Nanakmatta Gurudwara: बाबा तरसेम सिंह को गोली मारने वाला शार्प शूटर एनकाउंटर में ढेर
Nanakmatta Gurudwara Baba Tarsem Singh Killer: 28 मार्च को उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे में घुसकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मारने वाला पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया।
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Sharp Shooter Encounter: बीते महीने की 28 तारीख को पूरे देश में उस वक़्त सनसनी फैल गई थी जब उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा Nanakmatta Gurudwara में एक हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। सुबह सवेरे गुरुद्वारे में घुसकर डेरा के कारसेवक प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर (Shoot) हत्या कर दी गई थी। हत्या की वो वारदात बाइक सवार बदमाशों ने की थी। उस वारदात के पूरे 13 दिन के बाद हरिद्वार पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ (STF) को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी और देर रात हुए एक एनकाउंटर (Encounter) में उस आरोपी को मार गिराया जो बाबा तरसेम सिंह को गोली मारने के बाद मौके से फरार हो गया था। वारदात के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
भगवानपुर इलाके में Encounter
उत्तराखंड से लेकर पंजाब तक बाबा तरसेम सिंह को सिखों का सिरमौर माना जाता था। और उनकी हत्या की जिम्मेदारी पंजाब के तरनतारन के गांव मियाविंड के रहने वाले सरबजीतसिंह ने ली थी। मिली जानकारी के मुताबिक तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या करने वाले शार्प शूटर अमरजीत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने भगवानपुर इलाके में एनकाउंटर में मार गिराया। जबकि उसका दूसरा साथी फरार बताया जा रहा है। हरिद्वार के एसएसपी परमिंदर डोभाल के ये एनकाउंटर एसटीएफ और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के बीच हरिद्वार के भगवानपुर में हुआ।
Sharp Shooter पर थे 16 मुकदमें
बताया जा रहा है कि अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के सिर पर पहले से ही 16 मुकदमे दर्ज थे। उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि तरसेम की हत्या के बाद पुलिस और एसटीएफ लगातार दोनों आरोपियों की तलाश कर रही थी।
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गुरुद्वारे में की थी बाबा की हत्या
28 मार्च को सुबह करीब छह बजे दो बाइक सवार बदमाशों ने बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस वक़्त बाबा सुबह के वक्त अपने लॉन में एक कुर्सी पर बैठे हुए थे। पुलिस के मुताबिक अमरजीत सिंह ने ही बाबा तरसेम सिंह पर गोली चलाई थी। बकौल पुलिस अमरजीत ने पहले तरसेम सिंह पर एक गोली चलाई। उसके बाद बाइक घुमाकर उन्हें दूसरी गोली मारी इसके बाद तीसरी गोली मारने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए थे।
अस्पताल पहुँचने से पहले हुई थी मौत
इस वारदात के बाद बुरी तरह से जख्मी हो चुके बाबा तरसेम सिंह को आनन फानन में डेरे के सेवादार खटीमा अस्पताल लेकर पहुँचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी क्योंकि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बाबा की मौत हो चुकी थी। पंजाब, उत्तराखंड और खासतौर पर तराई के इलाके में बाबा तरसेम सिंह का बड़ा नाम था। हालांकि इस मामले में सरबजीत और अमरसिंह के अलावा पुलिस ने श्रीनानकमत्ता साहिब के प्रधान हरबंस सिंह चुघ प्रीतम सिंह संधू और जत्थेदार बाबा अनूप सिंह को भी आरोपी बनाया था।
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एक महीने पहले ही जान को खतरा बताया था
ये गौरतलब है कि बाबा तरसेम सिंह ने फरवरी महीने में ही अपनी जान को खतरा बताते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उन्होंने डेरे में चल रही गुटबाजी और सियासत का जिक्र किया था। इसके
अलावा अपनी जान का खतरा बताकर सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग की थी। मगर उनकी उस मांग पर पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया था।
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