ग्वालियर सेंट्रल जेल से तीन कैदी फरार, पैरोल पर आए थे बाहर

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ग्वालियर सेंट्रल जेल से तीन कैदी फरार, पैरोल पर आए थे बाहर
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MP News: हत्या (murder) के मामले में सजा काट रहे तीन आरोपी पैरोल (parole) पर बाहर गए फिर वापिस नहीं लौटे. 2 मई को पैरोल पर निकले थे और 15 मई को वापिस जेल (jail) में आना था, लेकिन नहीं पहुंचे. ग्वालियर सेन्ट्रल जेल में बंद थे ये तीनों आरोपी. रिश्तेदारों से भी पूछताछ में तीनों का कुछ पता नहीं चला. जिसपर जेल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तीनों के खिलाफ बहोड़ापुर थाना में पैरोल जंप की शिकायत की है।

MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की ग्वालियर सेंट्रल जेल (Gwalior Central Jail) में हत्या के मामले में दोषियों की सजा पैरोल पर थी। उनको 16 मई को वापिस आना था, लेकिन अब तक वो लौटे नहीं हैं। कैदियों को 3 साल और कुछ को 4 साल जेल में आए हुए थे. जब कैदी वापिस नहीं आए तो जेल प्रशासन ने उनके परिजनों को कॉल करके संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

पप्पू यादव, बहोड़ापुर थाना प्रभारी, ने बताया कि ग्वालियर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे 3 कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया गया था। जब उनकी वापसी नहीं हुई, तो सेंट्रल जेल प्रबंधन ने उनके रिश्तेदारों और घरवालों को संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई संपर्क नहीं हुआ। इसके बाद, संबंधित जिले के पुलिस को सूचना दी गई ताकि वो उनकी खोज कर सकें। सूचना के आधार पर, बहोड़ापुर थाना पुलिस ने उनकी खोज शुरू की, लेकिन उनका पता नहीं चला। बहोड़ापुर थाना पुलिस ने जेल प्रबंधन की शिकायत पर मामला दर्ज कर तीनों कैदियों को खोजना शुरू कर दिया है।

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पुलिस ने आरोपियों की दी जानकारी
पुलिस ने बताया कि सत्यवीर धोबी (35) पुत्र वासुदेव गुलियापुरा गोरमी भिंड हत्या के मामले में 2017 से सजा काट रहा था। इसके अलावा छोटे बाबा की पहाड़ी गिरवाई ग्वालियर के रहने वाले 20 साल का गोविंद पुत्र गोपाल कुशवाह भी हत्या के मामले में 2019 से सजा काट रहा था. तीसरा पैरोल जंप करने वाला आरोपी 28 साल का सत्यप्रकाश पुत्र रामरतन धोबी निवासी ओरेठी नगरा मुरैना का है। यह भी हत्या के मामले में सजा काट रहा था।

पैरोल पर छुड़ाने वाले रिश्तेदारों को पकड़ेगी पुलिस

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बंदियों को पैरोल पर छोड़ने के लिए उन लोगों द्वारा जमानत (bail) दी गई अब पुलिस (police) उन जमानतदारों की भी धरपकड़ करेगी. साथ ही, उन पर दबाव बढ़ाया जाएगा ताकि वे पैरोल से बाहर निकले हुए कैदियों को लौटा सकें। पुलिस अपने स्तर पर कैदियों के छिपने के ठिकानों पर दबिश डाल रही है।

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ये खबर Crime Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे गिरीश कुमार अंशुल ने लिखी है.

 

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