Nithari Case : कोली अभी भी जेल में ही रहेगा, एक मामले में फैसला आना बाकी!
Nithari Case : निठारी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मामलों में कोली की फांसी की सजा को रद्द कर दिया, जब कि पंधेर की 2 मामलों में फांसी की सजा को रद्द कर दिया।
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Nithari Case : निठारी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मामलों में कोली की फांसी की सजा को रद्द कर दिया, जब कि पंधेर की 2 मामलों में फांसी की सजा को रद्द कर दिया, लेकिन अभी भी 1 मामला सुप्रीम कोर्ट में पैंडिग है। यानी वो अभी भी जेल में रहेगा। इस सिलसिले में सीबीआई ने कुल 19 मामले दर्ज किए थे, जिसमें पंधेर को 6 मामलों में आरोपियों बनाया गया था। पंधेर पहले 4 मामलों में बरी हो चुका है। अब दो और मामलों में वो बरी हो गया।
कोली ने दिल्ली के एक मेजिस्ट्रेट के सामने अपना बयां दिया था, जिसमें उसने पूरे घटनाक्रम के बारे में डिटेल में बताया था। सीबीआई ने कुल 19 मुकदमें दर्ज किए थे, जिनमें से 3 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। 16 मुकदमों में से 13 में कोली को फांसी की सजा हुई थी। इनमें से 12 में होईकोर्ट का फैसला आ चुका है। 1 मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में पैंडिंग है। जब तक वो मुकदमा क्लीयर नहीं हो जाता, तब तक कोली का जेल से बाहर आना मुश्किल है।
2005 से 2006 में नोएडा में हुए निठारी केस में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने के केस में आरोपी बनाया था, जबकि मनिंदर सिंह पंधेर को मानव तस्करी का भी आरोपी बनाया गया था।
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दोनों आरोपियों ने अपनी फांसी की सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आरोपियों ने कोर्ट में कहा था कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है। उन्हें सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई गई है। जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की बेंच ने दोनों को इन केसों में बरी कर दिया।
7 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंधेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को कई बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे। सीबीआई ने इसको लेकर 16 मुकदमें दर्ज किए थे।
सुरेंद्र कोली उत्तराखंड के अल्मोलड़ा के एक गांव का रहने वाला है। वो 2000 में दिल्ली आया था। दिल्ली में कोली एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। साल 2003 में पंधेर के संपर्क में सुरेंद्र कोली आया। उसके कहने पर नोएडा सेक्टर-31 के डी-5 कोठी में काम करने लगा। साल 2004 में पंधेर का परिवार पंजाब चला गया। इसके बाद वह और कोली साथ में कोठी में रहने लगे थे। पंधेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं। इस दौरान वह कोठी के गेट पर नजर रखता था।
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आरोप है कि वह कोठी से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ कर उनके साथ कुकर्म करता और फिर उनकी हत्या कर देता।
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