लूट का माल कहां गया? सुल्तानपुर में हुई लूट को लेकर कारोबारी ने उठाए सवाल, अभी तक 50 किलो चांदी और 1.9 किलोग्राम सोना 'गायब'
Mangesh Yadav Fake Encounter Latest News Updates: यूपी के सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार में 28 अगस्त को सर्राफा कारोबारी भरत सोनी के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की डकैती हुई थी, लेकिन अभी तक डकैतों के कब्जे से वो माल बरामद नहीं हुआ, जो उन्होंने वहां लूटा था।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
सर्राफा व्यापारी ने उठाए सवाल
लूट का सारा माल कहां गया?
आरोपियों के पास से सिर्फ 10 फीसदी माल बरामद
UP Encounter News: यूपी के सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार में 28 अगस्त को सर्राफा कारोबारी भरत सोनी के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की डकैती हुई थी, लेकिन अभी तक डकैतों के कब्जे से वो माल बरामद नहीं हुआ, जो उन्होंने वहां लूटा था। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर वो माल गया तो कहां गया?
कहां गया लूट का सारा माल?
कारोबारी भरत सोनी और उनके बेटे अतुल की माने तो 28 अगस्त को बदमाश उनकी दुकान से करीब 70 किलो चांदी और करीब 2 किलो सोना लूटकर ले गए थे। इसकी कुल कीमत 1 करोड़ 35 लाख रुपये है। बदमाश इसके साथ में 3 लाख नगद भी ले गए थे। भरत सोनी के मुताबिक, जेल भेजे गए बदमाशों से बरामदगी में अब तक सिर्फ 20 किलो चांदी और 40 हजार रुपये ही मिले हैं, लेकिन 50 किलो चांदी और 1.9 किलो सोना अभी तक नहीं मिला है। ऐसे में गंभीर सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इतने जेवरात और कैश कहां गायब हो गया?
आपको बता दें कि इस केस के आरोपी मंगेश यादव को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। डकैती के मामले के मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। तीन अन्य आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में घायल होने के बाद गिरफ्तार कर लिया।
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28 अगस्त यानी बुधवार के दिन करीब 12:15 बजे 5 बदमाश सुल्तानपुर शहर कोतवाली के ठठेरी बाजार स्थित भरत ज्वैलर्स में घुसे थे। दो बदमाशों ने हेलमेट पहन रखा था तो वहीं 3 बदमाशों ने नकाब। बदमाश अंदर घुसते ही दुकान के मालिक भरत और उनके बेटे अतुल के साथ मौजूद एक अन्य कारोबारी को तमंचा दिखाकर बंधक बना लिया। 4-5 मिनट में डकैती को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए थे। इसके बाद यूपी पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा, जब कि एक आरोपी की मौत हो गई। इस एनकाउंटर को लेकर भी तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
मंगेश यादव के एनकाउंटर पर उठ रहे हैं सवाल
सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज है कि एसटीएफ ने केवल मंगेश यादव (Mangesh Yadav Fake Encounter)का एनकाउंटर किया, जबकि विपिन सिंह, जो इस लूट का मुख्य साजिशकर्ता था, बचकर कोर्ट में सरेंडर कर गया। इस पर एसटीएफ और योगी सरकार की कार्रवाई पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं।
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घटना के बाद 4 सितंबर को ही विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था, जबकि मंगेश यादव फरार था। उसे 5 सितंबर को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था। अब दोनों अपराधियों की क्राइम हिस्ट्री भी सामने आई है। इस लूटकांड में मुख्य आरोपी विपिन सिंह के खिलाफ दर्ज केसों की संख्या और गंभीरता मंगेश यादव से कहीं अधिक है।
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आरोपी विपिन पर ज्यादा, जब कि मंगेश पर कम मामले दर्ज थे
विपिन सिंह एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ गुजरात और उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में लूट, डकैती, चोरी, और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले दर्ज थे, जब कि विपिन सिंह पर कुल 36 केस दर्ज हैं, जिसमें सूरत में दिनदहाड़े लूट जैसी संगीन वारदातें शामिल हैं। इसके अलावा, विपिन पर आर्म्स एक्ट के तहत भी 7 मामले दर्ज हैं। मंगेश यादव पर जहां केवल एक गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज था, वहीं विपिन सिंह के खिलाफ सुल्तानपुर, अमेठी और रायबरेली में कई गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा, विपिन सिंह के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले भी अमेठी, रायबरेली और लखनऊ में दर्ज हैं।
इसके अलावा मंगेश की बहन का दावा है कि घटना वाले दिन वो उसके साथ 2 घंटों तक था, ऐसे में वो कैसे वारदात में शामिल हो सकता है? साथ-साथ उसके परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस उसे घर से 2 सिंतबर को देर रात उठा कर ले गई थी और 5 सितंबर को उसका एनकाउंटर कर दिया था, जब कि यूपी पुलिस का कहना है कि वो एक अन्य आरोपी के साथ बाइक से भाग रहा था। उसने पुलिस पर गोली चलाई और जवाब में पुलिस को भी गोलियां चलानी पड़ी और आरोपी ढेर हो गया। इसके अलावा एनकाउंटर करने वाली टीम पर भी सवाल उठ रहे हैं। टीम के सदस्यों ने न तो Bullet Proof जैकेट पहनी थी और न ही कुछ सदस्यों ने जूते। ऐसे में सवाल ये है कि पुलिस बिना तैयारी के कैसे एनकाउंटर करने चली गई थी?
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