ओडिशा में महिला और उसके मंगेतर के साथ हुई बदसलूकी मामले के तीन वीडियो हुए वायरल, अब कुछ और कहानी आई सामने

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ओडिशा में महिला और उसके मंगेतर के साथ हुई बदसलूकी मामले के तीन वीडियो हुए वायरल

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वीडियो में छिपा है सच

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क्राइम ब्रांच कर रही है मामलेे की जांच

Odisha News: ओडिशा के भुवनेश्वर में आर्मी अफसर और उसकी मंगेतर पर हमले और उसके बाद भरतपुर थाने के अंदर उनके साथ हुई बदसलूकी को लेकर चारों तरफ हंगामा बरपा हुआ है। आइये इस मामले की सच्चाई आपको बताते हैं। 

घटना 15 सितंबर की रात करीब 1 बजे हुई थी। इसका खुलासा 19 सितंबर को हुआ था। पीड़ित का आरोप है कि भुवनेश्वर लौटते वक्त कुछ युवकों ने उसके और उसके मंगेतर आर्मी अफसर से बदसलूकी की। मारपीट और यौन उत्पीड़न के मामले से जुड़े तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। 

तीन वीडियो सबसे ज्यादा वायरल

एक वीडियो में नजर आ रहा है कि आर्मी अफसर और उसकी मंगेतर कई युवकों से घिरे हुए हैं। विवाद हो रहा है। सभी के बीच बहस, गाली-गलौज और धक्का-मुक्की होती नजर आ रही है।

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दूसरा वीडियो में दिख रहा है कि युवकों का ग्रुप गालियां देते हुए आर्मी अफसर को पीटता है। महिला आर्मी अफसर को बचाने की कोशिश करती है। युवकों का ग्रुप दोनों को धक्का देता है, उन पर हमला करता है।

तीसरा वीडियो भरतपुर थाने का है। इसमें पीड़ित महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाती नजर आ रही है। पीड़ित कहती है कि पुलिसवालों ने उससे कहा- ओडिशा भारत में नहीं है। हिंदी-इंग्लिश में बात नहीं कीजिए। 

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इस मामले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। आखिर किस बात को लेकर आर्मी अफसर और दूसरे ग्रुप के बीच 15 सितंबर को झगड़ा हुआ था? 

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क्या थाने के अंदर महिला ने बदसलूकी की थी इसलिए पुलिसकर्मियों ने उसके साथ बदसलूकी की थी? 

अगर महिला बदसलूकी भी कर रही थी तो क्या उसके साथ यौन उत्पीड़न किया जाना चाहिए?

आरोपियों में शामिल हैं इंस्पेक्टर-इंचार्ज दिनकृष्ण मिश्रा

ओडिशा पुलिस ने मामले के आरोपी भरतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इंचार्ज (ICC) दिनकृष्ण मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर बैसालिनी पांडा, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर्स सलिलामयी साहू और सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा को सस्पेंड कर दिया गया है। उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को लेकर संज्ञान लिया है। आयोग ने ओडिशा के DGP को एक पत्र लिखकर 3 दिनों के अंदर एक्शन रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा कि मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए। 

क्या बोली भुवनेश्वर पुलिस? 

भुवनेश्वर के एडिशनल DCP कृष्ण प्रसाद दास ने कहा- 7 आरोपियों के पास से एक वाहन और 11 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। घटना से जुड़ी वीडियो-ऑडियो क्लिप भी मिली हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। गिरफ्तार आरोपियों में राकेश नाइक, अभिलाष सावंत, अमन कुमार, आदित्य रंजन बेहरा, आकाश पढियारी, हरीश मंता और आशीष कुमार शामिल हैं। उनके खिलाफ BNS की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

घटना का दूसरा एंगल भी है

लेकिन घटना का एक दूसरा पहलू भी है। पुलिस का कहना है कि महिला ने थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी की। वहां तोड़फोड़ की। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने रिएक्ट किया। लेकिन यहां सवाल ये भी कहा कि महिला के साथ यौन शोषण क्यों किया गया? 

पुलिस का कहना है कि ऑफिसर और उसकी मंगेतर नशे में थी। उन्होंने 15 सितंबर की रात भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर तोड़फोड़ की। कंप्यूटर और फर्नीचर को तोड़ा। ऑन-ड्यूटी अफसरों से मारपीट भी की, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया।

क्या आरोप थे महिला के?

महिला का कहना था, 'उन लोगों ने मेरी जैकेट से ही मेरे हाथ बांध दिए। एक महिला कांस्टेबल के दुपट्टे से मेरे पैरों को बांधकर, मुझे एक कमरे के अंदर बंद कर दिया। कुछ देर बाद एक पुलिसवाला आया और मेरी ब्रा हटाकर मेरे ब्रेस्ट पर लगातार लात मारता रहा...।' महिला ने ओडिशा की भरतपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसका कहना है कि जब वो पुलिस थाने में अपने मंगेतर के साथ शिकायत दर्ज कराने गई तो उसके साथ बदसलूकी की गई।

महिला के मुताबिक, 15 सितंबर की रात लगभग 1 बजे का वक्त था। वो अपना रेस्टोरेंट बंद करके घर जा रही थीं। कार में उनके साथ उनके मंगेतर भी थे। पीड़िता के मंगेतर भारतीय सेना में मेजर हैं। इसी बीच कुछ लड़कों ने उनकी कार रोकी और हाथापाई करने लगे। महिला और उनके मंगेतर किसी तरह बचकर निकले और सीधे भरतपुर पुलिस थाने पहुंचे। 

यहां उन्होंने अपनी शिकायत देते हुए तुरंत कार्रवाई की बात कही। महिला का कहना है कि थाने में एक महिला कांस्टेबल नाइटी पहने हुए रिसेप्शन पर बैठी थी। जब महिला पुलिसकर्मी से मदद मांगी गई तो उसने उलटे उनके साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। 

थाने के अंदर ही पीटा

जब पीड़िता महिला ने उसे यह बताने की कोशिश की कि वो एक वकील हैं और एफआईआर दर्ज करना उनकी ड्यूटी है तो महिला पुलिस कर्मी बुरी तरह भड़क गई। दूसरी तरफ मेजर भी जोर-जोर से बोल रहा था। इस दौरान गुस्से में आकर दूसरे पुलिसकर्मियों ने मेजर को हवालात में बंद कर दिया। पीड़ित महिला ने जब कहा कि वो एक आर्मी ऑफिसर को इस तरह सलाखों के पीछे बंद नहीं कर सकते तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने उनके बाल पकड़े और मारपीट शुरू कर दी।

आरोप है कि इन लोगों ने पीड़िता के हाथ उनकी जैकेट से और पैर एक महिला कांस्टेबल के दुपट्टे से बांधकर एक कमरे में बंद कर दिया। पीड़िता के मुताबिक, कुछ देर बाद उस कमरे में एक पुलिसवाला आया और उनकी ब्रा उतारने के बाद लगातार उनके ब्रेस्ट पर लात मारने लगा। सुबह करीब 6 बजे थाने के इंचार्ज इंस्पेक्टर वहां आए और महिला की पैंट नीचे की। इसके बाद उन्होंने अपनी पैंट उतारी और अपना निजी अंग दिखाते हुए महिला से भद्दे तरीके से बात की। 

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