Nepal Plane Crash : नेपाल में विमान हादसे के आखिरी 10 सेकेंड की पूरी कहानी, क्यों होते हैं यहां हादसे?

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Nepal Plane Crash : नेपाल में विमान हादसे के  आखिरी 10 सेकेंड की पूरी कहानी, क्यों होते हैं यहां हा...
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काठमांडू से पंकज दास और गाजीपुर से विनय कुमार सिंह के साथ सुजीत झा की रिपोर्ट

Nepal news hindi : नेपाल के पोखरा एयरपोर्ट (pokhara Airport) पर विमान हादसा कैसे हुआ. आखिर लैंडिंग से ठीक 10 सेकेंड पहले ऐसा क्या हुआ कि प्लेन आग के शोलो में बदल गया. एक शख्स उस समय फेसबुक पर लाइव (Nepal Facebook Live) वीडियो कर रहा था. तभी ऐसा क्या हुआ कि विमान में सवार सभी लोग मौत के मुंह में समा गए. जानिए 15 जनवरी 2023 की सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर हुए एक विमान हादसे की पूरी कहानी.

Nepal YETI Airlines Crash Story : दिन रविवार और सुबह का समय. नेपाल का खूबसूरत शहर पोखरा. यहां के डोमेस्टिक एयरपोर्ट पर एक विमान लैंडिंग की तैयारी कर रहा था. नेपाल की राजधानी काठमांडू से पोखरा आ रहे इस विमान में 4 कू मेंबर समेत कुल 72 लोग सवार थे. मौसम बेहद साफ था. धूप खिली हुई थी. और एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC की ओर से विमान को नीचे उतरने का सिग्नल भी मिल चुका था. यानी अगले चंद सेंकेंड में ही प्लेन पोखरा की जमीन को छूने वाला था. तभी जो कुछ हुआ उसने पूरी दुनिया को दहला दिया.

विमान में बैठे तमाम मुसाफिर भी चंद मिनटों के अंदर अपनी मंजिल तक पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। इन्हीं मुसाफिरों में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से नेपाल घूमने गए वो चार दोस्त भी थे, जो काठमांडू से पोखरा आ रहे थे। इन्हीं चार दोस्तों में से एक था सोनू, जो लैंडिंग से ठीक पहले फेसबुक लाइव कर रहा था। वो प्लेन के अंदर की तस्वीरों के साथ-साथ नेपाल की खूबसूरत वादियों का मंजर भी अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर रहा था। साथ ही इसे अपने घरवालों और दोस्तों से शेयर भी कर रहा था। चारों दोस्त आपस में मस्ती भी कर रहे थे।

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लैंडिंग से ठीक 10 सेकेंड पहले ये हुआ था

nepal plane crash video : नेपाल में प्लेन लैंडिंग से ठीक 10 सेकंड पहले जो कुछ हुआ, उसने सोनू जयसवाल का फेसबुक लाइव देख रहे उसके सभी के सभी फेसबुक फेंड्स की सांसें हलक में अटका दीं। सोनू के फेसबुक लाइव के दौरान अचानक ही फ्लाइट के अंदर भयानक चीख पुकार मच गई। देखते ही देखते फ्लाइट एक तरफ बुरी तरह झुकने लगी। और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता कैमरे के आगे धुंधला छा गया।

धमाके की आवाज़ के साथ चारों ओर आग ही आग दिखाई देने लगा। सच्चाई तो यही है कि सोनू का फेसबुक लाइव देख रहे उसके ज्यादातर दोस्तों को कुछ देर के लिए समझ में नहीं आया कि आखिर ये क्या हुआ? लेकिन सोनू का मोबाइल फोन जब देर तक कुछ ऐसे ही आग-धुएं और चीख-पुकार का वीडियो टेलीकास्ट करता रहा, तो लोगों का दिल बैठ गया।

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बदकिस्मती से सोनू की फ्लाइट यानी येति एयरलाइंस का फ्लाइट नंबर ATR-72 हादसे का शिकार हो चुका था। विमान पोखरा के पास ही पहुंचा था कि लैंडिंग से महज 10 सेकंड पहले अचानक क्रैश हो गया। ये हादसा पोखरा के पुराने डोमेस्टिक एयरपोर्ट और पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच हुआ।

