कांवड़ यात्रा पर दुकान के बाहर मालिक का नाम लिखने का आदेश वापस, सोशल मीडिया पर सवालों की बौछार के बाद पुलिस बैक फुट पर

ADVERTISEMENT

कांवड़ यात्रा पर दुकान के बाहर मालिक का नाम लिखने का आदेश वापस, सोशल मीडिया पर सवालों की बौछार के बाद पुलिस बैक फुट पर
social share
google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

मुजफ्फरनगर पुलिस ने वापस लिया विवादित आदेश

point

कांवड़ मार्ग पर दुकान मालिकों के नाम लिखने का दिया था आदेश

point

सोशल मीडिया पर फजीहत के बाद सरकार बैकफुट पर

मुजफ्फरनगर से संदीप सैनी के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट


Muzaffarnagar: यूपी सरकार ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें हर दुकानदार, होटल और ठेले वाले को दुकान के बाहर मालिक और संचालक का नाम लिखने को कहा गया था। समझा जा रहा है कि इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवालों के बाद ये फैसला लिया गया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताया था और कहा कि ये आदेश उन हिंदूवादी संगठनों की मांग के चलते जारी किया गया है जो काफी समय से कांवड़ यात्रा मार्ग पर मुस्लिम दुकानदारों को बैन करने की मांग कर रहे थे। हालांकि पुलिस ने इसे लेकर यही तर्क दिया था कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर किसी भी तरह के विवाद को रोकने के लिये प्रशासन ने ये फैसला लिया है। हालांकि 24 घंटों के भीतर ही इस आदेश का विरोध देखते हुए सरकार ने अपना फैसला पलट दिया। अब प्रशासन ने इस मसले पर सफाई जारी करते हुए कहा है कि ये निर्देश स्वैच्छिक है, यानी जो दुकानदार अपनी मर्जी से अपना या दुकान संचालक का नाम दुकान के बाहर लिखना चाहें वो लिख सकते हैं। नाम डिस्प्ले करने को लेकर पुलिस की ओर से कोई अनिवार्यता नहीं है। 

यूपी सरकार ने पलटा फैसला

22 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। सावन के पहले दिन से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। पश्चिमी यूपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश से लाखों कांवड़िए हरिद्वार के लिए निकल पड़ेंगे। मगर यात्रा से पहले यूपी सरकार के इस आदेश को लेकर विवाद पैदा हो गया था। यूपी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों और ठेले वालों के लिए ये आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि दुकानदार सभी दुकानों, ठेलों और ढाबों के बाहर अपना नाम डिस्प्ले करें जिससे कावंड़ यात्री जान सकें कि उस दुकान से खरीदा गया सामान उनकी धर्मिक आस्था के मुताबिक ही है। पर जब मामले ने तूल पकड़ा तो यूपी सरकार ने तुरंत यू-टर्न ले लिया। इसके बाद पुलिस विभाग की ओर से जारी स्पष्टीकरण में अब दुकानदारों से कहा गया है कि वो अगर चाहें तो अपने मन मुताबिक अपना और संचालक का नाम दुकान के बाहर लिखें वरना इसे लेकर कोई अनिवार्यता नहीं है। 

ADVERTISEMENT

धार्मिक आस्था के चलते दिया था आदेश

मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा -  श्रावण के पवित्र महीने के दौरान, कई लोग, विशेष रूप से कांवड़िएं, अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं। अतीत में, ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां कांवड़ मार्ग पर सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ बेचने वाले कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों का नाम इस तरह रखा, जिससे कांवड़ियों के बीच भ्रम पैदा हुआ, जिससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हुई। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, होटल, ढाबों और कांवड़ मार्ग पर खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से स्वेच्छा से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने का अनुरोध किया गया है। यह प्रथा पहले भी प्रचलित रही है।

इस आदेश को लेकर हुआ बवाल

बुधवार को जारी एक बयान में मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा था- कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है और हमारे जनपद में लगभग 240 किलोमीटर कांवड़ मार्ग है। इसमें जितने भी खान-पान के होटल ढाबे या ठेले हैं, जहां से भी कांवड़िये अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं, उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि काम करने वाले या संचालकों के नाम वहां जरूर अंकित करें, ताकि किसी भी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी को न रहे। कहीं भी ऐसी स्थिति ना बने कि आरोप प्रत्यारोप लगें और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति बने।  

ADVERTISEMENT

पुलिस के इस आदेश का कई राजनेताओं ने जबरदस्त विरोध किया था। असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि - 'अब हर खाने वाली दुकान या ठेले मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से किसी मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले, इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथीड कहा जाता था, और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जुडेनबायकाट था।' सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यूपी पुलिस के इस आदेश पर विरोध जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। दूसरी ओर कई हिंदू संगठनों का आरोप है कि कुछ दुकानदार नाम बदल कर और अपनी पहचान छुपा कर दुकान चलाते हैं। जिससे कांवड़ियों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