न्यूजीलैंड में फिर आतंकी हमला? चाकू लेकर ISIS समर्थक ने 6 को किया घायल

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न्यूजीलैंड में फिर आतंकी हमला? चाकू लेकर ISIS समर्थक ने 6 को किया घायल
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करीब ढाई साल बाद न्यूज़ीलैंड में फिर से आतंकी हमला हुआ, साल 2019 में ब्रेंटन हैरिसन ने क्राइस्टचर्च की अल-नूर और लिनवुड मस्जिद में नमाज के दौरान लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। उस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई थी, मगर इस बार शुक्रवार को ये हमला ऑकलैंड के काउंटडाउन सुपरमार्केट के पास हुआ। एक हमलावर ने चाकूबाजी करके 6 लोगों को घायल कर दिया। गनीमत रही कि बात और ज़्यादा बिगड़ने से पहले ही पुलिस ने हमलावर को मौके पर मार गिराया।

न्यूजीलैंड की पीएम ने कहा आतंकी हमला

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने न्यू लिन कस्बे में हुई इस वारदात को आतंकी हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि हमलावर आतंकवादी संगठन ISIS से प्रेरित था। इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने इसे रैंडम अटैक बताया था। उन्होंने आतंकी घटना मानने से इनकार कर दिया था। PM अर्डर्न ने कहा कि आज जो हुआ, वो नफरत भरा है। ये नहीं होना चाहिए था।

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कौन था हमलावर?

हमलावर को श्रीलंकाई नागरिक बताया जा रहा है, जो साल 2011 में न्यूजीलैंड आया था। हमलावर ISIS से प्रेरित था, उसने शुक्रवार को ये वारदात दोपहर 2:40 बजे अंजाम दी। हालांकि पुलिस ऑफिसर्स ने उसे महज़ एक मिनट के अंदर ही ढेर कर दिया। इस हमले में घायल हुए 6 लोगों को अस्पताल ले जाया गया। इनमें से तीन की हालत गंभीर बनी है। चश्मदीदों ने का कहना है कि हमलावर चाकू दिखाते हुए मॉल के अंदर आया और फिर उसने लोगों पर अटैक करना शुरू कर दिया। कोरोना वायरस के खतरनाक डेल्टा वेरिएंट की वजह से ऑकलैंड में अभी लॉकडाउन लागू है। इसके चलते यहां ज्यादा लोग नहीं थे।

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सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में दिखा जा सकता है कि हमले के दौरान मॉल के अंदर भीड़ बदहवास दौड़ रही थी। लोग खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, मॉल की ओर से हमले को लेकर फेसबुक पर बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि हालात अब पुलिस के कंट्रोल में है और उनके साथ पूरा सहयोग किया जा रहा है। मॉल को बंद कर दिया गया है।

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पहले से शक़ के दायरे में था हमलावर

प्रधानमंत्री ने बताया कि कई एजेंसियों को हमलावर के बारे में जानकारी थी। मुझे खुद भी उसके बारे में पता था। PM ने ये भी खुलासा किया कि हमलावर पर 2016 से नजर रखी जा रही थी, लेकिन कानूनी दायित्वों के कारण अधिकारी उसे जेल में नहीं डाल सके। उसकी पिछली गतिविधियां इस स्तर तक नहीं पहुंची थीं कि उसे सलाखों के पीछे रखा जाए।

2019 में मस्जिद में हुई थी अंधाधुंध फायरिंग

इससे पहले मार्च, 2019 में न्यूजीलैंड की अल-नूर और लिनवुड मस्जिद में नमाज के दौरान लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई। इनमें 8 भारतीय भी शामिल थे। पुलिस ने हमले के 21 मिनट बाद ही हमलावर को गिरफ्तार कर लिया था। हमलावर ब्रेंटन टैरंट ने इस नरसंहार का फेसबुक पर लाइव किया था, जो अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी वायरल हो गया। कोर्ट ने इस मामले में दोषी को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने यह साफ कहा है कि कैद के दौरान आरोपी को पैरोल भी नहीं दी जाएगी।

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