World War III का ट्रेलर है 'कोल्ड रिस्पॉन्स ऑपरेशन'
नॉर्वे के समंदर में ऑपरेशन कोल्ड रिस्पॉन्स, वर्ल्ड वॉर थ्री का ट्रेलर, क्या है ऑपरेशन का असली मकसद, NATO forces show off their hardware, Operation Cold Response, biggest Arctic exercise latest russia
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30 हज़ार सैनिकों का जमावड़ा
Operation Cold Response: असल में ये सवाल यहां इसलिए उठ खड़ा हुआ है कि इस वक़्त जब रूस ने यूक्रेन को अपने बारूद से छलनी कर रखा है ऐसे हालात में नाटो की सेनाओं ने एक बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। लिहाजा मतलब साफ है कि कहीं ये महाजंग की रिहर्सल तो नहीं है।
असल में 27 देशों के क़रीब 30000 सैनिकों ने नार्वे के समंदर में एक बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। मकसद साफ है कि किसी भी वक़्त और किसी भी सूरत में युद्ध में उतरकर दुश्मन का पूरी तरह से सफाया कर देना। इस वक़्त नार्वे से लेकर यूक्रेन तक बर्फ की चादर बिछी हुई है। इस सर्द मौसम में युद्धाभ्यास के लिए सेनाओं का इस तरह से उतरना साफ कर देता है कि मामला महज युद्धाभ्यास से कहीं आगे का है। क्योंकि जल नभ और थल में उतरी सेनाओँ की तैयारी से पता चल रहा है कि खून जमा देने वाली इस ठंड में दुश्मन से कैसे मोर्चा लिया जा सकता है।
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ये तो रूस को चुनौती है
Russia Ukraine War: जंग पर नज़र रखने वाले रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस को घेरने के लिए अब नाटो देशों ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है। तभी तो 30 हज़ार सैनिकों के साथ 200 लड़ाकू विमान और परमाणु पनडुब्बी को युद्ध के लिए तैयार करने का रिहर्सल किया जा रहा है।
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नार्वे के पास रूस की सीमा के बेहद नज़दीक नाटो ने ये युद्धाभ्यास करके एक तरह से अपनी ताक़त की नुमाइश दिखानी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि रूसी सेना को उत्तरी यूरोप के मोर्चे पर तगड़ा मैसेज देने की तैयारी की गई है, यही वजह से है कि युद्धाभ्यास को इस वक़्त शुरू किया गया है।
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रूस की सीमा से 600 किमी दूर युद्धाभ्यास
Operation Cold Response: दरअसल नार्वे की 200किमी जमीनी सीमा रूस से लगती है। बड़ी बात ये है कि इस अभ्यास को कोल्ड रिस्पॉन्स नाम दिया गया है। ये युद्धाभ्यास रूस की सीमा से सिर्फ कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है। अभ्यास के दौरान ये सैनिक नार्वे के समुद्र तटीय इलाके में जंगी जहाज से उतर छापा मारने का अभ्यास कर रहे हैं।
इस अभ्यास के दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और फ्रिगेट एचएमएस रिचमंड समेत कई घातक जंगी जहाज हिस्सा ले रहे हैं।
ज़ेलेन्स्की ने दिया नाटो को चैलेंज
Russia Ukraine War: वही संमदर में युद्धाभ्यास के साथ-साथ हवाई अभियान भी किया जाएगा। युद्धाभ्यास उस वक्त हो रहा है जब.. यूक्रेन की तरफ से लगातार नाटो मुल्कों से मदद मांगी जा रही है। हालांकि जेलेंस्की ने नाटो मुल्कों के खिलाफ भी मोर्चो खोल दिया हैं। एक इंटरव्यू में जेलेस्की ने कहा है
"नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वह हमें स्वीकार कर रहा है, या खुले तौर पर कहे कि वह हमें स्वीकार नहीं कर रहा है। वह वह रूस से डरते हैं, जो सच है. "नाटो विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है.
तो क्या पर्दे के पीछे नाटो सेना युद्ध की तैयारी कर रही हैं, आने वाले दिनों में किसी भी वक्त नाटो मुल्क युद्ध में शामिल हो सकते हैं, सवाल कई हैं लेकिन नाटो ने दावा किया है कि सैन्य अभ्यास का युद्ध से कोई संबंध नहीं है।
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