इमरान ख़ान की कुर्सी का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन, चुनाव की आड़ में इस्तीफ़े की चाल

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इमरान ख़ान की कुर्सी का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन, चुनाव की आड़ में इस्तीफ़े की चाल
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इमरान के लिए उल्टी गिनती शुरू

PAKISTAN POLITICAL UPDATE: ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ दिनों के भीतर ही इमरान खुद ही अपनी पारी डिक्लेयर कर सकते हैं। क्योंकि अब उन्हें अंदाज़ा हो चुका है कि पाकिस्तान में उनकी कुर्सी खींचने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है, और ज़्यादा रन बनाने के चक्कर में इमरान ख़ान बुरी तरह से नंबरों के जाल में उलझ गए हैं। आलम ये है कि वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान बस गिनी चुनी गेंदों के मेहमान बचे हुए हैं।

एक तरफ फील्डिंग कर रहे हैं पाकिस्तान की सियासत के वो सियासी नेता जो सत्ता के ख़िलाफ़ आवाज़ें उठाते ही रहते हैं। लेकिन अब तो इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की सेना के आला अफ़सरों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। तभी तो कहा जा रहा है कि आर्मी चीफ़ जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान ख़ान के इस्तीफे की तारीख तक तय कर दी है।

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विपक्ष की बाउंसर में बुरी तरह फंसे इमरान ख़ान

PAKISTAN POLITICAL UPDATE: जिस सेना की तमाम उल्टी सीधी हरकतों को अपनी पूरी ताक़त से दबाने छुपाने में इमरान ख़ान लगे रहे अब उसी सेना ने अपने चहेते प्रधानमंत्री से किनारा कर लिया है। लिहाजा पाकिस्तान में सियासत की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

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आखिर पाकिस्तान की सियासत में क्या चल रहा है और ये बात क्यों सिर चढ़कर की जा रही है कि इमरान खान के अब गिने चुने घंटे ही बचे हैं। तो इस पूरे मामले को सिलसिलेवार तरीक़े से समझने की कोशिश करते हैं।

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असल में पाकिस्तान में विपक्षी एकजुट हो चुके हैं। हालांकि विपक्षी पिछले दो सालों से इमरान के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर रहे हैं लेकिन अब मामला ज़रूरत से ज़्यादा किनारे लग गया है। और पाकिस्तान की सियासी जुबान में कहा जाए तो अब पानी सिर के ऊपर निकल चुका है, लिहाजा इमरान ख़ान को गद्दी से उतारने में ही उनको मुल्क की भलाई दिख रही है। इसी वजह से पाकिस्तान की नेशनल एसेम्बली में विपक्षियों ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर जल्दी वोटिंग कराने की मांग तेज़ कर दी है।

सेना की यॉर्कर उड़ाएगी इमरान का विकेट

PAKISTAN POLITICAL UPDATE: इस अविश्वास प्रस्ताव के सामने आने के बाद अब इमरान ख़ान के पास दो ही रास्ते बचे हैं या तो वो आगे बढ़कर अपनी पारी खुद ही डिक्लेयर कर दें या फिर अविश्वास प्रस्ताव की ऐसी यॉर्कर का सामना करने को तैयार हों जिसमें उनके विकेट उखड़ भी सकते हैं। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि इमरान ख़ान को नंबरों ने भी धोखा दे दिया है।

असल में इमरान ख़ान को पहले 176 सांसदों का समर्थन हासिल था। लेकिन 24 सांसदों ने इमरान ख़ान की टीम से खेलने से इनकार कर दिया। लिहाजा अब उनकी टीम में 152 सांसद ही बचे हुए हैं। ऐसे में 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में इमरान ख़ान बहुमत के आंकड़े यानी 172 से बहुत पीछे सरक गए हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि शुक्रवार से पहले ही इमरान की विकेट गिर जाएगी। क्योंकि शुक्रवार यानी 25 मार्च को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।

OIC की बैठक तक की मोहलत

PAKISTAN POLITICAL UPDATE: दूसरी सूरत ये भी पाकिस्तान में निकल कर सामने आई है कि पाकिस्तान की सेना के जनरल कमर बाजवा ने इमरान ख़ान को साफ कह दिया है कि कॉन्फ्रेंस ऑफ़ द ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ दी इस्लामिक कोऑपरेशन यानी OIC की बैठक के बाद पाकिस्तान की प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ दें।

यानी पाकिस्तान की सेना की तरफ से भी इमरान ख़ान को अल्टीमेटम मिल चुका है कि वो किसी भी सूरत में अब वज़ीर-ए-आज़म की कुर्सी से किनारा कर लें इसी में उनकी भलाई है। पाकिस्तान में ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि वहां प्रधानमंत्री की कुर्सी पर तभी तक कोई बैठ सकता है जब तक सेना चाहे।

पैरवी भी काम नहीं आई इमरान के लिए

PAKISTAN POLITICAL UPDATE: पाकिस्तान से सामने आई ख़बरों पर यकीन किया जाए तो जनरल बाजवा और सेना के तीन सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल की बैठक में इमरान ख़ान की सियासी क़िस्मत का फैसला हो चुका है। सेना ने तय कर लिया है कि अब इमरान ख़ान को और ज़्यादा समय नहीं दिया जा सकता।

इसी बीच पाकिस्तान पर क़रीबी नज़र रखने वालों ने बताया है कि इमरान ख़ान ने अपने लिए काफी पैरवी भी लगवाई है। सेना के एक पूरी जनरल राहिल शरीफ़ ने जनरल बाजवा से मुलाक़ात की मगर मौजूदा सूरते हाल देखकर तो ये कहा जा सकता है कि इमरान के हक़ में राहिल शरीफ़ की सिफारिश भी काम नहीं आई।

सियासी गणित भी इमरान के ख़िलाफ़

PAKISTAN POLITICAL UPDATE: अब इमरान ख़ान के ऊपर दो धारी तलवार लटकी हुई है। अविश्वास प्रस्ताव ने इमरान ख़ान को बुरी तरह से घेर दिया है। ऐसे में बीते पांच सालों में ये पहला मौका सामने आया है जब विपक्ष की मुहिम सिरे चढ़ती दिखाई दे रही है क्योंकि इमरान को गद्दी से उतारने की मुहिम अब कारगर होती नज़र आने लगी है।

पाकिस्तान की सियासी गणित भी इमरान ख़ान के ख़िलाफ ही गवाही देती दिखाई पड़ रही है। विपक्ष इसलिए भी उत्साहित नज़र आ रहा है क्योंकि उसके पाले में अब आंकड़ा 200 को पार करता दिखाई दे रहा है। जाहिर है ऐसे में इमरान ख़ान का फ्लोर टेस्ट किसी मुसीबत से कम नहीं होगा।

इधर इमरान ख़ान अब दूसरी चाल चलकर हवा को अपने हक़ में मोड़ने की कोशिशों में जुट गए हैं। और अपनी कामयाबियों के कसीदे पढ़कर बाग़ी हुए सांसदों को अपने हक़ में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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