Nuh Violence : विधायक दंगे में शामिल लोगों के संपर्क में क्यों थे ?
Nuh Violence : नूंह मामले में विधायक मामन खान को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
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हिमांशु मिश्रा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Nuh Violence : नूंह मामले में विधायक मामन खान को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। उस पर दंगे में शामिल लोगों के सीधे संपर्क में रहने का आरोप है। साथ-साथ दंगे में शामिल लोगों को भड़काने का भी आरोप है।
नूंह पुलिस ने फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस पार्टी के विधायक मामन खान को लोगों को भड़काने और दंगे में शामिल लोगों के सीधे संपर्क में रहने का आरोप लगा है। बड़कली चौक पर विधायक मामन खान के निकलने के कुछ ही देर बाद हिंसा भड़क गई थी। वहां आगजनी हुई थी। एक ऑयल मिल में आग लगा दी गई थी। कई लोग घायल हुए थे। नूंह पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान ये पता चला है कि मामन खान से कुछ लोग डायरेक्ट संपर्क में थे और वो हिंसा में शामिल थे। पूछताछ के दौरान ही मामन खान का नाम सामने आया था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। इसके पहले पुलिस ने दो बार नोटिस भेज कर मामन खान को जांच में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन मामन खान दोनों बार पुलिस के सामने नहीं आया था। इसके बाद पुलिस ने गुरुवार देर रात मामन खान को गिरफ्तार कर लिया।
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कोर्ट में पुलिस ने सात दिन की रिमांड की मांग की और कहा की मोबाइल रिकवर करना है, जो सबूत अब तक की जांच में मिले हैं, उसके बारे में पूछताछ करनी है। इसी बीच विधायक के वकील ने मोबाइल कोर्ट में जमा करा दिया। सारी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामन खान को दो दिनों की रिमांड पर भेज दिया। अब मामन खान को रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामन खान के तरफ से पेश हुए वकील की तरफ से कहा गया कि पुलिस के आरोप बेबुनियाद है और ये पॉलिटिकल मामला है। साथ में यह भी कहा गया की मामन खान 31 जुलाई को कहीं नहीं गए थे, सिवाय अपने घर के। यह भी कहा गया कि मामन खान पर, जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें अपराधिक साजिश रचना और डकैती की धारा भी शामिल है।
इसके बाद शुक्रवार की दोपहर पुलिस पुख्ता सुरक्षा के बीच मामन खान को नूंह कोर्ट में पेश किया। इसके पहले प्रशासन ने एहतियातन धारा 144 लागू कर दी और इंटरनेट सेवा भी दो दिन के लिए बंद कर दी। जांच के दौरान ये भी पता चला है कि कुछ social media चैनल एक्टिव थे जो कि सीमा पार से चलाए जा रहे थे और इनके जरिए उकसाने का काम किया जा रहा था। इस सिलसिले में कुल 60 एफआईआर हुई है। 330 गिरफ्तारियां हुई है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने को लेकर 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 5 गिरफ्तार किए गए हैं।
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