Nuh violence Live Update: आखिर बार-बार क्यों सुलग उठता है हरियाणा का नूंह? 6 महीने में 3 बार टशन
Nuh violence Live Update: हरियाणा (haryana) के नूंह में 6 महीने में तीसरी बार दो समुदायों के बीच बवाल हो गया.
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Nuh violence Live Update: हरियाणा (haryana) के नूंह में 6 महीने में तीसरी बार दो समुदायों के बीच बवाल हो गया. सोमवार को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई, जिसके बाद हिंसा भड़क गई. देखते ही देखते उपद्रवियों ने 80 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. नूंह में हिंसा के कारण अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 50-60 लोग घायल हुए हैं.
Nuh violence news: हिंसा के बाद नूंह में पैरा मिलिट्री फोर्स की 3 कंपनियां तैनात की गई हैं. हालात को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने पलवल एसपी नरेंद्र बिजारणिया को नूंह एसपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है. इस बीच कांग्रेस ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बीजेपी की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा है.
लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर हरियाणा का नूंह बार-बार क्यों भड़कता है?
इस बार नूंह में क्यों भड़की सांप्रदायिक हिंसा? | Why did communal violence break out in Nuh?
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और मातृशक्ति दुर्गावाहिनी द्वारा सावन माह में नूंह क्षेत्र में ब्रजमंडल यात्रा का आयोजन किया जाता है. यह यात्रा नूंह से शुरू होती है, जो फिरोजपुर झिरका के सिगार गांव में समाप्त होती है. इस यात्रा की शुरुआत 2020 में हुई थी. यात्रा में शामिल लोग नूंह के सभी मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। इस बार तो ये यात्रा शुरू होते ही हंगामा मच गया. इसकी अभी तक दो वजहें बताई जा रही हैं.
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एक तो यात्रा में जुनैद-नासिर हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोनू मानेसर के शामिल होने की खबर और दूसरा गौरक्षक बिट्टू बजरंगी का भड़काऊ भाषण जो वायरल हो रहा है.
हिंसा रोकने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. बदमाशों ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया था, जिन्हें बाद में पुलिस ने छुड़ाया. सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी हरियाणा सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है.
6 महीने में 2 बार आईं तनाव की खबरें...
1. 20 फरवरी को नूंह के खेड़ा खलीलपुर गांव में दो समुदाय के लोगों के बीच मामूली बात पर हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में दोनों तरफ से जमकर पथराव हुआ. लोगों ने एक-दूसरे पर लाठियां बरसाईं और गोलियां भी चलाईं. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इस हिंसक झड़प में 9 लोग घायल हुए हैं. पूरे मामले में पुलिस ने 73 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
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2. फरवरी 2023 में राजस्थान के जुनेर-नासिद की हत्या के बाद पुलिस कार्रवाई के बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए. इसी बीच 25 फरवरी को एक समुदाय ने अलवर-नूंह हाईवे पर प्रदर्शन किया, जिसके बाद माहौल बिगड़ने लगा. आनन-फ़ानन में पुलिस ने 26 फ़रवरी को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया.
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पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले करीब 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस बवाल में कोई हताहत की घटना नहीं हुई.
बार-बार क्यों भड़कता है हरियाणा का नूंह?
Nuh violence Update: मिश्रित आबादी, राजस्थान की सीमा-हरियाणा का नूंह राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है, जो पहले तस्करी के लिए कुख्यात था. नूंह से बड़े पैमाने पर हथियार, ड्रग्स और गाय की तस्करी होती थी. राजस्थान से लेकर दिल्ली तक तस्कर सक्रिय रहते हैं. यहां मुसलमानों की आबादी करीब 79 फीसदी है, जबकि हिंदू आबादी करीब 20 फीसदी है. नूंह बेहद पिछड़ा इलाका है और यहां साक्षरता दर महज 54 फीसदी है.
साल 2014 के बाद इन इलाकों में कथित तौर पर गोरक्षा के नाम पर कई संगठन सक्रिय हो गए, जिसके बाद यह इलाका देशभर में सुर्खियां बटोरने लगा. गौरक्षकों की सक्रियता के कारण यहां के मुसलमान खुद को असुरक्षित मानने लगे, जिससे टकराव की घटनाएं बढ़ने लगीं. पिछले 5 सालों में मेवात से मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आईं. इसके बाद से नूंह की गिनती संवेदनशील इलाकों में होने लगी और जब-तब हिंसा भड़कने लगी. इंटेलिजेंस फेलियर, पुलिस अक्षम- हरियाणा के नूंह में बार-बार हो रही हिंसा के लिए सभी पार्टियां पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रही हैं.
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस भाग गई, जिसके कारण हमारे लोगों पर उपद्रवियों ने हमला किया.
ऑल इंडिया मेवाती समाज के अध्यक्ष रमजान चौधरी कहते हैं- नूंह जलने के पीछे पुलिस की नाकामी है. पुलिस ने कार्यक्रम की इजाजत तो दे दी, लेकिन उचित व्यवस्था नहीं की
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