पिता को इंसाफ दिलाने के लिए छोड़ी नौकरी, कानून की पढ़ाई की और एक दशक बाद हत्यारों को दिलाई सजा, ये कहानी रुला देगी
Noida Crime News: अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए एक बेटे ने जो किया, वाकई उसकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है।
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Noida Crime News: आकाश के पिता की साल 2013 में चार लोगों ने मिल कर हत्या कर दी थी। इस वजह से आकाश का पूरा परिवार डिप्रेशन में था, लेकिन आकाश ने ऐसी परिस्थितियों के बावजूद हार नहीं मानी और आखिरकार ये ठान लिया कि वो अपने पिता के हत्यारों को सजा जरूर दिलवाएगा।
इसके लिए सबसे पहले उसने कानून की पढ़ाई की। अपनी मेहनत के बल पर वो वकील बना। इसके बाद अपने पिता की हत्या के केस की पैरवी की। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई। अब अदालत ने इस मामले में इंसाफ किया है। आरोपियों को सजा सुनाई गई है। इस केस की सुनवाई के दौरान आकाश के परिवार को उस वक्त धक्का लगा था, जब आकाश के भाई को हमलावरों के रिश्तेदारों ने जान से मार डाला था।
ये कहानी दिल दहला देगी
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पूरा वाक्या नोएडा के रायपुर खादर गांव का है। आकाश चौहान के पिता का नाम पालेराम था। उनकी 31 जुलाई 2013 को एक बाइक पर सवार तीन लोगों ने सिर, सीने और हाथ में छह गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरा परिवार को हिला कर रख दिया था।
पहले पिता की हत्या, फिर उसके बेटे की
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पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। कुछ समय तक आरोपी पकड़े नहीं गए। इस घटना का चश्मदीद था आकाश का भाई, जिसके सामने हत्यारों ने उसके पिता की हत्या की थी। परिवार को उस वक्त एक और झटका लगा, जब आकाश के भाई की दिल्ली के नरेला इलाके में हत्या कर दी गई। बाद में पुलिस ने इस सिलसिले में चार आरोपियों को अरेस्ट किया। मृतक के परिजनों के मुताबिक, खनन माफिया राजपाल चौहान और उनके तीन बेटे ने ही पालेराम और उसके बेटे की हत्या की थी।
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नौकरी छोड़ी, पढ़ाई की, दिल में थी आग
परिवार के लिए ये गम भुला पाना आसान नहीं था। आकाश ने ये तय कर लिया कि वो अब आरोपियों को सजा दिलवाएगा। आकाश नौकरी कर रहा था। लिहाजा, उसने सबसे पहले अपनी नौकरी छोड़ी। इसके बाद उसने कानून की पढ़ाई की। बाद में उसने अपने पिता के केस की पैरवी करना शुरू कर दिया। आखिरकार 10 सालों के लंबे इंतजार के बाद उसकी मेहनत रंग लाई। अदालत ने इस मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी राजपाल चौहान और उसके बेटे सोनू चौहान को बीते शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दो अन्य को सबूतों के आधार पर बरी कर दिया।
कई गम झेले आकाश ने !
आकाश ने बताया कि जब वह कानून की पढ़ाई कर रहा था तो उसे जान से मारने की धमकी तक दी गई। इतना ही नहीं, आरोपियों ने उसको झूठे केस में भी फंसा दिया। आकाश के खिलाफ बागपत के एक थाने में केस तक दर्ज करावा दिया था। अब जाकर आकाश ने राहत की सांस ली है।
Note : ये खबर क्राइम तक में internship कर रही निधी शर्मा ने लिखी हैं।
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