Nafe Singh Murder Case: कातिलों की हो गई पहचान, UK में हत्या की 'प्लानिंग' के मिले सुराग
Nafe Singh Murder: इनेलो के पूर्व विधायक नफे सिंह हत्याकांड में पुलिस ने कातिलों की पहचान कर ली है, ये भी खुलासा हुआ है कि इस हत्या की साजिश सात समंदर पार रची गई थी।
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Nafe Singh Murder Update: 25 फरवरी की शाम सवा पांच बजे बहादुरगढ़ के बराही रेलवे फाटक के पास ताबड़तोड़ फायरिंग करके पूर्व विधायक नफे सिंह की गोली मारकर हत्या किसने की उसकी पहचान अब पुलिस को मिल चुकी है। ये और बात है कि अभी पुलिस उस नाम को उजागर नहीं कर रही, लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि नफे सिंह की हत्या जिसने की उन्हें अब पहचान लिया गया है। और पुलिस जल्दी ही इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है।
हत्या के विदेश से जुड़े तार
हालांकि इस सनसनीखेज वारदात के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि इसमें किसी गैंग्स्टर का हाथ हो सकता है। वारदात के करीब 48 घंटे पूरे होने के बाद हरियाणा पुलिस भी उसी एंगल पर छानबीन करती दिखाई पड़ रही थी कि इस वारदात के पीछे विदेश में बैठे किसी गैंग्स्टर का हाथहो सकता है। अब पुलिस को कुछ ऐसे सुराग हाथ लग गए हैं जिससे कानून के हाथ जल्द ही उन कातिलों के गिरेबां तक पहुँच सकते हैं जिन्होंने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया।
कारतूसों से खुला राज
इसी बीच अभी तक नफे सिंह के मामले में जो सबूत और सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं वो भी कम हैरतअंगेज नहीं हैं। पुलिस को मौके से अलग अलग किस्म के कारतूस मिले। जाहिर है कि कारतूसों का अलग अलग होना इस बात की तरफ इशारा कर देता है कि वारदात में कई तरह के हथियार इस्तेमाल हुए। यानी इस वारदात में तीन अलग अलग तरह की बंदूक का इस्तेमाल हुआ जिनके खोखे पुलिस को मौके से हासिल हुए।
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AK सीरीज की राइफलों का इस्तेमाल?
पुलिस को शुरु से ही इस बात का अंदाजा था कि हत्या की इस वारदात में कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस का अंदाजा है कि हत्या की इस वारदात में AK सीरीज की राइफलों का इस्तेमाल किया गया, जो क्लोज कॉम्बेट के लिए इस्तेमाल में दुनिया में सबसे कारगर हथियार माना जाता है। खुलासा यही है कि पुलिस को मौके से जो कारतूस के खोखे मिले हैं वो तीन अलग अलग तरह के हैं जिससे ये साबित होता है कि शूटरों के पास नए अत्याधुनिक हथियार मौजूद थे। कारतूस के खोखे ने अब पुलिस की बेचैनी को और भी ज़्यादा बढ़ा दिया है। क्योंकि पुलिस का अगर अंदाजा सही है तो गैंग्स्टरों के पास नए एके 47 जैसे सॉफिस्टिकेटेड हथियारों की मौजूदगी पुलिस की परेशानी और बढ़ा सकते हैं।
सात समंदर पार रची गई साजिश
लेकिन पुलिस को इस हत्याकांड के सिलसिले में एक सबसे बड़ी बात ये पता चली है कि इस हत्याकांड की प्लानिंग सात समंदर पार रची गई और उसे अमली जामा पहनाने के लिए हरियाणा में शूटरों का इंतजाम किया गया। खुलासा यही है कि इस हत्याकांड की साजिश रचने में हरियाणा के एक भगोड़े गैंग्स्टर का हाथ होने की पूरी पूरी आशंका जताई जा रही है जो इस समय यूनाइटेड किंगडम में कहीं छुपा हुआ है।
