राजस्थान के कोटा में नीट अभ्यर्थी ने की आत्महत्या, एक महीने में दूसरी खुदकुशी

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राजस्थान के कोटा में नीट अभ्यर्थी ने की आत्महत्या, एक महीने में दूसरी खुदकुशी
जांच में जुटी पुलिस
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Rajasthan Crime News: राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे एक किशोर ने अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, मृतक की पहचान पुष्पेंद्र सिंह (17) के रूप में की गयी है और वह एक सप्ताह पहले ही कोचिंग के लिए कोटा आया था।

इस महीने आत्महत्या करने का यह दूसरा मामला 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां कोचिंग लेने वाले किसी छात्र के इस महीने आत्महत्या करने का यह दूसरा मामला है जबकि इस साल अब तक 16 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। पुलिस ने बताया कि पुष्पेंद्र सिंह का शव रविवार को यहां जवाहर नगर इलाके के राजीव गांधी नगर में उसके कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। उन्होंने बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है और कथित आत्महत्या के पीछे के कारण की अभी जांच नहीं की गई है।

कोटा क्यों बनता जा रहा है सुसाइड फैक्ट्री

पुलिस के अनुसार, 11वीं कक्षा का छात्र पुष्पेंद्र, राजस्थान के जालोर जिले का रहने वाला था और एक सप्ताह पहले ही कोटा आया था। वह केवल तीन-चार दिन ही कोचिंग में कक्षाओं के लिए आया। वह अपने चचेरे भाई लालू सिंह के साथ छात्रावास के एक कमरे में रह रहा था, लालू भी नीट की तैयारी कर रहा है। जवाहर नगर के क्षेत्राधिकारी वासुदेव ने सोमवार को बताया कि रविवार दोपहर पुष्पेंद्र ने अपने चचेरे भाई को खाना लाने के लिए बाहर भेजा। करीब 20 मिनट बाद जब लालू लौटा तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। लालू ने खिड़की से झांककर देखा तो पुष्पेंद्र का शव पंखे से लटका हुआ था। वासुदेव के मुताबिक, दोपहर 12 बजे सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पुष्पेंद्र को अस्पताल ले गई, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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कोटा में कोचिंग सेंटर और हॉस्टल व्यवस्था पर सवाल

उन्होंने कहा कि पुलिस ने सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पुष्पेंद्र का शव उसके परिजनों को सौंप दिया और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया। इस बीच, परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कोटा पहुंचे पुष्पेंद्र के चाचा इंदर सिंह ने कोटा प्रशासन से सवाल किया कि यहां के छात्र आत्महत्या करने जैसा कदम क्यों उठा रहे हैं। इंदर ने कोटा में कोचिंग सेंटर और हॉस्टल व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘यहां के प्रशासन को इस बात की जांच करने की जरूरत है कि शहर में बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर ही कोई बच्चा पढ़ाई के कारण तनाव या अवसाद का अनुभव कैसे कर सकता है?’’

शहर में बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?

इंदर ने यह भी दावा किया कि पुष्पेंद्र पढ़ाई में तेज था और उसने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। हालांकि, कोटा के जिलाधिकारी ओ.पी. बंकर ने कहा कि प्रवेश परीक्षा की तनावपूर्ण तैयारी यहां छात्रों द्वारा आत्महत्या के पीछे एकमात्र कारण नहीं है, बल्कि पारिवारिक चिंताओं और घर की याद सहित कई अन्य कारक ऐसी घटनाओं को जन्म दे सकते हैं।

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(PTI)

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