Russia Ukraine: बर्फ़ से निकलकर खुली गवाही दे रही हैं लाशें, मारे गए सैनिकों की गिनती ही भूल गया रूस

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बर्फ की चादर फाड़ कर निकला ख़ौफ़नाक सच

Russia Ukraine war: यूक्रेन के शहरों ने अब जंग की ख़तरनाक और ख़ौफ़नाक तस्वीरे दिखानी शूरू कर दी है। 24 फरवरी से शुरू हुई इस जंग में 34 दिन गुज़र चुके हैं और जिस एक सच्चाई ने पूरी दुनिया और खासतौर पर इंसानियत का ध्यान अपनी ओर खींचा वो है यूक्रेन के अलग अलग शहर में बर्फ पिघलने के बाद सामने आई लाशें। और दुनिया जानकर हैरान रह गई जब इन लाशों की एक सच्चाई सामने आई। जो जितनी भयानक है उतनी ही दर्दनाक भी।

बीते एक महीने से रूसी सेना यूक्रेन में तबाही मचा रही है। दुनिया को जो तस्वीर नज़र आ रही है उसमें यूक्रेन बुरी तरह से घायल और लहुलुहान नज़र आ रहा है। उसके क़रीब 70 लाख नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं। यूक्रेन के कई शहर भी क़रीब क़रीब तबाह हो चुके हैं।

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पूरब से लेकर पश्चिम तक सारा यूक्रेन इस वक़्त बारूद के धुएं से घिरा हुआ है। लेकिन इसी तस्वीर का एक दूसरा रुख भी है, जिस पर न तो किसी की नज़र पड़ रही है और न ही उसे दिखाने की कोशिश भी की जा रही है। मगर वो तस्वीर भी कम दर्दनाक नहीं है।

जब रूसी सैनिकों की लाशें बोल पड़ी

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Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन के वो तमाम शहर क़रीब क़रीब खाली हो चुके हैं जहां रूसी सेना के रॉकेट और मिसाइलें गिरी। मारियुपोल, बुका और खार्कीव जैसे शहरों में अगर कुछ बचा है तो सड़कों पर पड़ी लाशें। जैसे जैसे इन शहरों की जमी बर्फ पिघल रही है, बर्फ में दबी लाशें भी बाहर निकलकर सामने आ रही हैं।

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हर तरफ तबाही और बर्बादी का ही मंजर दिखाई दे रहा है। जिन लाशों ने यूक्रेन की शहरों में बर्फ की चादर हटाकर अपने अपने सिर दिखाए, उनमें से ज़्यादातर लाशें रूसी सैनिकों की दिखलाई पड़ी। और सड़कों पर पड़े पड़े अब वो भी सड़ने लगी हैं।

यूक्रेन के जिन शहरों से लाशों की भीड़ निकल रही है, वहां के गवर्नरों ने अब शहर के बाशिंदों को ये जिम्मेदारी सौंपी है कि वो सब मिलकर बर्फ से बाहर निकलकर सामने आ गई लाशों को इकट्ठा करें और उन्हें बैग में रखने में सेना के जवानों की मदद करें।

मारे गए रूसी सैनिकों की सच्ची गिनती

Russia Ukraine News: क्योंकि रूसी सेना अपने ही साथियों की लाशों को छोड़कर वहां से चले गए। यूक्रेन के गवर्नर ने इंसानियत के नाते उन तमाम लाशों को बैग में भरकर रूस पहुँचाने के इंतज़ाम में लगे हुए हैं ताकि DNA के ज़रिए उनकी पहचान हो सके और उनका अंतिम संस्कार किया जा सके।

अब सवाल उठता है कि आखिर इस जंग में अब तक कितने रूसी सैनिक मारे गए होंगे। हालांकि इसकी कोई सही सही गिनती तो सामने नहीं आ सकी। लेकिन दोनों तरफ के अपने अपने अंदाज़े हैं। एक तरफ रूसी अधिकारियों के हवाले से रूस के मीडिया की तरफ से जो गिनती सामने आई, उसके मुताबिक रूस के इस मिलिट्री ऑपरेशन में मारे गए रूसी सैनिकों की संख्या 9900 के आस पास बताई जा रही है।

जबकि क़रीब 16500 से ज़्यादा सैनिकों के घायल होने का ज़िक्र किया जा रहा है। मगर ये आंकड़ा कितना सही है और क्यों इस आंकड़े पर यकीन नहीं किया जा रहा है क्योंकि इस आंकड़े को रूस के एक मीडिया ने अपनी वेबसाइट ने प्रकाशित करने के थोड़ी देर बाद ही उसे हटा दिया। जिससे इस बात पर शक होने लगा कि हो न हो मरने वाले रूसी सैनिकों की गिनती में ज़मीन आसमान का फर्क है।

नाटो का दावा 15000 रूसी सैनिक मारे गए

Russia Ukraine Latest: हालांकि इस जंग में रूसी सैनिकों के मरने के बारे में जो आंकड़ा यूक्रेन और NATO की तरफ से जारी किया गया है उसके सामने रूस की तरफ से जारी की गई गिनती बहुत कम है।

अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जनरल के मुताबिक NATO ने यूक्रेन और रूस के युद्ध में अब तक 40 हज़ार से ज़्यादा रूसी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। नाटो का कहना है कि इस जंग में यूक्रेन के अलग अलग शहरों में क़रीब 40 हज़ार से ज़्यादा रूसी सैनिक या तो मारे गए या फिर क़ैद कर लिए गए हैं।

नाटो ने ये आंकड़ा यूक्रेन के अधिकारियों और रूस से मिली जानकारी के आधार पर निकाला है। नाटो का मानना है कि 15000 से ज़्यादा रूसी सैनिक इस जंग में अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 19000 से ज़्यादा रूसी सिपाही जंग में बुरी तरह से जख्मी हो चुके हैं।

मोर्चे पर डटे रूसी सैनिकों की असलियत

Russia Ukraine: इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ जंग छेड़ी थी तो उस वक़्त यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख 90 हज़ार से ज़्यादा सैनिक तैनात थे। लेकिन बाद में रूस ने सीरिया, चेचन्या और दूसरी जगहों पर फंसे अपने सैनिकों को इस जंग में लड़ने के लिए बुला लिया है।

उधर यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्री के सलाहकार विक्टर एंड्रुसिव का कहना है कि रूसी सैनिकों के घरवालों को उनकी हालत बताने के लिए ज़रूरी है कि तमाम शवों को उनके पास पहुँचा दिया जाए। इसका एक सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि वहां के लोगों को इस जंग की हक़ीक़त पता चल सके। तभी उन लोगों को पता चल पाएगा कि इस जंग में उनके बच्चे ज़िंदा हैं या फिर मारे जा चुके हैं।

अभी तक सिर्फ तीन से चार दर्जन शवों की पहचान मुमकिन हो सकी है। यूक्रेन के अलग अलग शहरों में बमबारी के दौरान मारे गए सैनिकों के शव काफी जली हुई हालत में भी मिले हैं जिनके पास किसी तरह का कोई दस्तावेज भी नहीं मिला। ऐसे में उनकी पहचान का एक ही ज़रिया है DNA टेस्ट, जिसके लिए रूस को ये शव वापस लेने ही होंगे। गिनती अपने आप हो जाएगी।

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