'न मैंने महिला की ब्रा और पैंट उतारी, न ही अपने निजी अंग दिखाएं', इंस्पेक्टर ने कहा - मैं कोई भी टेस्ट करवाने के लिए तैयार

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'न मैंने महिला की ब्रा और पैंट उतारी, न ही अपने निजी अंग दिखाएं', इंस्पेक्टर ने कहा - मैं कोई भी टेस्ट करवाने के लिए तैयार
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Odisha News: उड़ीसा में आर्मी कैप्टन और उनकी महिला दोस्त से बदसलूकी और सेक्सुअल हैरेसमेंट का मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। भरतपुर पुलिस स्टेशन के SHO ने कहा है कि लड़की झूठ बोल रही है। उसने न तो लड़की की ब्रा उतारी और न ही अपने निजी अंग को दिखाया। ये इल्जाम सरासर गलत है। लड़की ने आरोप लगाया था कि एसएचओ दिनकृष्णा ने उसकी ब्रा ऊपर की और पैंट नीचे। फिर जूते से छाती पर ठोकरें मारीं। 

SHO Dinakrushna Mishra  ने कोर्ट में कहा, 'मैं बेकसूर हूं। मैं इस अपराध में शामिल नहीं हूं। मुझे नार्को, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफी टेस्ट कराने में कोई आपत्ति नहीं है।' इसके बाद भुवनेश्वर कोर्ट ने टेस्ट करवाने का ऑर्डर जारी कर दिया। आपको बता दें क उड़ीसा क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है। 

उड़ीसा पुलिस के अधिकारियों का दावा है की SHO पूरी रात पुलिस स्टेशन में नहीं थे। वो सुबह 6 बजे पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। ये वारदात भुवनेश्वर के भरतपुर थाने में हुई थी। इस मामले के सामने आने के बाद ओडिशा पुलिस ने पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस महिला ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया था।

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क्या बयान दिया था महिला ने?

भारतीय सेना में नियुक्त एक मेजर की मंगेतर ने कहा था - उन लोगों ने मेरी जैकेट से ही मेरे हाथ बांध दिए। एक महिला कांस्टेबल के दुपट्टे से मेरे पैरों को बांधकर, मुझे एक कमरे के अंदर बंद कर दिया। कुछ देर बाद एक पुलिसवाला आया और मेरी ब्रा हटाकर मेरे ब्रेस्ट पर लगातार लात मारता रहा। 

महिला के मुताबिक, 15 सितंबर की रात लगभग 1 बजे का वक्त था। वो अपना रेस्टोरेंट बंद करके घर जा रही थीं। कार में उनके साथ उनके मंगेतर भी थे। पीड़िता के मंगेतर भारतीय सेना में मेजर हैं। इसी बीच कुछ लड़कों ने उनकी कार रोकी और हाथापाई करने लगे। महिला और उनके मंगेतर किसी तरह बचकर निकले और सीधे भरतपुर पुलिस थाने पहुंचे। 

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यहां उन्होंने अपनी शिकायत देते हुए तुरंत कार्रवाई की बात कही। महिला का कहना है कि थाने में एक महिला कांस्टेबल नाइटी पहने हुए रिसेप्शन पर बैठी थी। जब महिला पुलिसकर्मी से मदद मांगी गई तो उसने उलटे उनके साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी।

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जब पीड़िता महिला ने उसे यह बताने की कोशिश की कि वो एक वकील हैं और एफआईआर दर्ज करना उनकी ड्यूटी है तो महिला पुलिस कर्मी बुरी तरह भड़क गई। दूसरी तरफ मेजर भी जोर-जोर से बोल रहा था। इस दौरान गुस्से में आकर दूसरे पुलिसकर्मियों ने मेजर को हवालात में बंद कर दिया। पीड़ित महिला ने जब कहा कि वो एक आर्मी ऑफिसर को इस तरह सलाखों के पीछे बंद नहीं कर सकते तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने उनके बाल पकड़े और मारपीट शुरू कर दी।

आरोप है कि इन लोगों ने पीड़िता के हाथ उनकी जैकेट से और पैर एक महिला कांस्टेबल के दुपट्टे से बांधकर एक कमरे में बंद कर दिया। पीड़िता के मुताबिक, कुछ देर बाद उस कमरे में एक पुलिसवाला आया और उनकी ब्रा उतारने के बाद लगातार उनके ब्रेस्ट पर लात मारने लगा। सुबह करीब 6 बजे थाने के इंचार्ज इंस्पेक्टर वहां आए और महिला की पैंट नीचे की। इसके बाद उन्होंने अपनी पैंट उतारी और अपना निजी अंग दिखाते हुए महिला से भद्दे तरीके से बात की। इन तमाम आरोपों की जांच जारी है। 

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