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एक हफ्ते से हो रही थी रेकी
इसके अलावा नफे सिंह राठी की हत्या के सिलसिले में पुलिस को ये भी खबर मिली है कि इस शूटआउट से पहले करीब एक हफ्ते से नफे सिंह की रेकी की जा रही थी। इन एक हफ्ते के दौरान नफे सिंह पर पहले भी गोली चलाने की प्लानिंग की गई थी लेकिन शूटरों को अपनी प्लानिंग को अमली जामा पहनाने का कोई मौका नहीं मिल सका था।
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गैंग्स्टरों का सरगना विदेश में
सूत्रों से ये भी पता चला है कि पुलिस महकमा अब उन तमाम गैंग्स्टरों के गुर्गों को खंगालने में जुटी है जिनके आका या तो जेल में हैं या फिर गैंग्स्टरों का कोई सरगना विदेश में बैठा है। एक खुलासा ये भी सामने आया हैकि पुलिस पुर्तगाल में अपना बेस बना चुका और इंग्लैंड में जाकर छुप गया गैंग्स्टर हिमांशु भाऊ के इस हत्याकांड में शामिल होने के एंगल को भी खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि रोहतक का रहने वाला हिमांशु भाऊ 2020 से पुलिस और देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए के रडार पर है।
हिमांशु भाऊ पर कसा शिकंजा
हिमांशु भाऊ पर दबिश बढ़ाने के लिए उसके खिलाफ एक मुहिम भी चलाई गई थी औरउसके करीब 30 से ज़्यादा ठिकानों पर छापामारी की थी। लेकिन पुलिस के हाथ हिमांशु भाऊ नहीं लगा। हरियाणा पुलिस की सिफारिश के बाद ही इंटरपोल हिमांशु भाऊ के खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुकी है।
छोटी उम्र में बड़ा डॉन बनने का भूत
हिमांशु भाऊ के बारे में जो खबर सामने आ रही है कि इस गैंग्स्टर के सिर पर डॉन बनने का भूत काफी छोटी उम्र से ही सवार है। जिस समय 2020 में उसका नाम सबसे पहले सामने आया था उस समय वो एक नाबालिग था। लेकिन 17 साल की उम्र में ही हिमांशु भाऊ के खिलाफ करीब 17 मामले दर्ज हो चुके थे।
चोरी की कार का इस्तेमाल
पुलिस की तफ्तीश का ताजा खुलासा ये भी है कि नफे सिंह के शूट आउट में जिस i10 कार का इस्तेमाल किया गया है उसकी नंबर प्लेट फर्जी थी और वो कार भी चोरी की है। पुलिस का अंदाजा है कि शूटआउट में इस्तेमाल कार फरीदाबाद से चोरी की गई थी और फिर उसकी नंबर प्लेट बदलने के बाद शूटरों ने उसे रेकी के लिए इस्तेमाल किया।
पुलिस की हैरानी
पुलिस ये जानकर बेहद हैरत में है कि अगर ये खबर सच है कि पिछले सात दिनों से नफे सिंह की रेकी हो रही थी तो पुलिस की नज़र से वो कातिल बचे कैसे रह गए। उन पर पुलिस की नजर कैसे नहीं पड़ी। इसी सिलसिले में पुलिस की जांच टीम ये मान कर भी चल रही है कि नफे सिंह के बारे में बहुत सी स्पेसिफिक जानकारी भीतर से ही शूटरों तक पहुंची। तभी इस वारदात को अंजाम दिया जा सका।
नफे के कुनबे में हो सकता है मुखबिर
आखिर कातिलों को कैसे पता चला कि नफे सिंह रविवार की शाम उसी रास्ते से अपने घर की तरफ लौटेंगे जहां उन्हें कातिलों ने पहचानकर गोलियों से छलनी कर दिया। लिहाजा पुलिस ने अब सवालों का दायरा बढ़ाया है और नफे सिंह के कई करीबियों को सवालों के दायरे में लेने की तैयारी की है।
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