मुख्तार और अफजाल अंसारी को हुई सजा, कृष्णानंद राय के बेटे ने योगी आदित्यनाथ को लेकर कही ये बात
कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पियूष राय ने Crimetak के साथ खास बातचीत की है. पियूष राय ने बताया कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के कार्यक्रम का परिणाम है जिससे माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो
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Mukhtar Ansari Court Verdict Live: शनिवार को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 10 साल जेल की सजा सुनाई है जबकि उनके भाई अफजाल अंसारी (बसपा सांसद) को 4 साल की सजा दी गई है. कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पियूष राय ने Crimetak के साथ खास बातचीत की है. पियूष राय ने बताया कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के कार्यक्रम का परिणाम है जिससे माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.
पियूष ने कहा, "आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मेरी मां ने बीते कई सालों से संघर्ष किया। हम लगातार अंसारी परिवार से लड़ रहे हैं। कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वह शिरोधार्य है, लेकिन इसके लिए बदली परिस्थितियां भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में अब हालात बदल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार का असर है, जो माफियाओं-अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जो मुहिम है, उसी का नतीजा है, जो मुख्तार अंसारी और अफजाल को सजा हो रही है.”
मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी पूर्वांचल के माफिया डॉन है. अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया गया था जब उन्हें भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में अभियोग लगाया गया था. इसके अलावा, मुख्तार अंसारी के खिलाफ भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में भी एक गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था. दोनों भाईयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में क्राइम नंबर 1051 और 1052 दर्ज हुआ था.
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने एक बयान दिया है जिसमें वह न्यायपालिका में विश्वास करती हैं. उन्होंने कहा है कि गुंडों और माफियाओं का शासन खत्म हो गया है. अब या तो वे जेल में रहेंगे या फिर ऊपर चले जाएंगे. इस दौरान, अफजाल अंसारी ने कोर्ट में पहुंच कर मुकदमा की सुनवाई की है जबकि मुख्तार अंसारी वर्चुअल पेशी पर मौजूद थे.
गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद हो गई है. हर गेट पर सुरक्षाकर्मी चौकस नजर आ रहे हैं और कोर्ट में अंदर आने वालों को पूरी तलाशी के बाद ही जाने दिया जा रहा है. यह फैसला 15 साल बाद आने जा रहा है इसलिए इस पर सबकी नजर है। पहले यह फैसला 15 अप्रैल को जारी होने वाला था, पर बाद में इसे बढ़ा दिया गया था.
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