।

भारत ने पाकिस्तान के सामने एक ही शर्त रखी है, अगर बात करनी है तो पहले आतंकवाद को ख़त्म करो। ज़ाहिर है कि इन हालात में भारत के ख़िलाफ़ पाले में खड़े रहने वाले इमरान ख़ान में अचानक भारत प्रेम कैसे जाग गया। कहीं एक बार फिर पाकिस्तान का इरादा मीठी मीठी बातें करके पीठ में छूरा मारने का तो नहीं है। कहीं पिछली तमाम चालों की तरह इस बार भी मिठाई के डिब्बे में साज़िशों का खंजर तो नहीं छुपाया है।

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