जब हाथियों से जान बचाने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ गए विधायक जी
Mla took refuge at water tank after Elephant herd attack
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उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि विधायक जी को जब हाथियों ने घेरा तब हाथी के आतंक से ही मारे गए एक शख्स के परिवार का हालचाल पूछने के लिए पहुंचे थे। इससे पहले विधायक अपनी संवेदनाएं परिवार के साथ बांट पाते उनकी जान खुद ही मुसीबत में आ गई।
ये पूरी घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा के एक गांव की है। कोरबा जिले के पाली-तनखर से कांग्रेस के विधायक राम करकेट्टा कोरबा से करीब 35 किलोमीटर दूर एक आदिवासी गांव में पहुंचे थे। यहां पर तिल सिंह गोंड नाम के शख्स की जान हाथियों ने ले ली थी। विधायक राम परिवार के पास पहुंचे ही थे कि उन्हें जंगल में हाथियों का झुंड दिखा।
हाथियों ने भी विधायक और उनके साथ आए लोगों पर हमला कर दिया। जैसे-तैसे सभी भागकर गांव में ही बनी पानी की टंकी पर जा चढ़े। हाथियों का झुंड भी टंकी के पास आकर खड़ा हो गया। हाथियों को टंकी के पास देखकर विधायक राम और उनके समर्थकों की सांस ही फूल गई।
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हाथियों का ऐसा रुप देखकर तुंरत वन विभाग को फोन लगाया गया। विधायक जी को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं हाथियों का मूड बिगड़ गया और उन्होंने टंकी को ही अपना निशाना बना लिया तो जान बचना मुश्किल है।
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम भी हाथियों का इतना बड़ा झुंड देखकर कोई कदम ना उठा सकी। शाम होने का इंतजार किया गया। विधायक जी की करीब दो घंटे तक टंकी पर ही घेराबंदी करने के बाद अंधेरा घिरते ही हाथियों का झुंड जंगल में लौट गया। जिसके बाद विधायक राम करकेट्टा को वहां से सुरक्षित निकाला गया।
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विधायक के मुताबिक हाथी उनके बेहद करीब पहुंच गए थे और उन्हें लग रहा था कि आज हाथियों से बचान मुश्किल है। शुक्र इस बात का है कि वक्त रहते उन्हें पानी की टंकी मिल गई जिस पर चढ़कर उन्होंने और समर्थकों ने अपनी जान बचाई।
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गांववालों के मुताबिक उनके गांव के आसपास 40 से भी ज्यादा हाथी हैं जो कभी-कभार लोगों को भी अपना निशाना बना लेते हैं । खुद की जान के लाले पड़ने के बाद अब विधायक ने वन विभाग को इलाके में पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए है ताकि हाथी और गांववालों की जान बच सके।
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