26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा लाया जाएगा भारत, 30 दिनों में अमेरिका सौंपेंगा!
Tahawwur Rana to India: 26/11 हमलों का साजिशकर्ता और मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी तहव्वुर राणा (Pakistani-origin Canadian Tahawwur Rana) को भारत लाने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया क्योंकि अमेरिका की एक अदालत ने उसका प्रत्यर्पण मंजूर कर लिया।
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Tahawwur Rana to India: 26/11 यानी वो दिन जिसने हिन्दुस्तान के भीतर बहुत कुछ बदल दिया। वो दिन जब समंदर की लहरों पर सवार होकर देश के दुश्मनों ने देश के सीने पर वार किया था और समूचे मुल्क को बुरी तरह से झकझोरकर रख दिया था। हिन्दुस्तान के इतिहास का वो दिन जिसकी टीस आज भी हरेक हिन्दुस्तानी के सीने में बहुत तेज उठती है। उस आतंकी हमले (Mumbai Attack) की साजिश रचने वाला 62 साल का तहव्वुर राणा (Pakistani-origin Canadian Tahawwur Rana) अब अमेरिका से भारत लाया जाएगा, क्योंकि अमेरिका ने अब तमाम कानूनी रुकावटों को दूर करते हुए उसे भारतीय एजेंसियों के हवाले करने का फैसल कर लिया है। और अगले 30 दिनों में उसे भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला होने की उम्मीद है। 26/11 Terror Attack
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की दलील को सही माना कोर्ट ने
यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफॉर्निया की मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चुलजियान ने मंगलवार यानी 16 मई को दिए अपने आदेश में तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana ) के प्रत्यर्पण (extradition) के लिए पेश किए गए तमाम दस्तावेजों और दलीलों को सही माना। जज ने कहा है कि कोर्ट भी इसी नतीजे पर पहुँची है कि तहव्वुर राणा का गुनाह ऐसा है जिसके तहत उसका प्रत्यर्पण किया जा सकता है। 16 मई का ये आदेश 17 मई को कोर्ट से जारी हुआ।
मुंबई का आरोपी अमेरिका में हुआ था गिरफ्तार
ये सच है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले (Mumbai Attack) की सारी भूमिका तहव्वुर राणा (Pakistani-origin Canadian Tahawwur Rana) ने ही रची थी। और भारत ने इस सिलसिले में जो तफ्तीश के दस्तावेज तैयार किए उसके आधार पर अमेरिका में तहव्वुर राणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। और उसी सिलसिले में राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। भारत की प्रमुख जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने मुंबई के उस आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान की पनाह में बैठे लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को कसूरवार माना था लेकिन एनआईए की तफ्तीश में ये बात भी सामने आई थी कि इस हमले का सारा खाका तो राणा ने ही तैयार किया था। इसीलिए भारत ने राणा को अमेरिका से भारत लाने के लिए सभी रास्तों को खोलने की तैयारी कर ली थी और राजनायिक चैनल के जरिए उसके प्रत्यर्पण का केस अमेरिकी कोर्ट में दर्ज करवाया था।
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राणा ने की हेडली की साजिश में मदद
अदालत में सुनवाई के दौरान अमेरिकी सरकार के वकीलों ने दलील दी थी कि राणा सब कुछ जानते हुए भी अपने दोस्त और पाकिस्तानी – अमेरिका डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। उसे पता थता कि डेविड लश्कर ए तैयबा में शामिल है इसके बावजूद हेडली की मदद करने को राणा पूरी तरह से तैयार हुआ और इस पूरी साज़िश का हिस्सा बना।
राणा के प्रत्यर्पण का विरोध
हालांकि कोर्ट में राणा के वकीलों ने भारत की अपील और प्रत्यर्पण का जमकर विरोध किया था। ये बात गौरतलब है कि मुंबई के उस आतंकी हमले में छह अमेरिकी समेत 166 लोग मारे गए थे। और इस आतंकी वारदात को दस पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था।
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भारत ने वारंट जारी किया
भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। और ये प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में ही आता है। इसी आधार पर जज ने राणा को भारत के हवाले करने का ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ये भी बताया है कि भारत ने राणा की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है और उसके खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
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युद्ध छेड़ने जैसी संगीन धाराएं लगीं
जिन अपराधों में राणा को भारत लाने की बात आगे बढ़ीं उसके मुताबिक राणा के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साज़िश, हत्या करने, धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी करने, जालसाजी या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली रूप में ही इस्तेमाल करने और आतंकवादी वाले काम करने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं।
जिंदा पकड़ा गया था अजमल कसाब
ये बात तो सभी जानते हैं कि इस हमले के दौरान जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय पुलिस और सुरक्षा बल ने तमाम आतंकियों को मार गिराया था जबकि मुंबई पुलिस ने अजमल कसाब नाम के आतंकी को जिंदा पकड़ लिया था। बाद में उसके खिलाफ मुकदमा चलाकर 21 नवंबर 2012 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था।
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