Morbi Bridge Collapse: पुल रखरखाव व संचालन एजेंसियों के खिलाफ FIR, 4 अरेस्ट

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Morbi Bridge Collapse:  पुल रखरखाव व संचालन एजेंसियों के खिलाफ FIR, 4 अरेस्ट
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Morbi Bridge Collapse: पुलिस ने गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

मच्छु नदी पर केबल पुल रविवार को टूट गया था। इस हादसे में करीब 134 लोगों की मौत हो गई थी।

मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि शहर में घड़ियां और ई-बाइक निर्माता ओरेवा समूह को पुल के नवीनीकरण और संचालन का ठेका दिया गया था।

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मोरबी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल त्रिपाठी ने कहा कि रविवार रात प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कुछ लोगों को प्रारंभिक पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि पुल हादसे के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है न ही किसी को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस के मुताबिक, रविवार शाम मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल पुल के गिरने से कम से कम 134 लोगों की मौत हो गई। राजकोट रेंज के महानिरीक्षक अशोक यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “पुल ढहने की घटना में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 134 हो गया है।”

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मोरबी ‘बी’ डिवीजन पुलिस थाने में रविवार रात दर्ज की गई प्राथमिकी में, पुलिस ने मुख्य आरोपी के रूप में “केबल पुल के रखरखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार एजेंसियों” को मुख्य आरोपी के रूप में दिखाया है, जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए थे। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या की सजा) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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‘बी’ डिवीजन के पुलिस निरीक्षक प्रकाश देकीवाडिया द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बना पुल लगभग आठ महीने से उपयोग में नहीं था क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने इसके रखरखाव के लिए एक ‘निजी एजेंसी’ को काम सौंपा था।

प्राथमिकी में कहा गया कि रखरखाव का काम पूरा होने के बाद एजेंसी ने 26 अक्टूबर को पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया। यह पुल रविवार को शाम करीब साढ़े छह बजे ढह गया जिससे नदी में गिरने के कारण कई लोगों की मौत हो गई।

प्राथमिकी के अनुसार यह घटना एजेंसी के लोगों के “संवेदनहीन रवैये” के कारण हुई। इसमें कहा गया है कि संबंधित व्यक्तियों या एजेंसियों ने पुल के रखरखाव की गुणवत्ता के साथ-साथ मरम्मत कार्य पर भी ध्यान नहीं दिया। प्राथमिकी में कहा गया है कि एजेंसी ने यह जानते हुए भी कि पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया कि मरम्मत और प्रबंधन में उसके “संवेदनहीन रुख” के कारण लोगों की जान जा सकती है।

एसपी राहुल त्रिपाठी ने कहा, “हमने प्राथमिकी दर्ज की है और कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। हम ओरेवा कंपनी के कर्मचारियों से भी संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं जो कल पुल पर ड्यूटी पर थे।”

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