Rameshwaram Cafe Blast Case: NIA ने मास्टरमाइंड अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन को किया गिरफ्तार, 10 लाख का था इनाम
NIA Arrests Rameswaram Blast accused: ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में फरार मास्टरमाइंड अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर शाजेब हुसैन को किया गिरफ्तार। कोलकाता में रह रहे थे पहचान बदल कर।
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Kolkata: एनआईए को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में शुक्रवार सुबह एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। एक मार्च को बेंगलुरू में हुए बम धमाका मामले में मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड फरार आरोपी अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर शाजेब हुसैन को कोलकाता के पास उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया। मुसाविर हुसैन शाजेब वह आरोपी है जिसने रामेश्वरम कैफे में आईईडी रखा था और अब्दुल मतीन ताहा विस्फोट की योजना बनाने, उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के शिकंजे से बचने का मास्टरमाइंड है।
ISIS से जुड़े थे आरोपियों के तार
खास बात ये है कि एनआईए के मुताबिक अब्दुल मतीन ताहा का बेंगलुरु में ISIS के मॉड्यूल 'अल हिंद' की गतिविधियों में अहम रोल था। इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन आंतकवाद सम्बंधी गतिविधियों और और फॉरन फंडिंग में भी इसकी अहम भूमिका थी। इसी से जुड़े दो और आरोपियों महबूब पाशा और ख्वाजा मोइउद्दीन को एनआईए इससे पहले 2020 के एक मामले में बारह और लोगों के साथ गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से सलीम और जैद अब्दुल मतीन ताहा के करीबी बताए जाते हैं। जिनके जरिये उसने अलहिंद ग्रुप से सम्पर्क साधा और उनकी ऑनलाइन आतंकवादी गतिविधियों से जु़ड़ गया।
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पहचान छिपा कर रह रहे थे आरोपी
एनआईए पिछले लगभग डेढ़ महीने से इन दोनों आरोपियों, अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर शाजेब हुसैन, की तलाश कर रही थी। हाल ही में एनआईए के खुफिया सूत्रों ने दोनों आरोपियों के कोलकाता के आसपास छिपे होने की खबर दी थी। मालूम हुआ कि दोनों यहां पहचान बदल कर रह रहे थे। एनआईए ने इस कामयाबी के पीछे केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल राज्यों की पुलिस के बीच सही तालमेल को श्रेय दिया है।
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देश भर में छापेमारी के बाद मिली कामयाबी
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इससे पहले 27 मार्च को एनआईए ने एक और अहम आरोपी मुजम्मिल शरीफ की गिरफ्तारी की थी। एनआईए की टीम को ये कामयाबी देश भर में कुल 18 ठिकानों पर छापे मारने के बाद मिली। जिनमें कर्नाटक के 12 ठिकाने, तमिल नाडु के 5 और उत्तर प्रदेश का एक ठिकाना शामिल था। जांचकर्ताओं के मुताबिक इस ब्लास्ट की प्लानिंग में मुजम्मिल का बड़ा रोल था।
पुराने मामलों में भी थी NIA को तलाश
एनआईए की टीम को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की जांच 3 मार्च 2024 को सौंपी गई थी। इसी के बाद से जांच एजेंसी ने मुसाविर शाजेब हुसैन और अब्दुल मतीन ताहा की पहचान प्रमुख साजिशकर्ता के तौर पर की थी। ताहा की तलाश एनआईए एक और पुराने केस में कर रही थी। अब हुसैन और ताहा दोनों एनआईए की गिरफ्त में हैं। जांच एजेंसी को इन दोनों से पूछताछ में केस को लेकर अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।
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