जानिए कौन है गोरखपुर का इंस्पेक्टर जेएन सिंह, जिस पर है मनीष गुप्ता की हत्या का आरोप?

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जानिए कौन है गोरखपुर का इंस्पेक्टर जेएन सिंह, जिस पर है मनीष गुप्ता की हत्या का आरोप?
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Who is SHO Jagat Narayan Singh (SHO J.N. Singh) : इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर गोरखपुर में कानपुर के मनीष गुप्ता को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। जेएन सिंह पहले भी इस तरह के कई आरोप लग चुके हैं। ज़ाहिर मनीष गुप्ता के मामले में हत्या का केस दर्ज होने के बाद पुरानी घटनाओं की भी जांच हो सकती है। पुलिस का कहना है कि अगर पुराने मामलों में भी कोई आवेदन आता है तो जांच होगी।

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कौन है आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह?

गोरखपुर में ये आरोपी इंस्पेक्टर मासूम लोगों से जबरन वसूली के लिए बदनाम है। ऐसा बताया जा रहा है कि दूसरे शहर से गोरखपुर में आने वाले वो लोग जो होटल में ठहरते हैं, उनके कमरों में चेकिंग के नाम पर वो घुसकर तलाशी का ढोंग करता है और फिर उन पर उल्टे सीधे आरोप लगाकर उनसे अवैध वसूली किया करता था।

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इस इंस्पेक्टर को जानने वाले लोग बताते हैं कि ये भी मुमकिन है कि इस केस में भी इस इंस्पेक्टर ने होटल जाकर कमरे की चेकिंग का ड्रामा किया हो, फिर व्यापारी और उसके दोस्तों को किसी गलत आरोप में फंसाने की धमकी देकर उससे वसूली करने की कोशिश की हो। लेकिन व्यापारी मनीष दबे नहीं, मुमकिन है जिससे चिढ़ कर इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने उनके और उनके दोस्तों के साथ मारपीट की।

पुलिस की इस मारपीट में व्यापारी की मौत हो गयी वरना इंस्पेक्टर जे एन सिंह इन लोगों की बदमाश बताकर इन्हें जेल भेज देता। होटल से ले जाने के बाद घायल मनीष को इंस्पेक्टर जेएन सिंह मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए सुबह 4 बजे तक नहीं पहुंचा था, इस बात की तस्दीक खुद मनीष के मित्र ने दी।

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जेएन सिंह पर पहले भी लगते रहे हैं ऐसे आरोप

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रामगढ़ताल के इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पीटकर मार डालने का आरोप लगना कोई नई बात नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इस इंस्पेक्टर पर कई बार ऐसे आरोप लगते रहे हैं। 13 अगस्त 2021 को 20 साल के गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हत्या का आरोप लगा, इसके अलावा 7 नवंबर, 2020 को पुलिस कस्टडी में बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार की पिटाई की वजह से मौत का आरोप भी लगा।

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सिपाही से इंस्पेक्टर कैसे बना जेएन सिंह?

बताया जाता है कि रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह उनके साथ हुए कई इत्तेफाकों की वजह से सिपाही से प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बने। गोरखपुर में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने यहां चार बदमाशों पर गोली चलाई और कमाल देखिए उनकी चारों गोलियां ठीक बदमाशों के पैर में लगीं, ना इधर ना उधर। और इतने बहुत सारे इत्तेफाक की वजह से उसे सिपाही से आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बना दिया गया।

एसटीएफ में रहने के दौरान भी इसने करीब 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया। कहते हैं कि महकमे में वो बड़े अधिकारियों से अपनी काफी अच्छी सेटिंग रखता है। यही वजह है कि उस पर लगे हत्या जैसे आरोप में भी उसके साथ कभी कुछ नहीं हुआ। लेकिन व्यापारी की हत्या वाला ये केस इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत सरकार के बेहद उल्टा पड़ गया है। जिसमें सीएम योगी खुद बैकफुट पर आ गए हैं।

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