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लेकिन ये तो वो तस्वीरें थीं, जो फेसबुक लाइव के दौरान एक मुसाफिर के कैमरे में कैद हुईं। यानी विमान के अंदर की तस्वीरें। आसमान से नीचे गिरते विमान के बाहर की तस्वीरें भी कम डरावनी नहीं है। रविवार को पूरे भारत के साथ-साथ नेपाल में भी लोग मकर संक्राति का त्यौहार मना रहे थे। सर्दियों का मौसम होने के चलते बहुत से लोग धूप का आनंद लेने के लिए अपने-अपने घरों की छतों पर थे और इन्हीं में से कुछ लोगों ने इस गिरते विमान की जो तस्वीरें अपने-अपने मोबाइल फोन में कैद की, उन्हें देख कर हर कोई सहम गया।

कुछ लोगों को तो लगा कि बेहद खतरनाक तरीके से नीचे आ रहा हवाई जहाज उनके मकान से ही टकरा जाएगा। लेकिन इतेफाक से जहाज आबादी से थोडी ही दूर जाकर गहरी खाई में गिरा और आग के गोले में तब्दील हो गया। विमान के नीचे गिरने का ये धमाका इतना जोरदार था कि कुछ देर के लिए लोगों को भूकंप जैसा अहसास होने लगा।

उस प्लेन में आखिरी समय में क्या हुआ था?

फिलहाल इस हादसे की सही-सही वजहों का का पता नहीं चल सका है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि हादसा विमान में आई किसी तकनीकी खराबी के चलते हुआ। असल में एटीसी ने इस विमान को नीचे उतरने की इजाजत दे दी थी। प्लेन विजिब्लिटी स्पेस में भी आ गया था। इसे एयर स्ट्रिप नंबर 30 पर उतरना था और अभी हवाई जहाज हवाई पट्टी से कोई 24.5 किलोमीटर दूर था, लेकिन तभी फ्लाइट के कैप्टेन कमल केसी ने एटीसी को विमान को नीचे उतारने का लेकर अचानक अपना फैसला बदलने की बात कही और बताया कि विमान को एयर स्ट्रिप नंबर 30 में नहीं बल्कि 12 पर उतारना चाहते हैं। लेकिन इससे पहले कि वो ऐसा कर पाते प्लेन एयरपोर्ट के नजदीक खाई की ओर झुक गया।

कुछ सूत्रों ने बताया कि प्लेन ने नीचे उतरने के लिए जैसे ही अपने लैंडिंग गियर खोले, वो अपनी ऊंचाई बरकरार रखने में नाकाम हो गया। हादसे के बाद सर्च ऑपरेशन में लगे दल ने 72 में से 68 लोगों की लाशें बरामद कर ली हैं, जबकि चार लोग अभी भी लापता हैं। हालांकि सर्च ऑपरेशन में लगे जानकारों को बाकी के चार लोगों के भी बचे होने की उम्मीद ना के बराबर है। इस हवाई जहाज में नेपाल के 53, भारत के 5, रूस के 4, कोरिया के 2 और आयरलैंड, अर्जेंटीना, ऑस्टरेलिया और फ्रांस के 1-1 यात्री सवार थे।

फिलहाल, नेपाल सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक कमेटी बना दी है। हादसे के करीब चौबीस घंटे बाद जांच में लगी टीमों ने प्लेन का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। जिसकी जांच से हादसे की वजहों का सही-सही पता चलने की उम्मीद है। ब्लैक बॉक्स हवाई जहाज के पिछले हिस्से में लगा वो उपकरण होता है, जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर स्टोर होता है। इसकी जांच ये साफ हो जाएगा कि हादसे से ठीक पहले विमान की हालत क्या थी, अचानक क्या गड़बड़ी हुई और पायलट विमान की हालत को लेकर क्या बातें कर रहे थे।

नेपाल हादसे की हर कहानी दर्द भरी है

वैसे तो नेपाल में हुए इस हवाई हादसे में जितनी जानें गई हैं, हर जान के साथ दिल को कचोटनेवाली दर्दनाक कहानियां जुड़ी हैं, लेकिन इस हादसे का शिकार बने भारत के चार जिगरी दोस्तों की कहानी सबसे अलग है। वो चार दोस्त जिनकी इस हादसे में मौत हो गई.

