मुंबई पुलिस ने किया मनोज मुंतशिर का ये इंतजाम, 'आदिपुरुष' को लेकर बढ़ने लगा बवाल
Manoj Muntashir security: पिछले कुछ दिनों से अचानक सुर्खियों में छा गए डायलॉग राइटर और गीतकार मनोज मुंतशिर को आखिरकार मुंबई पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवा ही दी है।
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Manoj Muntashir security: करोड़ों की लागत से बनी फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) ने करोड़ों भारतीयों का दिल कुछ ऐसा दुखाया कि फिल्म के डायलॉग लिखने वाले मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने सुरक्षा मुहैया करवाई है। इस फिल्म पर हो रहे विवाद के बाद गीतकार और डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर को लगातार धमकियां मिलने लगी थीं।
फिल्म पर पाबंदी की मांग
जबसे फिल्म रिलीज हुई है तभी से ये फिल्म सिनेमा के पर्दे पर तो कम लेकिन लोगों की जुबान पर इसकी चर्चा जम कर हो रही है। खासतौर पर इस फिल्म को लेकर अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं । देश के अलग अलग हिस्सों में इस फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन तो हो ही रहे हैं, अब तो इस फिल्म पर पाबंदी लगाने की भी मांग उठने लगी है।
मनोज क्यों बने हैं सुर्खियों में
फिल्म रिलीज के बाद जब मनोज मुंतशिर ने घूम घूमकर इस फिल्म के प्रचार के दौरान अपने लिखे डायलॉग को सही ठहराने की कोशिश की और लोगों को ये समझाने की कोशिश की कि उन्होंने जो डायलॉग लिखे हैं वो अपनी जगह एकदम सही है दर्शक लोग ही नासमझी दिखा रहे हैं फिल्म को उनके तरीके से न समझकर। उनकी बातों के इस भाव ने देश भर में बवाल खड़ा कर दिया। तमाम मीडिया में मनोज मुंतशिर का ही मसला सुर्खियों में बना रहा। और उसके बाद मनोज मुंतशिर को धमकी मिलने लगी। इस पर मनोज मुंतशिर शुक्ला ने मुंबई पुलिस से संपर्क करके खुद को मिली धमकियों का जिक्र करके सुरक्षा देने की गुहार लगाई। मुंबई पुलिस ने मनोज मुंतशिर के जान को खतरे में देखते हुए उन्हें सुरक्षा प्रदान कर दी और अब तहकीकात का दायरा भी बढ़ा दिया है।
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बदले जाएंगे फिल्म के डायलॉग
तमाम विरोध और जान से मारने की मिली धमकियों के बाद अब मनोज मुंतशिर ने से भरोसा दिलाया है कि इस फिल्म के डायलॉग को बदल दिया जाएगा। एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान मनोज मुंतशिर यही कहते मिले कि उन्होंने कोई गलती नहीं है, बल्कि सब कुछ सोचसमझकर किया गया, क्योंकि ऐसा उनको लगता है कि फिल्म के सारे किरदार एक ही जैसी भाषा नहीं बोल सकते।
होने लगे बुक टिकट कैंसल
इन दिनों आदिपुरुष फिल्म की चर्चा चारो तरफ है। करोड़ों रुपये की लागत से बनी इस फिल्म के रिलीज होने के साथ ही विवादों की झड़ी लग गई। इस फिल्म के जितने टिकट अभी तक नहीं बिके उससे ज्यादा तो कमेंट सोशल मीडिया पर इस फिल्म की बुराई करके फिल्म का टिकट कैंसल करने वालों के पोस्ट नज़र आने लगे हैं।
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फिल्म का विरोध बढ़ा
दरअसल इस फिल्म को पौराणिक महाकाव्यों में से एक रामायण से जोड़कर देखा जा रहा है, और सारा विवाद फिल्म के किरदार और डायलॉग्स को लेकर हो रहा है। इस फिल्म के रिलीज होने के साथ ही फिल्म की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल क्या हुए कई जगहों पर फिल्म को लेकर विरोध के सुर सिर उठाने लगे।
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डायलॉग की भाषा पर आपत्ति
असल में इस फिल्म में कहानी के स्तर और डायलॉग में इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर सबसे ज़्यादा विवाद खड़ा हो रहा है। असल में इस पौराणिक कथा के साथ इस देश के ज़्यादातर लोगों की भावनाएं जुड़ी हुईहैं। रामायण को भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ देखा सुना और पढ़ा जाता है। और इस महाकाव्य के तमाम किरादारों की जनमानस में एक अलग अहमियत है। उन्हें किसी न किसी रूप में आदर्श भी माना जाता है। ऐसे में फिल्म निर्माताओं ने जिस तरह से इस फिल्म का निर्माण किया और फिल्म के पात्रों का जो स्वरुप सिनेमा में दिखाया गया वो लोगों के गले नहीं उतर रहा है। हालांकि बताया यही जा रहा है कि इस फिल्म का बजट 500 से 600 करोड़ रुपये के बीच है, लेकिन फिल्म का स्तर से लोगों को बहुत मायूसी हुई है।
सबसे महंगी फिल्म
दावा यही किया जा रहा है कि हिन्दुस्तानी सिनेमा के इतिहास में ये सबसे महंगी फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन ओम राउत ने किया जबकि इस फिल्म में मुख्य भूमिका दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध सुपर स्टार प्रभाष ने निभाई और उनके साथ हिन्दी सिनेमा की एक्ट्रेस कृति सैनन हैं। फिल्म में सैफ अली खान रावण की भूमिका में दिखाए गए हैं।
फिल्म में भाषा पर दिक्कत
दरअसल फिल्म पर विवाद होने की एक सबसे बड़ी वजह ये भी मानी जा रही है कि इस फिल्म से लोगों ने जो उम्मीद लगाई थी उसका पूरा न होना। बताया जा रहा है कि कहानी का प्रस्तुतिकरण लोगों की निराशा की एक सबसे बड़ी वजह है। इसके अलावा फिल्म के किरदार जिस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं वो बेहद मामूली और सड़क छाप है। जो रामायण के पात्रों और उनकी हिन्दुस्तानी जनमानस में बनी छवि के आधार पर मेल नहीं खाती। फिल्म के डायलॉग्स और गीत मनोज मुंतशिर शुक्ला ने लिखे हैं। और उन्होंने फिल्म के रिलीज होने के बाद अपने लिखे डायलॉग्स को सही ठहराकर एक तरह से उन लोगों को चुनौती दी है जो इस फिल्म के बारे में अपनी राय रख रहे हैं। जो कि फिल्म के निर्माताओं को रास नहीं आ रहे।
पुरानी रामायण से तुलना
असल में हिन्दुस्तान में करीब 40 साल पहले रामानंद सागर ने रामायण सीरियल बनाया था जिसके पात्रों को आज भी उसी नज़र से देखा जाता है। वो सीरियल भाषा और प्रस्तुतिकरण के हिसाब से इस फिल्म से बहुत अलग है। लेकिन लोगों ने इस फिल्म की तुलना उसी रामायण सीरियल से करनी शुरू कर दी। जाहिर है कि लोगों की अपेक्षा के पैमाने पर ये फिल्म पूरी तरह से खरी उतरती नहीं दिखाई पड़ रही है।
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