Mukhtar Ansari: पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह बोले - मुख्तार के साथ जो हुआ, वो उसके कर्मों का नतीजा!
Mukhtar Ansari Former DSP Shailender interview: शैलेंद्र सिंह ने खास बातचीत में मुख्तार अंसारी के साथ जो हुआ, यह उसके कर्मों का नतीजा है।
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कुमार अभिषेक के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Mukhtar Ansari Former DSP Shailender interview: शैलेंद्र सिंह ने खास बातचीत में मुख्तार अंसारी के साथ जो हुआ, यह उसके कर्मों का नतीजा है। शैलेंद्र सिंह के मुताबिक, स्लो प्वाइजन देने की बात पूरी तरीके से बुनियाद और मनगढ़ंत है, आज के जमाने में कोई भी अधिकारी अपनी नौकरी दांव पर नहीं लगा सकता। दरअसल मुख्तार अंसारी बेहद डरा हुआ था और उसका डर जेल अस्पताल और अदालत में दिखाई दे रहा था। मुख्तार को हर वक्त यह डर सता रहा था कि कोई ना कोई उसे जहर देकर मारना चाहता है और इसी डर में वह तिल-तिल कर घुटता रहा और डर की वजह से उसकी मौत हुई है। शैलेंद्र सिंह ने अपने उसे दूर को भी याद किया जो उसे वक्त उनके साथ हुआ।
DSP शैलेंद्र सिंह, वो अधिकारी थे ,जिन्होंने बिना पत्नी और परिवार को बताएं नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। शैलेंद्र ने कहा, ' मुलायम सिंह यादव इस घटना से इतने नाराज थे, इतने चिढ़ते थे कि मदद की बात तो दूर, वो मेरी शक्ल तक देखना नहीं चाहते थे।' शैलेंद्र ने कहा कि पहले के हालात कुछ और थे, अब सभी पॉलिटिकल पार्टियों में एक समझ आई है की इन बाहुबलियों से दूर रहना ही बेहतर है, क्योंकि अब लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। आने वाले दिनों में मैं उत्तर प्रदेश में किसी ऐसे बाहुबली को सर उठाता नहीं देखता।
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मुख्तार का अपराध साम्राज्य
मुख्तार पर कुल 65 केस दर्ज थे। इस दौरान उसे 2 बार उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। सिंतबर 2022 में उसे पहली बार सजा सुनाई गई और 13 मार्च 2024 को दूसरी बार सजा सुनाई गई थी। मुख्तार 2005 से जेल में बंद था। ये दोनों सजाएं उम्र कैद की थी। उस पर आगरा, लखनऊ, बाराबंकी समेत यूपी के कई जिलों में मुकदमें दर्ज थे। यहां तक कि उस पर पंजाब में भी मुकदमें दर्ज थे।
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मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी पर 11 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार के बेटे अब्बास पर 8 और छोटे बेटे उमर पर 6 केस दर्ज हैं। मुख्तार की बहू निखत पर भी एक मुकदमा दर्ज है। इतना ही नहीं मुख्तार के भाइयों अफजाल पर 7 मामले तो सिगबतुल्लाह पर 3 केस चल रहे हैं। माफिया मुख्तार अंसारी की दबंगाई ही ऐसी थी कि पहले तो उसके अपराध पर मामला दर्ज नहीं होता था और यदि हो भी जाए तो उसके खिलाफ गवाही देने के लिए कोई तेयार नहीं होता था। करीब 40 सालों बाद जब प्रदेश में योगी सरकार थी। उस दौरान उसे उम्र कैद की सजा हुई।
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उसकी मौत को देखते हुए गाजीपुर में धारा 144 लगाई गई है। पुलिस ने वहां फ्लैग मार्च भी किया है। प्रयागराज जोन में अलर्ट घोषित किया गया है।
उधर, मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब पोस्टमार्टम की तैयारी है। कुछ ही देर में बांदा के अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जाने वाला है। 3 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार का पोस्टमार्टम करेगा। बांदा मेडिकल कॉलेज के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहां बांदा पुलिस के साथ-साथ सीएपीएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। उधर, इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। आज ही शव को गाजीपुर ले जाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसको लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है।
देर रात मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा बांदा पहुंचा था। वहां उसने जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दरअसल, बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की बीती रात मौत हो गई। जेल में ही तबीयत बिगड़ी। इसके बाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान बचाई नहीं जा सकी।
महज 2 दिनों के भीतर मुख्तार अंसारी की तबीयत दूसरी बार बिगड़ी थी। पहली बार 26 मार्च को और दूसरी बार 28 मार्च को, लेकिन इस बार माफिया डॉन पर वक्त भारी पड़ गया। उसे बचाया नहीं जा सका। 26 मार्च को जब बांदा जेल में मुख्तार की तबीयत बिगड़ी थी, तब 14 घंटे तक इलाज के बाद सेहत में सुधार हो गया था और उसे दोबारा जेल भेज दिया गया था। 28 मार्च की शाम को भी मुख्तार की तबीयत अचानक बिगड़ी। जानकारी मिली कि जेल में हार्ट अटैक की वजह से मुख्तार अंसारी की हालत बेहद गंभीर हो गई। बैरक में वो डॉक्टर के सामने ही बेहोश हो गया। जेल प्रशासन ने तुरंत एंबुलेंस से मुख्तार को बांदा मेडिकल कॉलेज भेजा। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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