आर्डर ! आर्डर ! आर्डर ! 'ये अदालत आरोपी को 20 साल की सजा सुनाती है' Jaipur Rape case : रेप के आरोपी की 13 घंटे के अंदर गिरफ्तारी, 6 घंटे में चालान और 9 दिनों के भीतर 20 साल की सजा

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Jaipur Rape case: जयपुर की एक कोर्ट ने वो कर दिखाया जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए, उतनी कम है। ये फैसला यकीकन एक नजीर बनेगा। जयपुर की पोक्सो कोर्ट ने महज 9 दिनों के भीतर ही रेप केस में फैसला देकर न्याय व्यवस्था पर लोगों के भरोसे को और बढ़ा दिया है। महज 13 घंटे में किडनैप और रेप के आरोपी की पुलिस ने गिरफ़्तारी की और सिर्फ छह घंटे में कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। जयपुर में मंगलवार को पोक्सो कोर्ट ने 25 साल के कमलेश मीणा को 20 साल की सजा सुनाई है। कमलेश पर नौ साल की मासूम बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म का आरोप था। दरिंदे कमलेश में दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या का प्रयास भी किया था।

पूरा मामला जानिए

मामला जयपुर जिले के कोटखावदा का है। आरोपी कमलेश इसी थाना इलाके के बासड़ा गांव का रहने वाला है। 26 सितम्बर की शाम करीब छह बजे मासूम बच्ची अपने दादा जी के लिए कुछ सामान लेने घर के नज़दीक बाज़ार में गई थी। यही पर कमलेश ने उसे अकेला देखकर उसका अपहरण कर लिया और उसे कुछ दूर सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची रोने लगी तो कमलेश में उसका गला घोटने की कोशिश भी की। इस मामले की सूचना उसी दिन रात करीब साढ़े नौ बजे कोटखावदा थाने को मिली। पुलिस फ़ौरन हरकत में आयी और खुद डीसीपी दक्षिण हरेंद्र महावर ने जांच की पूरी कमान संभाली। महावर ने डेढ़ सौ पुलिसकर्मियों की पांच टीमों का गठन किया और जांच शुरू की। उस वक्त आरोपी कमलेश मीणा फरार हो गया था और पुलिस टीम कड़ी से कड़ी जोड़कर उसकी तलाश में जुट गई।

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13 घंटे में पुलिस के हत्थे चढ़ा था आरोपी

सिर्फ 13 घंटे के भीतर कमलेश पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद पुलिस टीम ने लगातार काम करके उसके खिलाफ छह घंटे में आरोप पत्र तैयार कर पोक्सो कोर्ट में पेश कर दिया। राजस्थान पुलिस के इतिहास में किसी आपराधिक मामले का इतनी जल्दी चालान पेश कर आरोपी को सजा दिलवाने का संभवत ये पहला मामला है।

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19 गवाहों ने दिए बयान हुई 20 साल की सजा

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इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, जिसमें करीब इस मामले में 19 लोगों ने अपने बयान दिए और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पीड़ित बेटी के बयान दर्ज कराए गए और आरोपी को कोर्ट ने 9 दिन के अंदर मामले की सुनवाई करके 20 साल की सजा सुनाई। कहते है न ''न्याय में देरी न्याय से वंचित है'', लेकिन इस मामले में न्यायपालिका ने जबदस्त उदाहरण पेश किया है।

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