उसने तो पत्थर फेंक कर महिला की आंख बिगाड़ दी, क़ानून उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता!

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एक पत्थर किसी को अंधा भी कर सकता है?

Mumbai Crime Latest: एक पत्थर किसी को भी अंधा कर सकता है। ये किसी फिल्म का डॉयलॉग नहीं है बल्कि मुंबई में एक महिला की ऐसी आप बीती है जिससे उसका सामना 10 फरवरी की सुबह काम पर जाते समय हुआ।

और सबसे हैरत की बात तो ये है कि जिस शख्स ने ये वारदात अंजाम दी है, क़ानून चाहकर भी उसका बहुत ज़्यादा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, और तो और वो महिला भी चाहे अगर बदला लेना तो वो उस शख्स को देखकर अपनी आंखों के खून के आंसू लेकर वहां से हट जाएगी। है न हैरत वाली बात।

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जब आंखों में उतर आए ख़ून के आंसू

Latest Crime story: ये क़िस्सा मुंबई के कांदीवली इलाक़े का है। कांदीवली के एकता नगर में रहने वाली 38 साल की वो महिला पेशे से एकाउंटेंट है, और 10 फरवरी को ऑटो रिक्शे से अपने दफ़्तर की तरफ जा रही थी। उस वक़्त सुबह के 9 बजे थे।

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और बोरिवली में कल्पना चावला चौक के पास पता नहीं कहां से एक सनसनाता हुआ पत्थर आया और महिला की आंखों के सामने अंधेरा छा गया। और आंखों से खून छलक आया।

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ऑटो में बैठी उस महिला ने अपनी धुंधली होती आंखों की रोशनी में देखा कि सड़क के उस पार एक लड़के को कुछ लोगों ने पकड़ लिया और उसे गश्त लगाने वाली पुलिस की टीम के हवाले भी कर दिया।

बहुत छोटा है धारा 337 का दायरा

Mumbai Update: ये सब देखते हुए भी वो महिला दर्द से तड़प रही थी क्योंकि अब उनकी बाईं आंख बुरी तरह सूज चुकी थी, और लहुलुहान हो गई थी। ऑटोवाला जख़्मी महिला को लेकर सीधे अस्पताल पहुँच गया जहां उनकी आंख का ऑपरेशन किया गया।

पुलिस ने महिला को पत्थर मारने के जुर्म में जिस लड़के को पकड़ा और IPC की धारा 337 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 337 के मुताबिक, कोई व्यक्ति उतावलेपन या उपेक्षा पूर्वक ऐसा कोई काम करता है जिससे किसी के जीवन या उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है या उसे चोट पहुँच सकती है तो उस व्यक्ति को छह महीने की सज़ा देकर उसे छह महीनों तक ही बढ़ाया भी जा सकता है इसके अलावा उस पर पाँच सौ रुपए तक जुर्माना भी हो सकता है। इससे ज़्यादा कुछ नहीं।

कौन क्या बिगाड़ेगा मुकेश का?

Mumbai Crime Latest in Hindi :पत्थर फेंककर एक महिला को क़रीब क़रीब अंधा करने वाले उस लड़के की पहचान मुकेश कुमार ठाकुर प्रसाद बनिया के तौर पर हुई है।

पुलिस की शुरुआती तफ़्तीश में ये बात खुलकर सामने आ गई कि मुकेश दिमागी तौर पर बेहद कमज़ोर है, और वो अक्सर फुटपाथ पर बैठे बैठे पत्थर फेंक देता है, जिसके पीछे उसका कोई मकसद नहीं होता। अब ऐसी सूरत में उस मुकेश का कोई क्या बिगाड़ सकता है

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