Mumbai Crime: कोचर को नहीं मिलेगा घर का खाना और बिस्तर, धूत की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज
Scam News: सीबीआई अदालत ने मामले में गिरफ्तार चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की घर से बना खाना, बिस्तर, गद्दे और कुर्सियां मुहैया कराने की अर्जी भी खारिज कर दी।
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Mumbai Crime News: मुंबई स्थित विशेष अदालत (Mumbai Court) ने बृहस्पतिवार को वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की उस याचिका को खारिज (Dismiss) कर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) चंदा कोचर की संलिप्तता वाले बैंक धोखाधोड़ी मामले में की गई उनकी गिरफ्तारी अवैध है।
सीबीआई अदालत ने मामले में गिरफ्तार चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की घर से बना खाना, बिस्तर, गद्दे और कुर्सियां मुहैया कराने की अर्जी भी खारिज कर दी। अदालत ने हालांकि जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चिकित्सा अधिकारी की सलाह पर ‘डायट फूड’ मुहैया कराए। कोचर दंपति को सीबीआई ने 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था जबकि इसके तीन दिन बाद धूत की गिरफ्तारी की गई ।
इस समय तीनों न्यायिक हिरासत में है। धूत ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताकर चुनौती दी और तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया। उनके वकील एस एस लड्डा ने अधिवक्ता विराल बाबर के साथ तर्क दिया कि धूत को गिरफ्तार किया गया क्योंकि जांच अधिकारी कोचर दंपति की गिरफ्तारी के बाद दबाव में आ गए थे। वीडियोकॉन संस्थापक के वकीलों ने रेखांकित किया कि कोचर दंपति की पहली हिरासत सुनवाई पर उनके वकीलों ने सवाल किया कि धूत को अब तक क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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अधिवक्ता लड्डा ने कहा कि कोचर को भय था कि धूत सरकारी गवाह बन सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि कोचर के वकीलों ने सुनिश्चित किया कि आदेश में दर्ज हो कि धूत को गिरफ्तार नहीं किया गया है जिससे जांच अधिकारी पर दबाव बना और अंतत: उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी हुई। विशेष न्यायाधीश एम आर पुरवार ने हालांकि कोई तथ्य नहीं पाते हुए धूत की अर्जी खारिज कर दी।
गौरतलब है कि सीबीआई ने वर्ष 2019 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आपराधिक साजिश सहित भारतीय दंड सहिता की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत समेते दीपक द्वारा प्रबंधित न्यूपॉवर रिन्यूएबल (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बतौर आरोपी नामजद किया था।
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सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंक नियमन अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर 3,250 करोड़ का ऋण मंजूर किया। कथित तौर पर इसके बदले में धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में वर्ष 2010 से 2012 के बीच 64 करोड़ रुपये का निवेश किया।
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