NIA Terror Gangster Charge sheet: गैंगस्टर-टेरर नेटवर्क केस में NIA की बड़ी कार्रवाई, 12 गैंगस्टर के खिलाफ दायर की चार्जशीट

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12 गैंगस्टर के खिलाफ दायर की चार्जशीट
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NIA Terror Network: जांच से आरोपियों के खालिस्तान समर्थक संगठनों और पाक स्थित षड्यंत्रकारियों के साथ संबंधों का पर्दाफाश हुआ है। टारगेट किलिंग की साजिश में भूमिका के लिए 10 अन्य की अभी भी जांच चल रही है। एनआईए ने 4 राज्यों के 25 जिलों में 91 स्थानों पर 6 महीने की तलाशी के बाद चार्जशीट दाखिल की है। 

एनआईए की जांच में आरोपी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स और इसके संचालक अर्शदीप सिंह गिल उर्फ ​​अर्श डल्ला, एक सूचीबद्ध 'व्यक्तिगत आतंकवादी' के साथ आरोपित अभियुक्तों के संबंधों का खुलासा हुआ है। पाक स्थित साजिशकर्ताओं के संपर्क में होने के अलावा आरोपी कनाडा और विदेशों में स्थित खालिस्तानियों के संपर्क में भी थे। 

दिल्ली में दायर चार्जशीट गैंगस्टर-आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के साथ-साथ उनकी फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी है। चार्जशीट में टारगेट किलिंग को अंजाम देने की साजिश रचने का जिक्र है। आरोपी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन भी जुटा रहे थे, जो देश के भीतर और बाहर दोनों से संचालित आतंकवादियों, गैंगस्टरों, ड्रग तस्करों और उनके नेटवर्क के बीच गहरी साजिश के तहत था। 

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12 आरोपियों की पहचान अर्श डल्ला, गौरव पटयाल, सुखप्रीत बुद्धा, कौशल चौधरी, अमित डागर, नवीन बाली, छोटू भट, आसिफ खान, जग्गा तख्तमल, टिल्लू ताजपुरिया, भूपी राणा और संदीप बंदर के रूप में हुई है। एनआईए द्वारा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 91 स्थानों पर, 25 जिलों, यानी लुधियाना, जालंधर, मोहाली, मुक्तसर में 6 महीने की व्यापक तलाशी और विभिन्न संगठित अपराध समर्थन नेटवर्क के लगभग 100 सदस्यों की जांच के बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। 

एनआईए पंजाब में मोगा, फिरोजपुर, भटिंडा, संगरूर, पटियाला; हरियाणा में गुरुग्राम, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी: दिल्ली में बाहरी उत्तर, उत्तर, रोहिणी, द्वारका, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व; और उत्तर प्रदेश में बागपत, बुलंदशहर, पीलीभीत, गाजियाबाद में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है। एनआईए ने गिरोह के सदस्यों को शरण देने और उनके लिए हथियार जमा करने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर बनाए गए केंद्रों का भी पता लगाया है।

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 इन छापों और तलाशी में लगभग 20 हथियार, 527 राउंड गोला बारूद, 195 डिजिटल उपकरण, 281 दस्तावेज आदि जब्त किए गए। जांच के दौरान अब तक सात एलओसी और 10 गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। धारा 25 यूए(पी) अधिनियम के तहत तीन अचल संपत्तियों और तीन चल संपत्तियों को कुर्क व जब्त किया गया है। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि अधिकांश आरोपी हाल तक रंगदारी के रैकेट में शामिल अपने अलग-अलग गिरोहों का संचालन कर रहे थे। शुरू में वे दूसरे राज्यों में अपना वर्चस्व हासिल करने के लिए एक गैंगस्टर सिंडिकेट में बदल गए। इन गैंग्सटर ने एक घातक आपराधिक-आतंकवादी गठजोड़ बना रखा है। हाईटेक हथियारों और सस्ते शूटरों को जमा करके बड़े गैंग बनाया। 

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इस तरह गैंगस्टरों के सिंडिकेट को आतंकवादी संगठनों के लिए एक हथियार बना दिया। इस मामले ने 1993 के मुंबई धमाकों के दौर की तर्ज पर गायकों, संगीत उद्योग, कबड्डी खिलाड़ियों और अधिवक्ताओं आदि के साथ गैंगस्टरों के संबंधों को भी प्रकाश में लाया है, जिस तरह अंडरवर्ल्ड के कारोबारियों और फिल्म उद्योग के साथ व्यापक संबंध थे। यह भी पाया गया है कि जेलों में बंद कई गैंगस्टरों के परिवार के सदस्य सलाखों के पीछे से जबरन वसूली की गतिविधियों को अंजाम देने में उनकी मदद कर रहे हैं।

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