मुख्तार का पेट दर्द तो बस बहाना है! माफिया डॉन ने इसलिए फैलाई 'Slow Poison' की सनसनी
Mukhtar Ansari Slow Poison : यूपी का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को वैसे भी हर काम को सनसनीखेज तरीके से करने का पुराना शौक है। नई सनसनी उसने जेल में स्लो प्वाइजन की फैलाई है
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UP MAFIA GANG: यूपी के इंटरस्टेट गैंग यानी IS-191 का नाम तो शायद सुना हो। इसी गैंग का सरगना है हिस्ट्रीशीटर मुख्तार अंसारी। जिसके जुर्म की हुकूमत पूरे सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही नहीं बल्कि पंजाब और दिल्ली तक चलती थी। मगर एक के बाद एक अदालत के फैसलों ने इस माफिया सरगना के साम्राज्य की नींव हिला दी।
सनसनीखेज बनाए रखने में मजा
उत्तर प्रदेश का माफिया सरगना और खुद को डॉन कहलाने वाले मुख्तार अंसारी को खुद को सनसनीखेज बनाए रखने में मजा आता है। पहले जब वो आजाद था और उसके बाजुओं का जोर बेहिसाब चल रहा था, तब भी अपने हरेक हरकत को वो सुर्खियों में देखने का शौकीन था। अब मुख्तार अंसारी जेल में बंद है। कुछ बीमार भी है और उसका दिमाग भी चलना बंद हो गया है लेकिन उसका सनसनी मचाने का शौक खत्म नहीं हुआ। बल्कि उसने जेल के भीतर जेल पर ही ऐसी तोहमत लगा दी जिसने पूरे सूबे में सनसनी फैला दी।
अंसारी को ज्यादा खाने की सनक
असल में डायबिटीज का मरीज मुख्तार अंसारी को ज्यादा खाने की सनक है। और ज्यादा खाने की वजह से उसके पेट में दर्द भी होता रहता है। लेकिन अबकी बार जब उसके पेट में दर्द उठा तो उसने ये कहकर सनसनी फैला दी कि उसे खाने में जहर दिया जा रहा है। अब जरा इस सवाल की वजह समझिए। बांदा जेल में बंद चल रहे मुख्तार अंसारी की सोमवार देर रात तबीयत बिगड़ती है। मंगलवार को उसे इलाज के लिए रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया जाता है। 14 घंटे के भीतर ही उसकी सेहत में सुधार हो जाता है। मंगलवार की शाम करीब 6.15 बजे उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है और शाम तक मुख्तार को डिस्चार्ज करके वापस बांदा जेल भी भेज दिया जाता है।
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मुख्तार अंसारी का हेल्थ बुलेटिन
इस बीच मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कौशल ने मुख्तार अंसारी का एक हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया जिसमें बताया गया था कि मुख्तार को पेट में दर्द, मल त्यागने में परेशानी और पेट फूलने की शिकायत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इस बीच मुख्तार के भाई और गाजीपुर से अखिलेश यादव की पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी बड़े आरोप लगाए। अफजाल का आरोप है कि अस्पताल में मुख्तार अंसारी को मारने की साजिश रची जा रही है और उन्हें स्लो पॉयजन दिया जा रहा है।
- मुख्तार अंसारी की तरफ से पहले भी खाने में धीमा जहर दिए जाने का आरोप लगाती शिकायत कोर्ट में बताई गई थी।
- कोर्ट ने जेल प्रशासन को इलाज के साथ साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए
- कोर्ट के आदेश के बाद दो डॉक्टर का पैनल बनाकर मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य की जांच की गई थी। तब डॉक्टरों ने जेल प्रशासन को बताया कि रोजा रखने के कारण तबीयत बिगड़ रही है।
- डॉक्टर के मुताबिक लंबे वक्त तक भूखा रहने के बाद ज्यादा खा लेने से मुख्तार को दिक्कत हो रही है।
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खाना अच्छी तरह से जांचा जाता
जेल प्रशासन का कहना है कि मुख्तार को जो खाना दिया जाता है उसे अच्छी तरह से जांचा जाता है। पहले एक सिपाही और फिर डिप्टी जेलर वही खाना खाते हैं, तब मुख्तार को वो खाना दिया जाता है। इसलिए धीमे जहर के आरोप बेबुनियाद हैं। जेल के डॉक्टर कहते हैं कि रोजे में लंबे वक्त तक भूखा रहकर मुख्तार बाद में इतना ज्यादा खा लेता है कि ओवर ईटिंग की वजह से उसके पेट में दर्द हो जाता है और वो बीमार पड़ जाता है। जेल के अधिकारियों का कहना है कि ये नहीं भूलना चाहिए कि वो एक शातिर माफिया डॉन रहा है। उसने तरह तरह के स्वांग से चकमा देने का हुनर सीखा है। लिहाजा उसकी बात को तब तक गंभीरता से नहीं लिया जा सकता जबकि कोई पक्के सबूत सामने न आ जाएं।
