12 हज़ार करोड़ की नशे की खेप का पाकिस्तानी कनेक्शन, ड्रग्स की डिलीवरी का ये था प्लान 'ए' और 'बी'
operation samudragupta: कोच्चि के पास मट्टनचेरी घाट पर पकड़ी गई 12000 करोड़ की ड्रग्स का पाकिस्तानी कनेक्शन निकलकर सामने आया है और साथ ही ड्रग्स की डिलीवरी का प्लान ए और प्लान बी भी पता चल गया।
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operation samudragupta: 13 मई को केरल के कोच्चि के पास मट्टनचेरी घाट से एनसीबी के ‘ऑपरेशन समुद्रगुप्त’ के तहत जो 12000 करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई है उसका एक पाकिस्तानी कनेक्शन निकलकर सामने आ गया है। और इसी के साथ उस साज़िश का भी खुलासा हो गया जिसके तहत इसे भारत के बाजार के रास्ते हिन्दुस्तानी नौजवानों की नसों में फैलाए जाना था। मगर भारतीय नौ सेना के ऑपरेशन समुद्रगुप्त ने नशे के सौदागरों की तमाम साज़िशों पर पानी फेर दिया। असल में 12 हज़ार करोड़ की ड्रग्स के साथ एक 29 साल के पाकिस्तानी को भी पकड़ा गया है। और जब उस शख्स ने मुंह खोला तो चौंकानें वाला खुलासा हुआ। असल में ये पूरी खेप छोटी छोटी किस्तों में और छोटी छोटी कश्तियों में भारत पहुँचाने की प्लानिंग थी। ताकि इसे आसानी से खपाया जा सके।
पकड़े गए पाकिस्तानी ने बताया 'प्लान'
पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक ने NCB के अफसरों को पूछताछ में बताया कि असल में ड्रग्स की इस बड़ी खेप को छोटी छोटी कश्तियों से भारत पहुँचाने का प्लान तैयार हुआ था। और उसी के जरिए इसे डिलीवर करना था। इसके अलावा इसी में से एक हिस्सा श्रीलंका भी भेजना था। क्योंकि बड़ी खेप को हिन्दुस्तान भेजने में खतरे का अंदेशा नशे के स्मग्लरों को भी था। लेकिन जब छोटी नावों का इंतजाम नहीं हुआ तो पूरी खेप श्रीलंका डायवर्ट की जाने लगी और फिर वहां से इसे छोटी छोटी किश्तों में भारत पहुँचाने का प्लान बी तैयार हुआ था।
ड्रग्स की डिलीवरी की सही जगह
NCB के एक अफसर ने बताया कि पाकिस्तान के बलूच इलाके के रहने वाले उस शख्स ने जो दावा किया उसकी पड़ताल की जा रही है। लेकिन ये आइडिया एकदम सही मालूम दे रहा है। क्योंकि उससे जो कुछ जानकारी सामने आई है उससे तो यही अंदाजा लगता है कि उसे सब कुछ मालूम था कि ये ड्रग्स कब किसे और कहां डिलीवर करना है। मुमकिन है कि ये एनसीबी के लिए एक बेहतरीन सोर्स बन सके।
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2500 किग्रा मेथामफेटामाइन जब्त
एनसीबी ने डेथ क्रिसेंट से मिली जानकारी के बाद करीब 2500 किग्रा मेथामफेटामाइन की जब्ती की है इस ड्रग्स की कीमत 12,000 करोड़ बताई जा रही है। इस छापेमारी के दौरान एक संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक को हिरासत में लिया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और भारतीय नौसेना के संयुक्त अभियान में ये जब्ती की गई है। जानकारी के मुताबिक किसी भारतीय एजेंसी द्वारा ड्रग्स ले जाने वाली 'मदरशिप' का ये पहला बड़ा इंटरसेप्शन है।
ऑपरेशन का श्रीलंका और मालदीव कनेक्शन
ये एनसीबी द्वारा की गई यह तीसरी बड़ी जब्ती है। पिछले डेढ़ साल में दक्षिणी मार्ग से समुद्री तस्करों के खिलाफ एनसीबी की कार्वाई जारी है। अब तक की कार्रवाई में कुल लगभग 3200 किग्रा मेथामफेटामाइन, 500 किग्रा हेरोइन और 529 किग्रा हशीश जब्त की गई है। इस ऑपरेशन में NCB ने श्रीलंका और मालदीव के साथ भी इनपुट साझा किए थे। जिसके चलते ये बड़ी बरामदगी हुई है। देश में मेथामफेटामाइन की सबसे बड़ी जब्ती है।
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'मदरशिप' की मालूमात
ये पूरी कार्यवाई NCB के महानिदेशक संजय कुमार सिंह की अगुवाई में की गई। ऑपरेशन समुद्रगुप्त लॉन्च किया गया। एनसीबी टीम ने डीआरआई, एटीएस गुजरात आदि जैसे ड्रग कानून प्रवर्तन एजेंसियों और भारतीय नौसेना के इंटेलिजेंस विंग, एनटीआरओ आदि जैसी खुफिया एजेंसियों से जानकारियों का आदान-प्रदान किया और जानकारी एकत्र की। भारतीय नौसेना के इंटेलिजेंस विंग के साथ संयुक्त रूप से प्रयासों को जारी रखते हुए मकरान तट से भारी मात्रा में मेथमफेटामाइन ले जाने वाले एक 'मदर शिप' की आवाजाही के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी।
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मेथामफेटामाइन की 134 बोरियां
इस इनपुट के आधार पर नेवी ने समुद्र में जा रहे एक बड़े जहाज को इंटरसेप्ट किया था। जहाज से संदिग्ध मेथामफेटामाइन की 134 बोरियां बरामद की गईं और एक ईरानी नागरिक को भी हिरासत में लिया गया। रोकी गई स्पीड बोट में एक व्यक्ति सवार था जिसके पाकिस्तानी नागरिक होने का संदेह है। बरामद बोरे, पाकिस्तानी नागरिक, पकड़ी गई नाव और मुख्य जहाज से बचाई गई कुछ अन्य वस्तुओं को 13 मई को मट्टनचेरी घाट, कोचीन लाया गया और आगे की कार्रवाई के लिए NCB को सौंप दिया गया।
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