पुतिन की पलटन का सबसे बड़ा ऐलान, यूक्रेन की पोर्ट सिटी मारियूपोल पर रूसी सेना का क़ब्ज़ा
पोर्ट सिटी मारियूपोल पर रूसी सेना का क़ब्ज़ा, मारियूपोल के 90 फीसदी हिस्से को पुतिन की सेना ने यूक्रेन से छीना, पुतिन की पलटन के हवाले पोर्ट सिटी, Mariupol liberated, says Vladimir Putin
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Russian - Ukraine War: पूरे 56 दिन के बाद पहली बार रूस की तरफ से जीत का एक बड़ा ऐलान सामने आया है। 24 फरवरी से शुरू हुए रूसी हमले के बाद पहली बार रूस की तरफ से कहा गया है कि उसने यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह वाले शहर मारियूपोल को पूरी तरह से कब्ज़े में ले लिया है।
हालांकि यूक्रेन की सेना और सरकार दोनों ही रूस के इस दावे को मानने से इनकार कर रहे हैं। क्योंकि उनका मानना है कि यूक्रेन के फौजी अब भी रूसी सेना के सामने डटकर खड़े हैं जबकि रूस ने दावा कर दिया है कि यूक्रेन की फौज के 1500 जवानों ने रूसी सेना के सामने अपने हथियार डाल दिए।
पूरी दुनिया गवाह है कि यूक्रेन के इस शहर पर पिछले 20 दिनों से रूसी सेना ताबड़तोड़ हमले कर रही थी। इस शहर पर पुतिन की पलटन ने इतना बारूद बरसाया है कि सारा शहर क़रीब क़रीब पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है।
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समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक़ रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से ये दावा किया गया है कि यूक्रेन के मारियूपोल शहर को पूरी तरह से आज़ाद करवा दिया गया है सिर्फ वहां का एजोवस्तल प्लांट पर अभी कब्ज़ा नहीं किया है। इसके अलावा पूरे शहर पर रूसी सेना का क़ब्ज़ा है।
Russian - Ukraine War: ये बात भी रक्षा मंत्रालय की तरफ से साफ कर दी गई है कि मिलिट्री ऑपरेशन शुरू होने के साथ ही रूसी सेना के निशाने पर यही शहर सबसे ज़्यादा रहा और रूसी मिसाइलों और रॉकेटों ने इस शहर की ईंट से ईंट बजाकर रख दी। शहर का 90 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो चुका है, किसी काम का नहीं रह गया।
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आलम ये है कि इस शहर में अगर कुछ बचा है तो बारूद से झुलसी बिल्डिंग्स और जलकर राख हो चुके शहर के तमाम रिहायशी इलाक़े। शहर के हालात देखकर कोई भी कह सकता है कि ज़िंदगी मानों इस शहर से रूठ ही गई है। यहां जीने लायक कुछ भी नहीं बचा सिवाय खंडहर के।
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ऐसा नहीं है कि पोर्ट सिटी मारियूपोल पर क़ब्ज़ा करने के बाद रूसी सेना सुस्ताने लगी है। बल्कि इसके ठीक उलट रूसी सेना और जोश और ख़रोश के साथ यूक्रेन के अलग अलग हिस्सों पर टूट पड़ी है। अकेले बुधवार वाले रोज़ यानी 20 अप्रैल को रूसी सेना ने यूक्रेन पर 1100 से ज़्यादा हमले किए हैं। इनमें मिसाइल अटैक, रॉकेट की मार और तोपखाने के गोलों की मार शामिल है।
बताया तो यहां तक जा रहा है कि रूस ने अपनी सेना की एक टुकड़ी ऐसी तैयार की है जिसमें सीरिया, लीबिया और जॉर्जिया में लड़ाई लड़ने वाले लड़ाकों की मिली जुली फौज है। क़रीब 20 हज़ार से ज़्यादा रूस के खूंखार सैनिकों को पूर्वी यूक्रेन के डोनवास इलाक़े में तैनात कर दिया गया है।
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