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किए जुर्मों की सजा काट रहा
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खौफ का दूसरा नाम बन चुका मुख्तार अंसारी इस वक्त बांदा जेल में अपने किए जुर्मों की सजा काट रहा है और फिलहाल उसकी सजा का कोई अंत नहीं है। हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, गैंगस्टर, NSA जैसी संगीन धाराओं में करीब 65 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं।
बीते बुधवार को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ अदालत का एक और फैसला आया। जिसमें आर्म्स एक्ट से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यानी अब रह रहकर उसके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में एक एक करके सजा मिल रही है। देखा जाए तो बीते 18 महीनों के दौरान इस माफिया डॉन को 8वीं बार सजा सुनाई गई है। मुख्तार अंसारी को फर्जी आर्म्स लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यानी इस माफिया सरगना के लिए अब उम्र भर सलाखों के पीछे काटने का कानूनी बंदोबस्त कर दिया गया है। सबसे हैरत करने वाला पहलू ये भी है कि मुख्तार अंसारी ही नहीं, उसका पूरा परिवार अब कानूनी जाल में पूरी तरह से फंसा नजर आ रहा है।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 केस
गैंग्स्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ अभी तक करीब 65 केस दर्ज हो चुके हैं, जिनमें वो सभी धाराएं शामिल हैं, जिन्हें कानून की भाषा में बेहद संगीन माना जाता है। खासतौर पर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंग्स्टर एक्ट के साथ साथ क्रिमिनल लॉ एक्ट और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट तक लगी हुई है। और इन्हीं तमाम मुकदमों में अब अदालत के फैसले भी आने शुरू हो गए हैं जो एक के बाद एक मुख्तार अंसारी को सलाखों के भीतर और भीतर पहुँचाती जा रही है।
वैसे अब तक 65 में से 8 मुकदमों में कोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है। जानना जरूरी है कि वो कौन कौन से मुकदमें थे जिनमें मुख्तारके खिलाफ कोर्ट का फैसला आ चुका है-
13 मार्च 2024: आईपीसी की धारा 428, 467, 468 और आर्म्स एक्ट के तहत दोष सिद्ध होने के बाद मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा इसके अलावा दो लाख रुपये का जुर्माना
15 दिसंबर 2023: कोयला कारोबारी नंदकिशोर रूंगटा और उनके भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में 5 साल 6 महीने की कारावास की सजा सुनाई थी और 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। ये केस वाराणसी के भेलूपुर में 1 दिसंबर, 1997 को दर्ज हुआ था।
5 जून 2023: कांग्रेसी नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई। अवधेश राय की वाराणसी के चेतगंज में 3 अगस्त, 1991 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
29 अप्रैल 2023: गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना भी लगाया। इसी केस में उनके मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को भी चार साल की सजा हुई।
25 फरवरी 2023: दिल्ली में दर्ज आर्म्स एक्ट और TADA एक्ट में भी मुख्तार अंसारी को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और करीब साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था
15 दिसंबर 2022: गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में 10 साल की सश्रम सजा सुनाई थी साथ ही अलावा 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
21 सितंबर 2022: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकने और धमकाने के मामले में सजा सुनाई। इस सजा के तहत मुख्तार को दो साल की जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जबकि वहीं धारा 506 के तहत 7 साल की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। ये मामला लखनऊ के आलमबाग का है
23 सितंबर 2022: लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट मामले में मुख्तार को पांच साल की सजा हुई थी। इसके अलावा 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
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