Nepal Plane Crash: गाजीपुर के चार मृतकों के शवों की अब तक नहीं हो सकी शिनाख्त
Nepal News: पीड़ितों के परिजनों को अभी तक 25 शव दिखाये गए हैं और बाकी शव अब शुक्रवार या शनिवार को दिखाए जाएंगे।
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Nepal Plane Crash: नेपाल विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के चार व्यक्तियों शव घर लाने के लिए परिजनों का कष्टदायक इंतजार लंबा हो गया है, क्योंकि वे उनके शवों की अभी तक पहचान नहीं कर पाए हैं। पीड़ितों के परिजनों को अभी तक 25 शव दिखाये गए हैं और बाकी शव अब शुक्रवार या शनिवार को दिखाए जाएंगे।
परिजनों के मुताबिक शवों को सौंपने में अभी और समय लग सकता है और यदि डीएनए परीक्षण की आवश्यकता पड़ी तो इसमें और समय लगेगा। नेपाल में रविवार को यति एयरवेज का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पांच भारतीयों समेत 72 लोगों की मौत हो गई थी।
मृतकों में शामिल अभिषेक कुशवाहा के भाई अभिनाश कुशवाहा ने नेपाल से फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें 25 शव दिखाए गए जो बुरी तरह से जले हुए थे। अब उम्मीद है कि हमें शुक्रवार या शनिवार को और शव दिखाए जाएंगे। यहां (नेपाल में) नियम अलग हैं जिसके कारण शव सौंपने की प्रक्रिया में समय लगेगा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम शवों की पहचान नहीं कर पाए, तो डीएनए परीक्षण किया जाएगा, जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया है।’’ कुशवाहा ने कहा कि एक तस्वीर में उन्होंने एक जूता देखा, लेकिन उससे कुछ पता नहीं चल सका। विमान में सवार चार गाजीपुर निवासियों की पहचान सोनू जायसवाल (35), अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22) और अनिल कुमार राजभर (27) के रूप में हुई है।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के चार व्यक्तियों के परिवार के सदस्य शव वापस लाने के लिए सोमवार को काठमांडू के लिए रवाना हुए थे। सोनू जायसवाल के रिश्तेदार और गाजीपुर के चक जैनब गांव के ग्राम प्रधान विजय जायसवाल भी नेपाल में हैं। उन्होंने कहा, 'आज तक पहचाने गए 25 शवों को सौंपे जाने के बाद, हमें पहचान के लिए कल और शव दिखाए जाएंगे।’’
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जायसवाल ने कहा, 'यदि शवों की पहचान नहीं हो पाती है, तो डीएनए सैंपलिंग की जाएगी, जिसमें और समय लगेगा।’’ उन्होंने दावा किया कि बिहार निवासी संजय जायसवाल (पांचवें भारतीय पीड़ित) के शव की पहचान कर ली गई है और उसे सौंपे जाने की संभावना है।
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विजय जायसवाल ने कहा कि उन्हें इस प्रक्रिया में भारतीय दूतावास से समर्थन मिल रहा है और उन्होंने उन लोगों को सड़क मार्ग से नेपाल भेजने के लिए गाजीपुर जिला प्रशासन की भी सराहना की। विमान हादसे में कई शव बुरी तरह जल गए थे जिससे परिवार के सदस्यों के लिए उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है।
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