बेरहम SHO ने छुट्टी नहीं दी, सिपाही का घर उजाड़ा, बीवी और नवजात की गई जान
SHO Death Contro : जालौन के एक थाने में तैनात सिपाही को उसके एसएचओ ने छुट्टी नहीं दी और प्रसव पीड़ा से गुजर रही उसकी पत्नी को वक्त पर इलाज नहीं मिल सका जिससे उसकी और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई।
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Jalaun News: SHO की छुट्टी न देने की एक सनक ने एक सिपाही का घर उजाड़ दिया और उसके घर की दो जिंदगी खत्म हो गई। ये किस्सा मैनपुरी के उस सिपाही का है जिसे उसके SHO ने छुट्टी नहीं दी और उसके घर पर उसकी पत्नी और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। हैरत की बात ये है कि मरने वाली महिला और सिपाही की पत्नी भी आरपीएफ में सिपाही थी। इस मामले के खुलासे के बाद से ही मैनपुरी और जालौन के इलाके में पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।
सिपाही का घर तबाह किया SHO की जिद ने
जालौन के रामपुरा थाने में तैनात सिपाही विकास के साथ ये हादसा हुआ। ड्यूटी ऑफिसर SHO की एक सनक ने अनर्थ कर दिया। जालौन के रामपुरा थाने में तैनात सिपाही विकास का कहना है कि उसके घर से फोन आया था कि उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई है और वह फौरन घर आ जाए। इस फोन के बाबत जब उस सिपाही ने अपने थानाध्यक्ष को बताया और छुट्टी देने की गुहार की तो उन्होंने छुट्टी देने से साफ मना कर दिया।
रास्ते में हो गई जच्चा बच्चा की मौत
सिपाही विकास का कहना है कि जब उसे उसे छुट्टी नहीं मिली तो उसने घरवालों से कहा कि वो लोग पत्नी को लेकर अस्पताल जाएं। सिपाही के घरवालों ने उसे सीएचसी ले गए। वहां उसने बच्ची को जन्म दिया। मगर अचानक हालत खराब हुई तो डॉक्टरों ने आगरा रेफर कर दिया, लेकिन जच्चा-बच्चा, दोनों की हालत और खराब हो गई और फिर मौत हो गई।
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कई हफ्तों से कर रहा था मिन्नतें
पीड़ित सिपाही विकास निर्मल साल 2018 बैच का सिपाही है। मिली जानकारी के मुताबिक, वह एक सप्ताह से रामपुरा थाना इंचार्ज अर्जुन सिंह से गर्भवती पत्नी का प्रसव कराने का हवाला देते हुए कई बार मिन्नतें करता रहा। अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी के मुताबिक विभागीय जांच में थानाध्यक्ष दोषी पाए गए हैं। थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने गलती की है, उन्हें सिपाही को छुट्टी देनी चाहिए थी उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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