मालीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री से सहरसा बलात्कार मामले में एसआईटी जांच का आग्रह किया

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मालीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री से सहरसा बलात्कार मामले में एसआईटी जांच का आग्रह किया
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र
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Bihar School Rape Swati Maliwal Latest News: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सहरसा के स्कूल में एक छात्रा से बलात्कार की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आग्रह किया और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करने की मांग की।

डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कुमार को भेजे गए एक पत्र में घटना की ‘‘गहन जांच’’ का अनुरोध किया और कहा कि राज्य सरकार को पीड़िता को कानूनी सहायता और मुआवजा देना चाहिए।

मालीवाल ने कहा कि डीसीडब्ल्यू को ‘‘बेहद परेशान करने वाली’’ घटना के संबंध में एक शिकायत मिली है। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘आरोप है कि स्कूल प्रबंधक के 30 वर्षीय बेटे ने स्कूल के अंदर दो साल से अधिक समय तक लगातार लड़की का यौन उत्पीड़न किया। यह भी आरोप है कि आरोपी ने लड़की का वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल किया।’’

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मालीवाल ने कहा कि शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि स्कूल की महिला प्रधानाध्यापक ने अपराध को अंजाम देने में नियमित रूप से आरोपी की सहायता की। उन्होंने कहा, ‘‘मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, पीड़िता ने आयोग को सूचित किया है कि आज तक बिहार सरकार का कोई भी व्यक्ति उससे नहीं मिला है।’’

मालीवाल ने पत्र में कहा, ‘‘आगे की कानूनी सहायता और मुआवजा अभी तक पीड़िता तक नहीं पहुंचा है। साथ ही, पीड़िता के परिवार ने मामले की जांच के तरीके पर भी चिंता जताई है।’’

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उन्होंने कहा कि ‘‘दिल दहला देने वाली’’ इस घटना ने पीड़िता को ‘‘गहरा सदमा’’ पहुंचाया है। मालीवाल ने मुख्यमंत्री से ‘‘गहन और व्यापक जांच’’ सुनिश्चित करने के लिए मामले की एसआईटी से जांच कराने का आग्रह किया।

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डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, ‘‘पीड़िता की सहायता के लिए, सरकार को मामले में एक विशेष अभियोजक नियुक्त करना चाहिए, जिसकी त्वरित सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में की जानी चाहिए।’’

मालीवाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि पीड़िता को सदमे से उबरने में मदद करने के लिए पर्याप्त मुआवजा मिले। ​उन्होंने पत्र में कहा कि राज्य को पीड़िता के उचित चिकित्सा उपचार और पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान करनी चाहिए तथा सरकार के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि को लड़की के परिवार से तत्काल मिलना चाहिए एवं ‘‘हर संभव तरीके से उसकी मदद करनी चाहिए।’’

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