गाजीपुर के रहनेवाले सोनू जायसवाल, विशाल शर्मा, अनिल राजभर और अभिषेक कुषवाहा की उम्र 20 से 28 साल के बीच थी. ये चारों 12 जनवरी को बनारस से नेपाल की राजधानी काठमांडू गए थे, जहां से पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद पोखरा घुमने जा रहे थे। वैसे तो इन चारों की मौत की खबर उनके परिवारों पर बिजली बन कर गिरी है।

लेकिन 23 साल के विशाल शर्मा की कहानी, इन चारों में से भी सबसे हट कर है। गाजीपुर के अलावलपुर अफ्गां का रहने वाला विशाल शर्मा एक बाइक एजेंसी में गाड़ी फाइनेंस करवाने का काम करता था। छोटी-सी नौकरी से पैसे जोड़कर वो अपने तीन दोस्तों संग नेपाल घूमने गया था। विशाल के पिता पूर्वी यूरोप के जॉर्जिया में काम करते हैं। जबकि छोटा भाई अभी स्कूल में पढ़ रहा है। दिल को झकझोर देने वाली बात ये है कि विशाल की मां काफी बीमार रहती हैं और इस हादसे के कई घंटे बाद भी प्रशासन ने उसकी मां को उनके बेटे की मौत की खबर नहीं दी थी।

बहरहाल, आने वाले दिनों में जांच के बाद इस हवाई हादसे की वजह भी साफ हो जाएगी, लेकिन आइंदे ऐसे हादसे ना हो, ये तय करने के लिए अभी पूरे एयर टैफिक सिस्टम को काफी चुस्त दुरुस्त करना होगा।

क्या है ब्लैक बॉक्स

अब जब ब्लैक बॉक्स की बात हो रही है तो आइए जल्दी से ये जान लेते हैं कि आखिर ये ब्लैक बॉक्स होता क्या है और कैसे काम करता है?  

What is Black Box : ब्लैक बॉक्स असल में वो इलेक्टॉनिक्स डिवाइस है, जो प्लेन के पिछले हिस्से में लगा होता है। इसका नाम बेशक ब्लैक बॉक्स हो, लेकिन ये काला नहीं बल्कि नारंगी रंग का होता है। ब्लैक बॉक्स को नारंगी रंग का बनाए जान के पीछे भी एक अहम वजह है। असल में इसे नारंगी रंग का बनाने के पीछे वजह होती है कि हादसे के बाद अगर के बॉक्स कहीं झाड़ियों में, कीचड़ में या धूल मिट्टी में भी गिरा हुआ हो, आसानी से नजर आ जाए। इस ब्लैक बॉक्स को इस तरह से बनाया जाता है, जिससे ये बेहद ऊंचे तापमान यानी अगल लगने की हालत में खराब ना हो और पानी में पड़े होने पर भी इस पर कोई असर ना हो। बल्कि हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स से लगातार कई घंटों तक एक खास किस्म की आवाज और तरंगें निकलती हैं, जिससे ये कहीं भी पड़े होने पर इसे ढूंढा जा सकता है।

यहां तक कि गहरे पानी में भी। ब्लैक बॉक्स में आम तौर पर दो हिस्से होते हैं -- फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर। और जैसा कि इनके नाम से ही साफ है, एक हिस्सा फ्लाइट से जुडे तथ्यों को दर्ज करता रहता है। मसलन अगर कोई तकनीकी खराबी हुई, तो क्या हुई... जब हादसा हुआ तो विमान के अंदर का तापमान कितना था, ये कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था, किधर मुड़ रहा था, वगैरह-वगैरह... जबकि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में आम तौर पर कॉकपिट में मौजूद लोगों की आखिरी 25 घंटों की बातचीत कैद होती है, जिससे पता चलता है कि आखिर हादसे के वक्त पायलट, को-पायलट या केबिन कू वालों के बीच क्या और कैसी बातचीत चल रही थी? कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में पायलट, कॉकपिट, टावर से कम्युनिकेशन और पैसेंजर अनाउंसर की आवाजें रिकॉर्ड होती हैं। कई बार इस बातचीत से ही हादसे की वजह काफी हद तक समझ में आ जाती है।

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